नए एन.एस.एस. वॉलिंटियर्स के लिए एक ओरिएन्टेशन प्रोग्राम
आज दिनांक 9 दिसंबर 2022 को एन.एस.एस. (रास्ट्रीय सेवा योजना) सेल, चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जींद के द्वारा 2022 में पंजीकृत नए एन.एस.एस. वॉलिंटियर्स के लिए एक ओरिएन्टेशन प्रोग्राम ऑडिटोरियम टीचिंग ब्लॉक –I मे किया गया। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की एनएसएस यूनिट से लगभग 200 बच्चों ने भाग लिया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय कुलपति डॉक्टर रणपाल सिंह जी ने बच्चों को उद्बोधन करते हुए बताया कि विश्वविद्यालय न केवल शैक्षणिक एवं शोध पर अपना कार्य करता है अपितु विश्वविद्यालय की सामाजिक भागीदारी को अहम मानते हुए भी राष्ट्रीय सेवा योजना जैसे कार्यक्रम को हमेशा प्रोत्साहित करता रहा है।
उन्होंने बताया कि बच्चे विश्वविद्यालय से शिक्षित होकर बेशक अच्छे पद हासिल कर ले लेकिन जब तक हर एक विद्यार्थी को उसकी समाज के प्रति भागीदारी का एहसास नहीं होता तब तक उसकी शिक्षा एवं हासिल किया पद का कोई महत्व नहीं है। राष्ट्रीय सेवा योजना का अर्थ यह नहीं है कि विद्यार्थियों को गांव में जाकर सफाई आदि का कार्य करना है अपितु यह एक लोगों में सफाई के प्रति जागरूकता फैलाने का कार्यक्रम है।
विश्वविद्यालय के डिन एकेडमिक अफेयर्स ने बताया कि विश्वविद्यालय की एन.एस.एस. शाखा द्वारा समय समय पर ऐसे कार्यक्रम करते रहना अपने आप में विश्वविद्यालय की सामाजिक भागीदारी को दिखाता है। एस.के. सिन्हा जी ने विद्यार्थियों को उनके जीवन में सामाजिक भागीदारी का एवं समरसता लाने के लिए एन.एस.एस. द्वारा ऐसे प्रोग्राम जाने के लिए एन.एस.एस. के प्रोग्राम समन्वयक डॉक्टर जितेंद्र कुमार जी का आभार व्यक्त किया।
ओरियंटेशन प्रोग्राम के अंत में कार्यक्रम समन्वयक डॉ जितेंद्र जी ने राष्ट्रीय सेवा योजना से संबंधित सभी गतिविधियों के बारे में एन.एस.एस. में पंजीकृत हुए नए विद्यार्थियों को अवगत कराया एवं बताया कि स्वतंत्रता के बाद हर एक सरकार का यह पूरा ध्यान रहा कि देश के बच्चों को शिक्षित करते हुए उन्हें समाज से जोड़ा जा सकता है एवं इसी कड़ी में राष्ट्रीय सेवा योजना का शुभारंभ किया गया था। राष्ट्रीय सेवा योजना मुख्य सिद्धांत “स्वयं से पहले आप” पर कार्य करता है और हमें यह बताते हैं कि हमें अपने जीवन में स्वार्थ में वशीभूत न होकर हमेशा लोकहित कार्य में अपना हित समझना चाहिए।
राष्ट्रीय सेवा योजना, राष्ट्रीय युवा शक्ति के व्यक्तित्व विकास हेतु युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार समाज के साथ मिलकर समाज के हित के कार्य करते हैं।
राष्ट्रीय सेवा योजना में मुख्य रूप से निम्न काम किए जाते हैं--
- सवच्छता एवंसफाई के काम करते हुए समाज को जागरूक करना।
- पौधारोपणव वनीकरण करना।
- सामाजिकसमस्याओं पर्यावरण, जल, शिक्षा, नशा, छुआ छात आदि के बारे में लोगों को जागरूक करना एवं शिक्षित करना
- सामुदायिकसर्वेक्षण करना एवं वृद्धाश्रम, गौशाला आदि में जाकर संवेदनशील होना।
