भूगोल विभाग से चार शोध पत्रों को प्रस्तुत किया गया
पंजाब भूगोल एसोसिएशन के तत्वावधान में दयाल सिंह कॉलेज, करनाल में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित किया गया। जिसका उद्देश्य भविष्य के लिए पर्यावरण और संसाधन प्रबंधन की नवीन तकनीक के विषयों पर चर्चा करना था। इस सेमिनार में चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग से डॉ. सितेंद्र मलिक, डॉ. डी. एस. यादव, श्री मंजीत सिंह भारत के मार्गदर्शन में चार शोध पत्रों को प्रस्तुत किया गया।
डॉ. डी. एस. यादव के मार्गदर्शन में शोध पत्र 'राखीगढ़ी विरासत स्थल की चुनौतियां और अवसर' को तीन विद्यार्थियों अन्नू, प्रशांत, पूजा द्वारा प्रस्तुत किया गया। इसमें यूनेस्को द्वारा संरक्षित राखीगढ़ी को पर्यटन स्थल के रूप में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसकी पहचान बनाने के लिए विभिन्न चुनौतियों तथा अवसरों पर आधारित मुख्य बिन्दुओं पर प्रकाश डाला गया।
इस सेमिनार में डॉ. डी. एस. यादव ने एक तकनीकी सत्र की अध्यक्षता की जिसमें चौदह शोध पत्रों का प्रस्तुतीकरण हुआ। डॉ० यादव ने अपने अध्यक्षीय भाषण में प्रस्तुत किये गए विभिन्न शोध पत्रों के निष्कर्षों को जनमानस तक पहुँचाने के लिए प्रतिभागियों को शपथ दिलाई। इन्होंने बताया कि शोध को हमें केवल कागज़ के टुकड़ों तक ही सीमित नहीं रखना है, बल्कि इन शोधों को हमें अपने-अपने स्तर पर जनमानस तक पहुँचाकर लाभ प्रदान करना है।
श्री मंजीत सिंह भारत के मार्गदर्शन में एक शोध पत्र प्रस्तुत किया गया जिसका विषय 'शहरी क्षेत्र में मनुष्य और बंदर का संघर्ष: जींद जिले का एक केस अध्ययन' था। इस शोध पत्र को रिया और प्रिया द्वारा प्रस्तुत किया गया। इस शोध में इन्होंने यह बताया कि बंदर शहरी पर्यावरण को अपनाकर अपने आप को कैसे इसके अनुकूल ढाल रहे हैं जिससे मानव तथा बंदरों के बीच टकराव हो रहा है।
छात्रा प्रेरणा द्वारा 'हरियाणा के अर्ध शुष्क भाग में वर्षा की विविधता का विश्लेषण' शोध पत्र द्वारा जिला जींद की बारिश की बदलती परिस्थितियों के बारे में बताया तथा शोधार्थी कुसुम द्वारा शोध पत्र 'हरियाणा के जींद जिले के भूजल स्तर में रुझान का अस्थायी विश्लेषण' पर जिले में हर साल जल स्तर कैसे-कैसे घट रहा है पर ध्यानाकर्षण किया गया।
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय जींद के कुलपति डॉ० रणपाल सिंह ने तथा भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ० विशाल वर्मा ने सभी छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए भविष्य के लिए शुभकामनाएँ दी।