अंतर क्षेत्रीय युवा महोत्सव
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय में आयोजित किए जा रहे अंतर क्षेत्रीय युवा महोत्सव के दूसरे दिन के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में विधायक जींद डॉ० कृष्ण चंद्र मिड्डा रहे। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को अपनी शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि युवा महोत्सव जैसे कार्यक्रमों के द्वारा हरियाणवी संस्कृति को समृद्ध करने में सहायता मिलती है और समाज में निहित कुरीतियों को दूर करने के उपाय भी प्राप्त होते हैं। इस अवसर पर उन्होंने राष्ट्रीय मतदाता दिवस के महत्व को भी उजागर किया तथा इस अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा ऑनलाइन माध्यम से माननीय प्रधानमंत्री जी का उद्बोधन प्रसारित किया गया।
इस अवसर पर कार्यक्रम के संरक्षक विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ० रणपाल सिंह ने कहा की सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से विद्यार्थियों में निहित प्रतिभा को बाहर निकालने के लिए यह एक उत्तम साधन होता है। हमारे ग्रामीण परिवेश के विद्यार्थियों में प्रतिभा का अभाव नहीं है, आवश्यकता है तो एक उपयुक्त मंच की। विद्यार्थियों को अपना हुनर प्रदर्शित करने के उद्देश्य एवं अपने विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए विश्वविद्यालय ने क्रमबद्ध तरीके से यह सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया है।
कार्यक्रम की संरक्षिका विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रोफेसर प्रोफेसर लवलीन मोहन ने प्रतिभागियों को अपनी शुभकामनाएँ प्रेषित करते हुए कहा कि जिस तरह विभिन्न विधाओं में विभिन्न प्रतिभागी जी-तोड़ मेहनत करके अपना प्रदर्शन करते हैं और उसमें विजय प्राप्त करते हैं, उसी प्रकार जीवन को भी उत्सव की तरह मनाने के लिए उन्हें परिश्रम करना चाहिए। परिश्रम ही सफलता की कुंजी है इसका कोई शॉर्टकट नहीं होता।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित प्रोफेसर एन०सी० गौतम पूर्व कुलपति एमजीसीजीवी विश्वविद्यालय चित्रकूट रहे। प्रतिभागियों को संबोधित करते उन्होंने कहा कि विद्यार्थी जीवन जो मनुष्य जीवन का अमूल्य समय होता है। इस कालखण्ड की अवधि में जीवन का निर्माण होता है। हर विद्यार्थी को अपना लक्ष्य निर्धारित करना होता है। प्रत्येक विद्यार्थी को लक्ष्य प्राप्ति के लिए कठोर मेहनत करनी चाहिए। विद्यार्थी जीवन में लिए जाने वाले निर्णय जीवन के अंतिम छोर तक चलते है। उन्होंने कहा कि वे माँ-बाप सौभाग्यशाली होते है, जिनकी पहचान उनके बच्चों से होती है। एक विद्यार्थी को ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए जिससे उसके माँ-बाप का सिर झुके। उन्होंने कहा कि जीवन में बहुत संघर्ष आते है विजय वही होता है जिसके पास धैर्य होता है। जीवन में कुछ प्राप्त करने के लिए शिष्टाचार, शालीनता आवश्यक है। उन्होंने अपनों से छोटे का सम्मान करने की और दूसरों से ज्ञान सांझा करने की बात भी कही।
अन्य विशिष्ट अतिथि के रूप में श्रीमान देवव्रत ढाण्डा प्रधान जाट धर्मशाला जींद रहे। उन्होंने प्रतिभागियों को अपनी शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि सांस्कृतिक कार्यक्रम मनोरंजन के साथ लोक शिक्षण भी प्रदान करता है। इस तरह की प्रतियोगिताओं से विद्यार्थियों में आत्म चिंतन, चरित्र निर्माण, सहनशीलता और आत्मविश्वास के गुणों का समावेश होता है।
युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम निदेशालय के निदेशक डॉ० विजय कुमार ने बताया कि रसिया समूह नृत्य हरियाणवी, हिंदी स्किट
ग्रुप डांस जनरल, वन एक्ट प्ले, ग्रुप सॉन्ग हरियाणवी, मिमिक्री, एकल शास्त्रीय वाद्ययंत्र (एनपी), एकल शास्त्रीय वाद्ययंत्र (पी), एकल लोक वाद्ययंत्र हरियाणवी, भारतीय आर्केस्ट्रा, सांग, क्ले मॉडलिंग कोलाज, कार्टूनिंग, संस्कृत में संवाद और संगोष्ठी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है जिसमें 14 टीमें भाग ले रही है।