विश्वविद्यालय प्रांगण में उद्यमिता प्रोत्साहन सम्मेलन का आयोजन
दिनांक 16 सितंबर 2022 को विश्वविद्यालय प्रांगण में उद्यमिता प्रोत्साहन सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में मुख्य अतिथि अतिथि के रूप में माननीय डॉ मनोज कुमार उपायुक्त जींद को आमंत्रित किया गया । डॉ मनोज कुमार ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को विश्व में अग्रणी स्थान पर पहुंचाने का एकमात्र माध्यम है उद्यमिता और स्वरोजगार। डॉ कुमार ने विद्यार्थियों को बेरोजगारी के आंकड़े के साथ बताया कि युवाओं को केवल सरकारी नौकरी पाने के पीछे नहीं दौडऩा चाहिए, इसकी बजाय नौकरी देने वाला बनना चाहिए। हमारे देश में विशाल युवा शक्ति है तथा युवाओं के कौशल विकास से ही भारत स्वालंबी एवं आत्मनिर्भर बनेगा। वो दिन दूर नहीं जब हम युवाओं की इस शक्ति के कारण विश्व गुरु के रूप में स्थापित होंगे। विश्वविद्यालय स्तर पर रोजगार सृजन केंद्र की स्थापना करें एवं नौकरी को रोजगार न मानें, बल्कि स्वरोजगार, कौशल विकास, स्थानीय उद्योग स्थापित कर दूसरों को रोजगार देने का प्रयास करें। युवाओं को प्रोत्साहित करते हुए बताया कि अपने व्यवसाय को शुरू में ही पढ़ाई करके छोटे लेवल से शुरू करें ताकि उसके बाद में आवश्यकता के अनुसार बढ़ाया जा सके और लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान कर सकें। और साथ में ही अपने नेटवर्क को आगे बढ़ाएं और अच्छे से काम करें। विद्यार्थियों को और युवाओं को इन उद्योगपतियों से व्यवसाय किस प्रकार करना चाहिए और उसको किस प्रकार से आगे बढ़ाना चाहिए इस मामले में उनसे प्रेरणालेनी चाहिए और नौकरी की तरफ ध्यान न देकर खुद के बिजनेस को किस प्रकार से शुरू करें उस को कैसे आगे बढ़ाए इन रास्तों पर चलना चाहिए। इस सम्मेलन में मुख्य रूप से जिला जींद से संबंधित विभिन्न उद्यमियों को आमंत्रित किया जिसमें मुख्य तौर पर एग्री सॉल्यूशंस इंडस्ट्री से श्री संदीप कुमार,स्काईलार्क से श्री जगबीर सिंह जी, श्री सुनील कंडेला जैविक खेती किसान, श्री अशोक जी गांव ईगराह से मशरूम खेती केविशेषज्ञ, पिज़्ज़ा विंग्स से श्रीआदित्य ढांडा, पीएनबी बैंक सेश्री संजय कुमार शर्मा आदि शामिल है | पंजाब नेशनल बैंक से आए रीजनल मेनेजर (क्रेडिट) संजय कुमार शर्मा जी ने बताया कि अगर कोई भी व्यक्ति अपना व्यवसाय शुरू करना चाहता है तो उस बैंक उसमें उसकी मददकर सकता है उसको लोन से लेकर सब्सिडी और बहुत सारी सुविधाएं प्रदान कर सकता है। एशिया की सबसे बड़ी फर्म स्काईलार्क के फाउंडर श्री जगबीर जी ने बताया कि उन्होंने अपनी फिल्म की शुरुआत सन 1980 में छोटी सी अमाउंट के साथ सफीदों में शुरू की थी उसके बाद उन्होंने धीरे-धीरे अपने काम को आगे बढ़ाया और लगातार कड़ी मेहनत और परिश्रम के साथ आगे बढ़ते रहें और आज के टाइम में स्काईलार्क कंपनी पोल्ट्री फार्म को लेकर और उनके इक्विपमेंट तैयार करने के मामले में एशिया में नंबर वन कंपनी है। उन्होंने बताया कि इंसान को खुद पर विश्वास बहुत हुआ है कुछ भी हासिल कर सकता है और कोई भी कामशुरू कर सकता है आज के टाइम में कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं