विश्वविद्यालय के कुलपति कर्नल (डॉ॰) रणपाल सिंह को राज्यपाल द्वारा प्रशंसा-पत्र से सम्मानित

October 12, 2024
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जींद के कुलपति कर्नल (डॉ॰) रणपाल सिंह को राज्यपाल द्वारा प्रशंसा-पत्र से सम्मानित, उत्कृष्ट नेतृत्व और समग्र विकास में अद्वितीय योगदान के लिए की सराहना।
कुलपति कर्नल (डॉ॰) रणपाल सिंह को राज्यपाल द्वारा प्रशंसा-पत्र से सम्मानित, उनके उत्कर्ष नेतृत्व और विश्वविद्यालय के समग्र विकास पर जताई प्रसन्नता
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय (सीआरएसयू), जींद के कुलपति कर्नल (डॉ॰) रणपाल सिंह को हरियाणा के माननीय राज्यपाल, बंडारू दत्तात्रेय द्वारा उनके उत्कृष्ट नेतृत्व और विश्वविद्यालय के समग्र विकास में अद्वितीय योगदान के लिए प्रशंसा-पत्र से सम्मानित किया गया। राज्यपाल ने कर्नल (डॉ॰) रणपाल सिंह के दूरदर्शी नेतृत्व और उनके कार्यकाल के दौरान विश्वविद्यालय में हुए उल्लेखनीय विकास कार्यों की सराहना की।
हरियाणा के माननीय राज्यपाल, बंडारू दत्तात्रेय ने कहा, "आपके नेतृत्व में चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय ने अद्वितीय प्रगति की है। 16 विभागों से बढ़कर 28 विभाग और छात्रों की संख्या 1,500 से 7,000 तक पहुँच चुकी है। यह विकास आपके अटूट समर्पण और प्रतिबद्धता का प्रमाण है।" उन्होंने कुलपति की भूमिका की विशेष सराहना करते हुए कहा कि सीआरएसयू आज राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है।
प्रशंसा-पत्र में माननीय राज्यपाल ने विशेष उल्लेख किया कि कर्नल (डॉ॰) रणपाल सिंह के नेतृत्व में विश्वविद्यालय ने शिक्षा, खेल, शोध, और पर्यावरण संरक्षण में अभूतपूर्व उपलब्धियाँ हासिल की हैं। वर्ष 2023 में एनसीसी (राष्ट्रीय कैडेट कोर) इकाई की स्थापना के माध्यम से विद्यार्थियों में अनुशासन और देशभक्ति की भावना का विकास हुआ है। उन्होंने कर्नल (डॉ॰) रणपाल सिंह को ‘कर्नल कमांडेंट’ की उपाधि से नवाजे जाने को भी विश्वविद्यालय के लिए गर्व का विषय बताया।
शोध और नवाचार के क्षेत्र में विश्वविद्यालय को मिली महत्वपूर्ण उपलब्धियों का भी उल्लेख किया गया। विश्वविद्यालय को पाँच पेटेंट प्राप्त हुए हैं और भौतिकी विभाग को 30 लाख रुपये की भारत सरकार की SERB-SURE परियोजना प्राप्त हुई है। यह शोध और नवाचार के प्रति विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान देते हुए विश्वविद्यालय ने कार्बन फुटप्रिन्ट को कम करते हुए हरित क्षेत्र के विस्तार, अपशिष्ट प्रबंधन, और रिसाइक्लिंग कार्यक्रमों के माध्यम से पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित की है।
कुलपति की संकल्पबद्धता से खेलों में विश्वविद्यालय ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। ‘खेलो इंडिया विश्वविद्यालय गेम में हरियाणा में तीसरा और राष्ट्रीय स्तर पर 20वां स्थान प्राप्त करने के साथ ही19वें एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर भारत को गौरवान्वित किया। भीम पुरस्कार और अर्जुन पुरस्कार जैसे सम्मान विश्वविद्यालय की खेल परंपरा की मजबूती का प्रमाण है।
कुलपति कर्नल (डॉ॰) रणपाल सिंह ने इस अवसर पर कहा, "हमारा उद्देश्य है कि आने वाले समय में सीआरएसयू खेलों में एक प्रमुख केंद्र बने और छात्र राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाएं। हम छात्रों को बेहतर खेल सुविधाएं और समर्थन प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि हम शिक्षा, खेल, और पर्यावरण में उत्कृष्टता के साथ छात्रों को एक उज्ज्वल भविष्य के लिए तैयार कर रहे हैं। हमारा आदर्श वाक्य ‘उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत’ का पालन करते हुए हम हर क्षेत्र में विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास और रोजगार के अवसरों को सुनिश्चित कर रहे हैं।”
राज्यपाल द्वारा दिए गए इस अभिनन्दित सम्मान पत्र ने न केवल विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को ऊँचा किया है बल्कि इसे एक उदाहरण के रूप में रेखांकित किया है कि किस प्रकार एक संस्थान श्रेष्ठ नेतृत्व, दूरदर्शिता, सृजनात्मक दृष्टिकोण और प्रभावशाली निर्णय क्षमता के माध्यम से असाधारण ऊंचाइयों तक पहुँच सकता है।
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय (सीआरएसयू) के कुलपति कर्नल (डॉ॰) रणपाल सिंह को राज्यपाल द्वारा प्रशंसा-पत्र से सम्मानित किए जाने पर विश्वविद्यालय परिवार ने भी हार्दिक बधाई दी। विश्वविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी, और छात्र इस सम्मान को लेकर गर्व महसूस कर रहे हैं। सभी ने पुष्पगुच्छ भेंट कर कुलपति को इस सफलता पर शुभकामनाएँ दीं और विश्वविद्यालय की इस उपलब्धि को एक प्रेरणास्रोत बताया।
विश्वविद्यालय परिवार ने कहा कि कर्नल (डॉ॰) रणपाल सिंह के नेतृत्व में संस्थान ने शिक्षा, खेल और शोध में नई ऊंचाइयाँ छुई हैं। उनके मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है, जो सभी के लिए गौरव का विषय है। परिवार ने इस बात पर जोर दिया कि कुलपति के दृढ़ नेतृत्व और दूरदर्शिता ने विश्वविद्यालय को अद्वितीय प्रगति के पथ पर अग्रसर किया है