विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ॰ रणपाल सिंह कर्नल कमांडेन्ट से अलंकृत

May 15, 2024

चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ॰ रणपाल सिंह कर्नल कमांडेन्ट से अलंकृत
भारत सरकार द्वारा चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जीन्द के कुलपति को कर्नल की मानद उपाधि प्रदान कर उनकी कर्तव्य परायणता को सम्मानित किया है। देशभर से चयनित 19 कुलपतियों के प्रतिष्ठित मण्डल में से डॉ॰ रणपाल सिंह एक हैं, जिन्हें इस रूप में सम्मान प्राप्त हुआ है। डॉ॰ रणपाल सिंह कैडेट कोर के ‘कर्नल कमांडेंट’ कुलपति हैं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, सभा के प्रेरणा स्त्रोत, सेना मेडल विभूषित मेजर जनरल मनजीत सिंह मोखा, विशिष्ट अतिथि हरियाणा राज्य उच्चतर शिक्षा कॉन्सिल के उपाध्यक्ष, प्रोफेसर एस॰ के॰ गक्खड़, विशिष्ट अतिथि ब्रिगेडियर विकास राय, विशिष्ट अतिथि श्रीमति सुनीता सिंह ने कुलपति के कन्धों को चमकते हुए सितारों और राष्ट्रीय प्रतीक से सुसज्जित कर उन्हें इस उपाधि से अलंकृत किया। यह दृश्य भव्य रूप में अलंकृत होता हुआ विश्वविद्यालय के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय बन गया। निरन्तर बजती तालियों की गड़गड़ाहट ने सभागार को सम्मान और उल्लास की आभा से भर दिया। यह दृश्य विहंगम तब बना जब इस पल के साक्षी बनी सभी उपस्थितियों ने स्टैंडिंग ओवेशन में कर्नल डॉ॰ रणपाल सिंह के सम्मान की सराहना की।
कर्नल कमांडेंट के सम्मानित उपाधि अलंकरण के उपरान्त कुलपति कर्नल डॉ॰ रणपाल सिंह ने सभी का आभार अभिव्यक्त करते हुए कहा कि आज इस उपाधि और वर्दी को धारण कर अति प्रसन्न हूँ। किन्तु यह सम्मान केवल मेरा सम्मान नहीं अपितु चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय का सम्मान है। उन्होंने सर्वप्रथम भारत की माननीया राष्ट्रपति, भारतीय रक्षा मंत्रालय तथा आदरणीय महानिदेशक, राष्ट्रीय कैडेट कोर के प्रति हार्दिक धन्यवाद अर्पित किया और कहा कि भारत सरकार रक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय कैडेट कोर ने मुझ में जो विश्वास जताया है और चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय कैडेट कोर के कर्नल कमांडेंट की मानद उपाधि से मुझे विभूषित किया। मैं उस विश्वास का पूरा मान रखूंगा। मैं संकल्पित रूप से सभी को विश्वस्त करता हूँ कि अपने सेवा काल में अपने उत्तरदायित्व का निष्ठापूर्ण निर्वहन करूँगा। यह एक बड़ी जिम्मेदारी है जिसे मैं पूर्ण निष्ठा से निभाऊँगा और अपने राष्ट्र तथा विश्वविद्यालय के साथ एनसीसी के मूल्यों और सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध रहूँगा।
