“डॉ भीम राव अम्बेडकर” के माध्यम से विद्यार्थियों को बाबा साहेब अम्बेडकर के जैसे संघर्ष करने की दी गयी प्रेरणा
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जींद में फिल्म “डॉ भीम राव अम्बेडकर” के माध्यम से विद्यार्थियों को बाबा साहेब अम्बेडकर के जैसे संघर्ष करने की दी गयी प्रेरणा।
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जींद में बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर की जयंती के उपलक्ष में विद्यार्थियों को डॉ बाबा साहेब अम्बेडकर के संघर्ष व समाज सुधार सम्बंधित फिल्म दिखाई गयी।
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जींद में भारतीय संविधान निर्माता भारत रत्न बाबा साहब डॉ भीम राव अम्बेडकर जी के जीवन और राष्ट्र निर्माण में बाबा साहेब के योगदान से संबंधित “डॉ भीम राव अम्बेडकर” फिल्म दिखाई गई। फिल्म में बाबा साहब द्वारा किए गए संघर्षो, विशेष तौर पर नारी उत्थान, दलित के साथ होने वाले शोषण एवं अन्य पीड़ित वर्गों के उत्थान और तमाम विपरीत परिस्थितियों से जूझते हुए बाबा साहब के राष्ट्र निर्माण में योगदान को दर्शाया गया है। जिसमें सैकड़ों छात्रों ने बहुत ही रूचि के साथ सम्पूर्ण फिल्म को देखा और उससे प्रेरणा प्राप्त की। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रणपाल सिंह ने डॉ भीम राव अम्बेडकर जी के जीवन में आने वाले संघर्षों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बाबा साहेब अम्बेडकर ने शिक्षा को उन्नति और सामाजिक समरसता का माध्यम माना। उन्होंने शिक्षा को अपने जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाया और स्वतंत्रता, स्वावलंबन और आत्म-समर्पण के माध्यम से जनता को शिक्षित करने का संकल्प लिया। उनका जीवन विद्यार्थियों को शिक्षा के महत्व को समझने और उसे अपने जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाने के लिए प्रेरित करती है। उनकी उपलब्धियों व उनके द्वारा किए गए समाज सुधार के कार्यो और सामाजिक परिवर्तनों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि डॉ अम्बेडकर जी भारत के ही नहीं अपितु विश्व के प्रमुख विद्वान रहे है । बाबा साहब अम्बेडकर ने किसी वर्ग विशेष के लिए नहीं बल्कि सम्पूर्ण समाज के अंदर फैली कुरीतियों को दूर करने के लिए काम किया है।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रो० लवलीन मोहन ने कार्यक्रम के उद्देश्य के बारे मे बताते हुए कहा कि बाबा साहेब अम्बेडकर ने समाज में सुधार के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित किया। उन्होंने दलितों और अन्य वंचित समुदायों के लिए उन्नति और समानता की मांग की। उनका योगदान विद्यार्थियों को सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति जागरूक करता है और उन्हें सामाजिक बदलाव के लिए सक्रिय भागीदार बनाता है।
इस दौरान एससी/एसटी/ओबीसी/सेल के नोडल अधिकारी डॉ० राकेश सिंहमार ने बताया की बाबा साहब अम्बेडकर ने समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए काम किया और कहा कि बाबा साहेब अपने समय के सर्वोपरि छात्र रहे है, और छात्रों को बाबा साहब के जीवन से प्रेरणा लेकर के उनके विचारों और सिद्धांतों को अनुसरण करने की जरूरत है और कहा कि बाबा साहेब अम्बेडकर ने समाज में समानता के लिए लड़ने का संकल्प किया। उन्होंने उस समय की सामाजिक असमानता