“विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट डे” पर कार्यक्रम का आयोजन
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जींद में सेंट्रल लाइब्रेरी व लाइब्रेरी साइंस विभाग द्वारा "विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट डे" पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया
"विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट डे" पर चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जींद के सेंट्रल लाइब्रेरी व लाइब्रेरी साइंस विभाग द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय कुलपति डॉ रणपाल सिंह ने कहा कि विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस एक महत्वपूर्ण दिन है जो प्रतिवर्ष 23 अप्रैल को मनाया जाता है। यह दिन विश्व भर में पुस्तकों और साहित्यिक संपत्ति की महत्वता को मान्यता देता है, साथ ही कॉपीराइट के महत्व को भी उजागर करता है एवं पुस्तकों के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि पुस्तकें ज्ञान का बहुत अच्छा स्रोत होती हैं। वे हमें विभिन्न विषयों में जानकारी प्रदान करती हैं, जैसे कि इतिहास, विज्ञान, साहित्य, धर्म, और कला। उन्होंने कहा कि पुस्तक को पढ़ कर ही प्रत्येक व्यक्ति ज्ञानवान होता है और आधुनिक समय में प्रत्येक विद्यार्थी को पुस्तकों से लगाव होना चाहिए, जिससे की वह अपने भविष्य को उज्जवल बना सकता है।
डीन अकादमिक अफेयर्स प्रो संजय कुमार सिन्हा ने कॉपीराइट के बारे में बताते हुए कहा कि कॉपीराइट एक कानूनी प्रावधान है जो एक व्यक्ति या संगठन को किसी आईडिया, लेख, कला, या अन्य साहित्यिक काम का मालिकाना अधिकार प्रदान करता है। यह अन्य लोगों को उस काम को अनैतिक तौर पर प्रिंट, प्रकाशित, कॉपी, या परिवर्तित करने से रोकता है। बिना मालिक की अनुमति के कॉपीराइट कानून साहित्यिक संपत्ति के उपयोग, वितरण, और व्यापारिक कार्यों को नियंत्रित करने के लिए होता है, ताकि रचनात्मक लोगों को उनके कामों के लिए वित्तीय और मानसिक संरक्षण मिल सके। पुस्तकों के विषय में बताते हुए उन्होंने कहा कि कई पुस्तकें मनोरंजन का स्रोत भी होती हैं, जिनमें कहानियाँ, कविताएँ, उपन्यास और कहानियों में रोमांस, रहस्य, और रोचकता होती है।
इसी कड़ी में इंचार्ज लाइब्रेरी डॉ अनिल कुमार ने कहा कि पुस्तकों को पढ़ने से हमारे व्यक्तित्व विकसित होता है। उन्होंने कहा कि पुस्तके हमें समझदार, उत्कृष्ट और समाजसेवा के प्रति सजग बनाती हैं। पुस्तकें हमें विभिन्न दृष्टिकोण और सोचने के तरीकों को समझाती हैं, हमें नए और विचार प्रोत्साहित करती हैं, साहित्य का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और उन्हें संरक्षित रखने में मदद करती हैं एवं कहा कि पुस्तकों का महत्व इसलिए भी है क्योंकि वे समाज को शिक्षित और जागरूक बनाते हैं। पुस्तक विविध विषयों पर जानकारी प्रदान करके लोगों को समाज में जागरूक बनती हैं, उन्हें सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक मुद्दों के बारे में सोचने और उन पर विचार करने के लिए प्रेरित करती हैं।