है हमें अपने काम की शुरुआत करने के लिए एक आइडिया और खुद पर विश्वास होना चाहिए। श्री अशोक कुमार जी ने मशरूम की खेती के उत्पादन के बारे में सभी को अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि उन्होंने मशरूम की खेती का उत्पादन अपने 200 गज के घर में ही शुरू किया था। धीरे-धीरे फिर उन्होंने कड़ी मेहनत और परिश्रमके साथ अपने इस काम को गांव मैं आगे बढ़ाया और साथ में लोगों को रोजगार के अवसरप्रदान किए आज व अपनी इस मशरूम की खेती से कई प्रकार के व्यंजन जिसमें सभी प्रकारकी मिठाई, आचार, बिस्कुट, लड्डू आदि बना रहे हैं।सोना एग्री सॉल्यूशन के मालिक श्री संदीप कुमार जी ने बताया कि उनके पिताजी कपड़े इस्त्री करके परिवार का गुजारा करते थे। फिर इन्होंने अपना खुद का बिजनेस शुरू किया और आज इनका बिजनेस देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी चल रहा है और बड़ी मात्रा में यह भारत से अपना समान दूसरे देशों में एक्सपोर्ट इंपोर्ट कर रहे हैं। साथ ही बहुत सारे लोगों को रोजगार केअवसर प्रदान कर चुके हैं। खंडेला से श्री सुनील कुमार जी ने जैविक खेती के बारे में बताते हुए कहा कि वह जैविक खेती मैं अपना खुद का काम शुरू कर चुके हैं और अच्छी यूनिट में नींबू हल्दी अमरूद अचार आदि की नर्सरी चला रहे हैं और साथ में बहुत सारे लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान कर चुके हैं। विश्वविद्यालय कुलपति डॉ रणपाल सिंह ने इस कार्यक्रम में आए स्थानीय उद्योगपतियों का विश्वविद्यालय पहुंचने पर स्वागत व अभिनंदन किया सभागार में उपस्थित सभी विद्यार्थियों को इनउद्योगपतियों के जीवन से और इनके व्यवसाय से प्रेरणा लेनी चाहिए और जीवन में संघर्ष करते हुए और आगे बढ़ते हुए अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने के बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने बताया कि कोई भी काम छोटा हो या बड़ा नहीं होता और हम जिस भी कार्य में रुचि रखते हैं उसकार्य को आसानी से शुरू कर सकते हैं और उसमें लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान कर सकते हैं। विश्वविद्यालय कुलसचिव प्रोफेसर लवलीन मोहन ने कहा कि किसी भी व्यवसाय को शुरूकरने के लिए रूचि और दिमाग में आइडिया होना चाहिए। उसे व्यवसाय के दांव पेच सीखना चाहिए और अनुमानित रिस्क लेना चाहिए औरअपने व्यवसाय की मार्केटिंग करनी चाहिए और लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करने चाहिए जिसे वह धीरे-धीरे अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा सके और भारत को विश्व गुरु बनाने में अपना अहम योगदान दे सकें। डीन एकेडमिक अफेयर प्रोफेसर एसके सिन्हा ने आज के कार्यक्रम में आए मुख्यअतिथि और सभी स्थानीय उद्योगपतियों का विश्वविद्यालय पहुंचने पर दिल की गहराइयों से धन्यवाद ज्ञापन किया इस कार्यक्रम के माध्यम से युवाओं को आत्मनिर्भरन बनने का संदेश दिया गया। । प्रशिक्षण एवं नियुक्ति सेल के निदेशक डॉ जितेन्द्र कुमार ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए विश्वविद्यालय की समस्त टीम का धन्यवाद किया।