राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020
आज दिनांक 8 अक्टूबर 2022 को
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जींद (हरियाणा) एवं एसोसिएशन ऑफ इंडियन कॉलेज प्रिंसिपल्स (एआईसीपी) की रजत जयंती के उपलक्ष में मार्कंडा नेशनल कॉलेज, शाहाबाद मार्कंडा, कुरुक्षेत्र (हरियाणा) और गोबिंदगढ़ पब्लिक कॉलेज, अलौर, खन्ना (पंजाब) के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन जिसका विषय "राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: शिक्षा में एक नया परिदृश्य, इसका कार्यान्वयन, उच्च शिक्षा में चुनौतियां और परिणाम" रहा, का आयोजन किया गया |
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व वक्ता प्रो. बृज किशोर कुठियाला अध्यक्ष, हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद, हरियाणा सरकार रहे, उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों एवं भावी योजनाओं के क्रियान्वयन पर अपने विचार प्रकट किए | उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति नवभारत का निर्माण करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही है एक सशक्त नीति है जिसके माध्यम से आदर्शवान, चरित्रवान, आत्मनिर्भर, सशक्त स्वावलंबी युवा पीढ़ी को तैयार करना है, जो राष्ट्र निर्माण के लिए उपयोगी हो | कुठियाला जी ने नई शिक्षा नीति क्रियान्वयन से संबंधित चुनौतियों और आने वाली संभावनाओं पर अपने उद्बोधन को रखा | उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति में इंटरडिसिप्लिनरी और मल्टीडिसीप्लिनरी शिक्षा का प्रावधान नियोजित है | उन्होंने कहा कि आने वाला छात्र डिजिटल छात्र होगा, जिसमें अपनी मातृभाषा, टेक्नोलॉजी एप्लीकेशन अनुभव और अपेक्षाओं की योग्यता होंगी |
उन्होंने शिक्षक की भूमिका के लिए भी कहा कि हमें बच्चों को आने वाले कल की चुनौतियों के लिए तैयार करना है | उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए एक्शन प्लान बनाया जाए और विवेकपूर्ण तरीके से इसका क्रियान्वयन किया जाए | इसी से भारत के सपनों का निर्माण होगा |
आने वाले समय में शिक्षक, टीचर और टॉट का संबंध बदलकर सीखने वाला और सीखने के लिए उत्साहित करने वाला मार्गदर्शन करने वाला, सहभागिता करने वाला और विमर्श के साथ बच्चों को शिक्षा प्रदान की जाएगी |
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति एक गहरे विचार विमर्श के पश्चात ही पंचायत स्तर से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक सभी आयामों के विचारों को संकलित करते हुए तैयार की गई है, जो भारत के युवाओं को गढ़ने की टकसाल के रूप में उपयोगी साबित होगी |
राष्ट्रीय शिक्षा नीति का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन करने के लिए स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के सभी अध्यापकों, प्राध्यापकों को स्वर्णिम भविष्य के निर्माण को निमित्त मानकर इसे अपनाने पर जोर दिया और इसके अंतर्गत आने वाले विभिन्न चुनौतियों को दूर करने के लिए सुसंगठित रूप से क्रियायोजना बनाकर क्रियान्वित करने की बात कही |
कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक डॉ. रणपाल सिंह, कुलपति, चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जीन्द ने डाटा साइंस, जलवायु परिवर्तन तथा भोजन के लिए नए रास्ते खोजने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से सतत सीखने की आवश्यकता को उजागर किया | उन्होंने समस्या समाधान को नैतिकता और तार्किकता के परिपेक्ष में खोजने पर जोर दिया | शिक्षा को शिक्षार्थी केंद्रित होने के साथ-साथ समन्वयात्मक, संतुलित विकास, नैतिकता, तार्किकता, संवेदनशीलता तथा रोजगारपरक रचनात्मकता, गुणवत्तापूर्ण साक्षरता के साथ साथ उच्चतर स्तर की शोध करने पर जोर दिया |
कार्यक्रम की संरक्षिका प्रो. लवलीन मोहन कुलसचिव, चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जीन्द ने बताया कि विश्वविद्यालय नई शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के लिए सतत प्रयासरत है तथा उन्होंने नई शिक्षा नीति के उद्देश्यों पर भी प्रकाश डाला |
एआईसीपी के जनरल सेक्रेटरी डॉ० संजय वकील ने नेल्सन मंडेला की उक्ति कि संसार में परिवर्तन लाने के लिए शिक्षा एक महत्वपूर्ण साधन है, के माध्यम से अपनी बात रखी, उन्होंने बताया कि एआईसीपी के सुझावों को डॉ० कस्तूरीरंजन ने शिक्षा नीति 2020 में शामिल किया है | भावी विकास और उत्कर्ष के लिए नवीन रचनात्मकता और शोध को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने जोर दिया |
एआईसीपी के अध्यक्ष डॉ० अशोक देसाई ने सिल्वर जुबली के उपलक्ष में युवाओं को उच्च विचारों से अभिप्रेरित करके समाज के नवनिर्माण में अपनी महती भूमिका निभाने के लिए इस तरह के आयोजन की सार्थकता बतायी |
डॉ० अशोक कुमार, प्रिंसिपल मारकंडा नेशनल कॉलेज शाहाबाद ने आए हुए मुख्य वक्ता और गणमान्य अतिथियों को राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्देश्यों से अवगत कराया |
कार्यक्रम के संयोजक प्रोफेसर एस०के० सिन्हा ने विश्वविद्यालय की शानदार उपलब्धियों व भावी रूपरेखा व विश्वविद्यालय में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पाँच शाखाओं का वर्णन किया | साथ ही खेल, शिक्षा व शोध के क्षेत्र में विश्वविद्यालय की उपलब्धियों से सभी को अवगत कराया | प्रोफेसर सिन्हा ने बताया कि दोपहर के बाद दो तकनीकी सत्रों के माध्यम से विभिन्न विश्वविद्यालयों से आए हुए गणमान्य अतिथियों जैसे - प्रो. राजबीर सिंह कुलपति महर्षि दयानंद, विश्वविद्यालय, रोहतक, प्रो. दिनेश कुमार कुलपति गुरुग्राम विश्वविद्यालय, गुरुग्राम, प्रो. अजमेर सिंह मलिक, कुलपति चौधरी, देवीलाल विश्वविद्यालय, सिरसा, प्रो० सुदेश, कुलपति बीपीएस महिला विश्वविद्यालय, सोनीपत, प्रो. एस. एस. तेवतिया, कुलपति, एनआईआईएलएम विश्वविद्यालय, कैथल के द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उद्देश्यों और भावी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए रोड मैप तैयार करने के लिए विचार प्रस्तुत किए जाएंगे | इस सम्मेलन में हरियाणा तथा भारत के विभिन्न राज्यों के प्रिंसिपल्स, प्राध्यापकों, शोधार्थियों, शिक्षार्थियों आदि के रूप में 500 से अधिक प्रतिभागियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है |
डॉ० नीना सेठ पजनी, प्रिंसिपल गोबिंदगढ़ पब्लिक कॉलेज अलौर पंजाब के द्वारा आए हुए सभी अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया गया |
मंच का संचालन डॉ० रचना श्रीवास्तव, सहायक प्राध्यापिका, प्रबंधन विभाग, चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय द्वारा किया गया |
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी अधिष्ठाता, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, टीचिंग और नॉन टीचिंग फैकल्टी मेंबर्स, शोधार्थी और विद्यार्थी उपस्थित रहे |