ट्रेनिंग व प्लेसमेंट विभाग द्वारा एक व्याख्यान का आयोजन
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय जींद के ट्रेनिंग व प्लेसमेंट विभाग द्वारा एक व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसका शीर्षक 'स्वावलंबी भारत हेतु रोजगार सृजन एवं उद्यमिता' रहा।
जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में डॉ राजेश गोयल सेक्रेटरी ऑफ हरियाणा स्टेट बोर्ड ऑफ़ टेक्निकल एजुकेशन से रहे। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय कुलसचिव प्रोफेसर लवलीन मोहन व डीन एकेडमी अफेयरस प्रोफेसर एस.के सिन्हा ने शिरकत की। इस कार्यक्रम के संयोजक ट्रेनिंग प्लेसमेंट के अधिकारी डॉ जितेंद्र कुमार रहे। डॉ जितेंद्र ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट के निदेशक ने बताया कि स्वरोजगार के माध्यम से डेयरी उत्पाद ,मत्स्य पालन, कृषि, पशुपालन आदि में स्वरोजगार को सफल बनाने के लिए किस प्रकार के प्रशिक्षण की आवश्यकता है सरकारी संस्थाओं से लोन किस प्रकार से लिया जा सकता है मुर्गी पालन बैंकिंग सेक्टर एवं मैनेजमेंट में किस प्रकार से अपने विद्यार्थियों को प्रशिक्षित किया जा सकता है उन्होंने ऐसे भी विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया जो अपने शिक्षण के साथ-साथ स्वरोजगार करके कुछ जीविकोपार्जन करते हैं।
डॉ जितेंद्र ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट के निदेशक ने बताया कि विश्वविद्यालय में रोजगार सूचना केंद्र की स्थापना भी पूर्व में की जा चुकी है इसलिए नौकरी लेने वाले नहीं नौकरी देने वाले बनने की आवश्यकता है इसके लिए हमें चार प्रकार के काम करने होगे १) जन जागरण के माध्यम से हम विद्यार्थियों के अभिभावकों को जागरूक कर सकते हैं
२)रोजगार सृजन केंद्रों की स्थापना करना जिसमें बच्चे रोजगार देने वाले केंद्रों की स्थापना में किस प्रकार से सरकार द्वारा बताए गए संस्थाओं से ट्रेनिंग एवं लोन प्राप्त कर सकते हैं ३)रिसर्च इनोवेशन इनक्यूबेटर सेंटर बनाना ऐसे लोगों पर काम करना जिन्होंने स्वरोजगार के माध्यम से बहुत से लोगों को रोजगार दे रखा है उनकी सक्सेस स्टोरीज को बच्चों को बताना ताकि सभी बच्चे प्रोत्साहित हो सके
४) उपरोक्त सभी का क्रियान्वयन करने की भी आवश्यकता है इस पर विश्वविद्यालय में काम चल रहा है
मंच का संचालन योग विभाग की प्राध्यापिका कुमारी सुमन पुनिया द्वारा किया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चरणों में दीप जलाकर किया गया।
मुख्य वक्ता डॉ राजेश गोयल ने सभी विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत युवाओं का देश है। युवा ही भारत की पहचान है। क्योंकि भारत में 65% लोग युवा है और यह किसी भी देश की तुलना में सबसे ज्यादा है। उन्होंने कहा कि देश के युवाओं को देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और देश को विश्व शक्ति व विश्व गुरु बनाने के लिए आगे आना चाहिए। उन्हें नौकरी के पीछे ना भागकर बल्कि अपने खुद का व्यवसाय स्थापित करना चाहिए जिससे वह ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार दे सकें। भारत देश के सभी युवाओं को नौकरी देने वाला बनना चाहिए जिससे देश व समाज का आर्थिक सामाजिक व