अपने अतीत के अनुभवों को साझा करते हुए उन्होने बताया कि इस वर्दी का सपना तो 1981 में देखा था जब इस वर्दी को पाने के लिए सीडीएस की परीक्षा एक नहीं बल्कि दो बार उत्तीर्ण की थी। फिर एसएसबी को माध्यम भी अपनाना चाहा किंतु भाग्य दूसरी दिशा की ओर उन्मुख हुआ। शिक्षा के क्षेत्र में प्रवेश किया। सहायक प्राध्यापक से प्राचार्य का सफर रहा और प्राचार्य का 19 वर्षीय कार्यकाल रहा। प्राचार्य से कुलपति का सम्मानित पद मिला और आज उसी पद के माध्यम से वही वर्दी का सपना साकार हुआ है। सम्मानजनक वर्दी को धारण कर अदम्य साहस और उत्साह से भर गया हूँ क्योंकि इस वर्दी की तासीर ही ऐसी है। इसे पहनने वाले व्यक्ति का रोम-रोम रोमांचित हो उठता है। जब से मैंने वर्दी धारण की है मेरे भीतर उमंग, साहस और जोश भर गया है। मैं धमनियों में रक्त की सरसराहट को महसूस कर रहा हूँ। मेरा उत्साह और देशभक्ति का जज्बा सौ गुणा हो गया है।
आगे उन्हें बताते हुए कहा कि हम विश्वविद्यालय में एनसीसी के जुड़ाव में नई यात्रा शुरू कर रहे है तो निश्चित ही यह यात्रा शिक्षा और चरित्र निर्माण की ओर अग्रसर होगी। जब हम भविष्य की ओर देखते हैं तो राष्ट्रीय शिक्षा नीति सर्वांगीण विकास की हामी भरती है। राष्ट्रवाद की भावना को बढ़ावा देने में सैन्य शिक्षा के महत्व को रेखांकित करती है। ऐसे सन्दर्भ में एनसीसी सैन्य शिक्षा की नींव और आधार दोनों को पुष्ट करने का काम करती है। राष्ट्रीय कैडेट कोर का उद्देश्य सिर्फ सैन्य प्रशिक्षण नहीं अपितु हमारे युवाओं में अनुशासन, नेतृत्व और देशभक्ति के मूल्यों को स्थापित करता है। आज के तेजी से बदलते दौर में एनसीसी युवाओं को जिम्मेदार नागरिक बनाने का कार्य कर रही है।
मुख्य अतिथि, मेजर जनरल मंजीत सिंह मोखा (सेना मेडल से विभूषित) ने राष्ट्रीय कैडेटस् कोर से खचाखच भरे सभागार को देखकर विश्वविद्यालय की भूरि-भूरि प्रशंसा की तथा उन्होंने कहा कि आर्म्ड फोर्सेस में कर्नल ऑफ द रेजिमेंट का सम्मान बहुत उल्लेखनीय या बहुत सीनियर अफसरों को मिलता है। डॉ॰ रणपाल सिंह को इस रैंक के साथ चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय एनसीसी विंग का कर्नल कमांडेंट घोषित करते हुए उन्हें खुशी हो रही है क्योंकि उनके कार्य सदैव सराहनीय घोषित हुए है। मैं माननीय कुलपति को कहना चाहूँगा कि अपने नेतृत्व में इसी प्रकार प्रतिबद्धता का परिचय देते रहे और अपनी इसी कार्यशैली को आगे विस्तार देते रहें। उनका जज्बा, उनके काम इसी तरह विश्वविद्यालय को उच्चे मुकाम देते रहेंगे।
उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय कैडेट कोर का कार्य विद्यार्थी जीवन में सैन्य प्रशिक्षण देना नहीं है अपितु उसे बेहतरीन अनुशासित नागरिक बनाने की शिक्षा देती है। एनसीसी कैडेट को आप कार्य करते हुए देखोगे तो आपको उनमें अलग ही जोश और उमंग नजर आएगी। भारत सरकार के जितने भी मिशन है उदाहरण के तौर पर स्वच्छ भारत अभियान, एक भारत श्रेष्ठ भारत, रक्तदान अभियानों आदि सभी में बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं और उन्हें सफल बनाने में अपनी जान लगा देते हैं। देश प्रेम केवल बोलने के लिए नहीं होता बल्कि वह आपके कर्मों से दिखना चाहिए। जैसे शहीद कैप्टन पवन और शहीद कैप्टन सतबीर ने अपने जीवन का सर्वोतम बलिदान देकर किया है।