सेवा कार्य क्यों किए जाते हैं और कैसे की जाते हैं इसके बारे में बताते हुए डॉ जितेंद्र जी ने बताया कि
Ø निस्वार्थ भाव से स्वयं प्रेरणा से दूसरों के दुख दर्द को दूर करने का प्रयास करते रहना सेवा है।
Ø सेवा का आदर्श एवं साक्षात प्रतिरूप मां है जो समर्पण भाव के साथ अधिकार भाव से सेवा करती है।
Ø हनुमान जी भी श्रेष्ठ सेवा प्रतिमान हैं जिन्होंने रामजी के कार्य के लिए कोई शर्त नहीं रखी।
Ø सेवा प्रति क्रियात्मक भी नहीं है यह तो धर्म है- सेवा परमो धर्म
Ø धर्म के तीन अर्थ –कर्तव्य, स्वभाव, समाज की धारणा इन तीन अर्थो की परिपेक्ष्य में सेवा धर्म है इसीलिए मात्र निस्वार्थ भाव से नहीं कर्तव्य भाव से, उससे आगे पूज्यते भाव, से उससे भी आगे शिव भाव से सेवा करना I
Ø साधन संपन्न लोग अगर सेवा करते हैं तो जीवन चलता है।
Ø अभी भी कई कमजोर कड़ियां मौजूद हैं आज भी देश में 22% आबादी दो समय के भोजन के लिए मोहताज है 6% आबादी कुपोषण का शिकार है 33 लाख बच्चे बाल मजदूरी में लगे हैं और 62% शहरी आबादी के मासिक कार्य रूपी ₹5000 प्रति माह और 75% ग्रामीण आबादी की आय ₹1000 प्रति महा है।
Ø स्वयंसेवकों के मन में संवेदना होनी चाहिए।
Ø राष्ट्रीय सेवा योजना का आधार सेवा भाव में ही है।
Ø सेवा का अर्थ अंगलभाषा का सर्विस नहीं है क्योंकि सर्विस में बदले में कुछ लिया जाता है।
Ø चैरिटी भी नहीं है क्योंकि वह केवल टैक्स बचाने का तरीका है।
Ø सेवा धन से मन से पूर्ण समर्पण में से किसी भी तरह हो सकती है।
Ø सेवा विभाग ने कार्य को तीन श्रेणी में बांटा है- शोषित को स्वाभिमानी बनाना, स्वावलंबी बनाना, अभाव दूर करना
Ø भारतीय पद्धति में शिवम के साथ त्याग जुड़ा है सभी समस्याओं का समाधान से भाव से जुड़ा है।
Ø सेवा भाव कर्तव्य बोध से जागता है स्वार्थ वश नहीं
Ø सेवा कार्य में अहंकार नहीं होना चाहिए
Ø सेवा कार्य के लिए ध्यान देने योग्य है कि रोटी कपड़ा और मकान की पूर्ति यह सेवा कार्य का तात्कालिक सफर है।
Ø वंचित व्यक्ति को हुनर सिखाकर स्वावलंबी बनाना दूरगामी सत्र की सेवा है।
Ø हम सब सेवा को ईश्वरीय कार्य मानते हुए सेवा कार्य में जुटे यही एक स्वयंसेवक का सबसे बड़ा कर्तव्य है।
आगे डॉक्टर जितेंद्र कुमार जी ने राष्ट्रीय सेवा योजना में करवाए जाने वाले विभिन्न शिविरों के बारे में बताते हुए कहा कि एनएसएस में विश्वविद्यालय स्तरीय शिविर, राज्य स्तरीय शिविर, राष्ट्रीय एकीकरण शिविर, एडवेंचर कैंप, मेगा कैंप, आरडी कैंप आदि में समय सेवकों की भागीदारी करवाई जाती है।
प्रोग्राम के अंत में डॉ जितेंद्र कुमार जी सड़क सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी बच्चों से सड़क सुरक्षा शपथ भी दिलवाई जिसमें हेलमेट पहनकर बाइक चलाना, सुरक्षा बेल्ट बांधकर गाड़ी चलाना रहा
एनएसएस ओरियंटेशन प्रोग्राम में डॉक्टर नवीन कुमार कार्यक्रम अधिकारी, डॉ जगपाल मान कार्यक्रम अधिकारी, डॉ सुमन पुनिया कार्यक्रम अधिकारी, श्री दीपक कुमार, श्री गौरव कुमार, श्री नवीन मलिक आदि उपस्थित रहे।