अध्यात्मिक विकास हो सके। उन्होंने कहा कि हमें कभी भी छोटी सोच नहीं रखनी चाहिए क्योंकि छोटा सोचना अपराध है, छोटा बन्ना अपराध नहीं है। अपने लिए ही नहीं बल्कि समाज के लिए भी उधमीय बनकर लोगों को रोजगार देना चाहिए और देश की आर्थिक व्यवस्था को आगे बढ़ाना चाहिए। देश में हर युवा के मन में अपना काम, स्वरोजगार की भावना होनी चाहिए जो देश को बदल सके लोगों को रोजगार देने वाला बनना चाहिए। विश्वविद्यालय ने विद्यार्थियों के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए उनका साथ देना चाहिए और उनके लिए बहुत सारी मुहिम के तहत उनका विकास और उनकी स्किल को ऊपर उठाना चाहिए। विश्वविद्यालय परिवार को विद्यार्थियों की हर मामले में सहायता करनी चाहिए। विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों को उनके कौशल के हिसाब से काम मिलना चाहिए जिससे विद्यार्थी कुछ एकेडमी गतिविधियों के बारे में ज्ञान प्राप्त कर सकें और उनसे कुछ अर्न कर सकें। उन्होंने विद्यार्थियों को कुछ उदाहरणों के माध्यम से समझाया कि किस तरीके से हम हालातों से लड़कर और हार न मानकर खुद को ऊपर उठा सकते हैं, देश और समाज के लिए एक उदाहरण बनकर आगे आ सकते हैं और युवाओं को रोजगार दे सकते हैं। इस प्रकार का भाव हमारे युवाओं में होना चाहिए। उनको आजीविका का साधन शुरू करना चाहिए, ऐसा लक्ष्य सभी का होना चाहिए और देश को आगे लेकर जाना चाहिए।
इस मौके पर विश्वविद्यालय कुलसचिव प्रोफेसर लवलीन मोहन ने सभी विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय विद्यार्थियों के लिए सीखो और कमाओ स्कीम के तहत विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय में काम करने का मौका देगी और उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों के लिए नेट की कोचिंग दी जाएगी जो भी विद्यार्थी नेट की कोचिंग लेना चाहता है, वह अपने समय को बढ़ाकर विश्वविद्यालय में कक्षा समाप्त होने पर नेट की कोचिंग ले सकते है। जो विश्वविद्यालय में विषय एक्सपर्ट द्वारा निशुल्क दी जाएगी। विश्वविद्यालय में जितने भी युवा है उन्हें देश और समाज के लिए हमेशा अपना महत्वपूर्ण योगदान देना चाहिए और नौकरी की तरफ ध्यान ना दे कर नौकरी देने वाला बनना चाहिए ऐसी हर विद्यार्थी की सोच होनी चाहिए। उन्हें देश और समाज को आजीविका का साधन देना चाहिए और एक आने वाली पीढ़ी को उदाहरण देना चाहिए कि वह भी आगे चलकर देश की तरक्की और विकास में अपना विशेष योगदान दें।
डीन एकेडमिक अफेयर प्रोफेसर एसके सिन्हा ने कहा कि भारत में युवा पीढ़ी सबसे ज्यादा है और इन युवाओं को ही भारत के कल के लिए सोचना चाहिए की किस प्रकार हम भारत को दोबारा विश्व गुरु बना सकते हैं और एक स्वरोजगार की भावना पैदा कर सकते हैं। विश्वविद्यालय में भी विद्यार्थियों को इस प्रकार के नए आयामों के बारे में गहनता से सोचना चाहिए उनके जीवन में लक्ष्य होना चाहिए।
जिसे वह उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपना संपूर्ण समर्पण देश और समाज को दे सकें। प्रोफेसर एसके सिन्हा ने मुख्य वक्ता व बाहर से आए सभी महानुभाव का विश्वविद्यालय पहुंचने पर हार्दिक अभिनंदन किया।
इस मौके पर विश्वविद्यालय के शिक्षक व गैर शिक्षक स्टाफ और विद्यार्थी मौजूद रहे।