शिक्षा विभाग के विद्यार्थियों ने किया “अंकुर दिव्यांग शिक्षण संस्थान, जींद” का शैक्षणिक भ्रमण
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जींद के शिक्षा विभाग के विद्यार्थियों ने 30 जून 2022 को फील्ड वर्क के अंतर्गत चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त “अंकुर दिव्यांग शिक्षण संस्थान, जींद” का शैक्षणिक भ्रमण किया I शिक्षा विभाग अध्यक्ष डॉ. कुलदीप नारा ने कहा कि इस भ्रमण का उद्देश्य विद्यार्थियों को दिए सैद्धांतिक ज्ञान को व्यावहारिक रूप से क्रियान्वित करना तथा उनको दिव्यांग बालकों की समस्याओं व शिक्षा के प्रति संवेदनशील बनाना था I उन्होंने विद्यार्थियों को अनुशासन में रहकर संस्था का पूर्ण रूप से अवलोकन करने व जानकारी एकत्रित करने के लिए प्रोत्साहित किया I विद्यार्थियों ने सेक्टर 11 अर्बन एस्टेट, जींद में स्थित अंकुर दिव्यांग संस्थान का दौरा किया I वहां पहुंचने पर प्रिंसिपल श्रीमती ममता शर्मा जी ने अपने सभी अध्यापकों के साथ मिलकर भ्रमणकारी विद्यार्थियों व शिक्षकों का स्वागत किया तथा पूर्ण सहयोग का आश्वासन प्रदान किया I शिक्षा विभाग के छात्रों ने अंकुर दिव्यांग संस्थान के अध्यापकों से संस्था के से संबंधित संपूर्ण जानकारी प्राप्त की और छात्रों ने कक्षा-कक्ष में जाकर दिव्यांग छात्रों के क्रियाकलापों का अवलोकन भी किया I भ्रमण के दौरान यह जानकारी प्राप्त हुई कि अंकुर दिव्यांग शिक्षण संस्थान की स्थापना 2007 में सोमनाथ मंदिर में हुई थी और 2010 में यह संस्था जींद के अर्बन स्टेट सेक्टर 11 में स्थानांतरित हो गई I वर्तमान में यहां पर बी.एड. स्पेशल व डी. एड. स्पेशल मानसिक विकलांगता (ID) में करवाई जाती है, यहां पर 21 विशिष्ट अध्यापक प्रशिक्षण व 10 सहायक कर्मचारी कार्यरत हैं I अंकुर दिव्यांग शिक्षण संस्थान में विभिन्न प्रकार की दिव्यांगता वाले तकरीबन 50 छात्र आते हैं I यहां पर दो मंजिले भवन में 20 कमरे हैं, जिनमें कक्षा-कक्ष, खेल-कक्ष, संगीत-कक्ष, कंप्यूटर-कक्ष, लाइब्रेरी व क्रियाकलाप-कक्ष हैं I भूतल पर दिव्यांग बच्चों की कक्षाएं लगती है व खेलकूद के लिए कमरे हैं तथा ऊपरी मंजिल पर बी.एड. व डी.एड. की कक्षाएं लगती है I स्कूल का समय प्रातः 8:30 से सायं 2:00 बजे तक है, जिसमें प्रथम सत्र में विद्यार्थियों को जीवन कौशल संबंधी क्रियाकलाप करवाए जाते हैं तथा दूसरे सत्र में शैक्षिक गतिविधियां करवाई जाती हैं I स्कूल में विद्यार्थियों के लिए कोई आयु सीमा निर्धारित नहीं है, उनको मानसिक क्षमता के स्तर के आधार पर विभिन्न कक्षाओं में विभाजित किया गया है I एक विशिष्ट अध्यापक अधिकतम 6 विद्यार्थियों को प्रशिक्षित करता है, यदि बालक अधिक संवेदनशील हो तो एक अध्यापक के पास केवल दो ही छात्र प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं I विद्यार्थियों के लिए समय-समय पर विभिन्न पाठ्य सहगामी क्रियाओं का आयोजन किया जाता है और विद्यालय के छात्रों ने विभिन्न राज्यस्तरीय पैरा-प्रतियोगिताओं में कई पुरस्कार प्राप्त किए हैं I इस भ्रमण के अवसर पर छात्रों के साथ इंचार्ज-डॉ. रितु रानी, श्रीमान कपिल देव, श्रीमती रोमी कादयान, श्रीमती सविता रानी व शोधार्थी सुमन व सुदेश मौजूद रहे I