विश्वविद्यालय व लद्दाख एवं जम्मू कश्मीर अध्ययन केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में 22 फरवरी को एक व्याख्यान का आयोजन किया गया
युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम निदेशालय चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय जींद व लद्दाख एवं जम्मू कश्मीर अध्ययन केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में 22 फरवरी को एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर प्रो० एस० के० सिन्हा रहे। कार्यक्रम के संयोजक डॉ० विजय कुमार रहे।
डॉ० विजय ने अपने स्वागत वक्तव्य में संकल्प दिवस के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता प्रोफेसर एस० के० सिन्हा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज हम नहीं जानते कि भारत के पास जम्मू कश्मीर का कितना हिस्सा है। आज 2,22,236 वर्ग किलोमीटर भारत के पास जम्मू कश्मीर व लद्दाख का हिस्सा नहीं हैं। उन्होंने कहा कि 22 फरवरी 1994 को संकल्प दिवस की शुरुआत हुई थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के कार्यकाल में संसद में संकल्प लिया गया कि भारत अपना हिस्सा लेकर रहेगा। मगर कहीं न कहीं ये संकल्प आज भी अधूरा है। प्रो० सिन्हा ने युवाओं से आह्वान किया कि वो एकता के सूत्र में बँधकर अपने-अपने क्षेत्र में कार्य करते हुए योगदान दे।
उन्होंने कहा कि हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान और भारत जो अंग्रेजों ने 1947 को विभाजन करके एक देश घोषित किया और पाकिस्तान को पूर्ण मुस्लिम राष्ट्र घोषित किया तथा भारत को सांप्रदायिक देश घोषित किया। जहाँ विभिन्न धर्मों के लोग रहते हैं। इसके विरुद्ध में गांधी जी अनशन पर भी बैठे तथा विभाजन की वजह से अनेक लोग शरणार्थी बनकर रहने लगे।
प्रोफेसर सिन्हा ने संविधान के बारे में बताते हुए कहा कि आख़िर 370 धारा के तहत विशेष राज्य का दर्जा दिया गया जिसमें भारत के अन्य राज्यों के लोगों पर प्रतिबंध लगाया गया था। आज 2,22,236 वर्ग किलोमीटर लद्दाख समेत जम्मू कश्मीर का हिस्सा पाकिस्तान के पास हैं। हम पीओके शब्द का इस्तेमाल करते हैं बल्कि इसके स्थान पर हमें पीओएल जेएंडके के बारे में चर्चा करनी चाहिए। कश्मीर दुनिया का स्वर्ग कहलाता हैं जो भारत का अभिन्न अंग हैं। हमें इसे वापस पाने के लिए कुछ करना होगा। 370 धारा हटाने के बाद विरोध हुआ परन्तु कहीं न कहीं जम्मू कश्मीर में हालात सामान्य भी हुए। परन्तु आज ये संकल्प जो अधूरा है इसे पूरा करने के लिए सभी नागरिकों को जागरूक करना होगा। प्रधानमंत्री मोदी जी का आह्वान है कि हमें अखंड भारत का निर्माण करना होगा। जिसने विशेष तौर पर पाक अधिकृत जम्मू कश्मीर के साथ लद्दाख के हिस्से को भारत क्षेत्र में लाना होगा।
दो भागों में पाकिस्तान द्वारा कब्जा किया गया है लद्दाख का 64817 वर्ग किलोमीटर और जम्मू कश्मीर का 13,297 वर्ग इसके साथ चीन ने 42,735 वर्ग किलोमीटर पर कब्जा किया हुआ हैं। पाकिस्तान और चीन द्वारा कॉरिडोर बनाया जा रहा है। यदि भारत का यह भूभाग मिल जाता है तो इसकी वजह से भारत को मध्य एशिया के साथ व्यापार करने में आसानी होगी। इसके लिए हमें आज गहरे चिंतन की ज़रूरत हैं कि कैसे हम इन क्षेत्रों को भारत में शामिल कर सकते हैं। हमें भारत को अखंड भारत और विकसित भारत बनाना होगा।
भारत की 65 फीसदी युवाओं की आबादी है। भारत को विकसित बनाने के लिए हमें मजबूत अर्थव्यवस्था, उन्नत शिक्षा व्यवस्था बनानी होगी, इसलिए रोजगार के उन्नत अवसर प्रदान करने होंगे। हमें लद्दाख के उस क्षेत्र को भी आजाद कराना होगा जो चीन के कब्जे में है। इसके साथ भारत को 2030 तक प्रदूषण मुक्त करना होगा। आज नई शिक्षा नीति के माध्यम से शिक्षा व्यवस्था में सुधार किया जा रहा है । हमें इसके अलावा विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने की जरूरत है। 22 फरवरी का ये दिन हमें संकल्प के लिए याद दिलाता है कि हमारा ये संकल्प अभी अधूरा हैं और अपनी युवा शक्ति के माध्यम से इसे हासिल करना हैं। इसके लिए उन्होंने आह्वान किया कि हम सभी को मिलकर इस संदेश से सभी को अवगत कराना होगा और आवश्यक कदम उठाने होंगे।
इस अवसर पर जनसंपर्क अधिकारी डॉ० जयपाल सिंह राजपूत, डॉ० राजेश, डॉ० सत्यानंद, दीपक अरोड़ा व विद्यार्थी मौजूद रहे।