और अंत में उन्होंने कहा कि हमें उस महान बलिदान का दर्द महसूस करना चाहिए जो हमारी सेना अपने देश, अपने लोगों को एक साथ और सुरक्षित रखने के लिए हर दिन कर रही है। उनका आदर्श वाक्य ‘सर्विस बिफोर सेल्फ’ यानि स्वयं से पहले सेवा। हमें जरूरत है उनके त्याग को समझने की। उस त्याग से प्रेरणा प्राप्त करने की।
अंलकरण समारोह का विशेष अंग जीन्द की धरती को गौरव देने वाले अमर सपूतों के सम्मान से भरा था। शहीद कैप्टन पवन खटकड़ के माता-पिता और शहीद कैप्टन सतबीर सिंह मलिक के माता-पिता और उनके भाई संदीप को मुख्य अतिथि, कर्नल डॉ॰ रणपाल सिंह ने सभी विशिष्ट अतिथियों की मौजूदगी में सम्मानित किया। स्मृति चिन्ह देने से पहले कैडेट आस्था ने जब दोनों अमर शहीदों के परिचय और शौर्य गाथा का उल्लेख किया तो प्रत्येक उपस्थिति के हृदय और आंखें नम थी। इन दोनों शहीदों ने अपने सर्वोच्च बलिदान से जीन्द की रत्नप्रसविनी धरा को गौरव दिया है। जीन्द का हर नागरिक उनके इस अमूल्य और अतुल्य बलिदान को भूला नहीं सकता।
कार्यक्रम के दौरान कुलसचिव प्रो॰ लवलीन मोहन, डॉ॰ मयंक, श्रीमति निहारिका, कर्नल आर॰ के॰ गोयत, कर्नल जे॰ एस॰ ढोडी, शहीद कैप्टन पवन खटकड़ के माता-पिता, शहीद कैप्टन सतबीर मलिक के माता-पिता और उनके भाई संदीप मलिक, हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी निदेशक डॉ॰ धर्मदेव विद्यार्थी, प्रो॰ सुनील ढुल, डॉ॰ पूनम मोर, डॉ॰ रमेश ढाण्डा, डॉ॰ संदीप कंधवाल, डॉ॰ रामनिवास, डॉ॰ अशोक चौधरी, अनिल लाठर, तथा विश्वविद्यालय से संबंधित सभी महाविद्यालयों के प्राचार्य, संकाय शिक्षाविद, छायाकार बन्धु, गैर-शिक्षण कर्मचारी मौजूद रहे। सभागार में राष्ट्रीय कैडिट कोर बटालियन 15 की सभी इकाइयों के कैडेट और अधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्य अतिथि ने विश्वविद्यालय आगमन पर सर्वप्रथम शहीद कैप्टन पवन के शहीद स्मारक पर आदर सहित पुष्पांजलि अर्पित की। सभी विशिष्ट अतिथि भी पुष्पांजलि नमन में उपस्थित थे। तत्पश्चात् मेजर जरनल मनजीत मोखा ने गार्ड ऑफ ऑनर की सलामी ली।
अलंकरण समारोह का मंच संचालन शोभनीय रूप में डॉ॰ अपूर्वा रेढू और एनसीसी कैडेट आस्था ने किया। दोनों मंच संचालकों की सभी ने भूरि-भूरि प्रशंसा की। आयोजन के प्रथम सत्र का प्रारम्भ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ अतिथियों के मंचीय स्वागत हुआ। स्वागत उपरान्त चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय के कुलगीत की स्वर लहरियों ने विश्वविद्यालय को गौरव भाव अर्पित किए। इसी रूप में अंलकरण समारोह के समापन पर राष्ट्रीय कैडेट कोर का गीत ‘हम सब भारतीय हैं’ गुंजायमान हुआ। पूरे सभागार में राष्ट्र प्रेम भावना की पराकाष्ठा थी।