कॉमर्स एंड मैनेजमेंट फैकल्टी द्वारा एक दिवसीय इंडक्शन कार्यक्रम का आयोजन
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय के सभागार में कॉमर्स एंड मैनेजमेंट फैकल्टी द्वारा एक दिवसीय इंडक्शन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।जिसमें डीटीयू दिल्ली से प्रो.एस एस. खनका, एमडीयू रोहतक से प्रो.सोनिया मलिक,एफ एम एस.वीबीएस.यूनिवर्सिटी प्रो.अजय द्विवेदी ने मुख्य वक्ता के तौर पर शिरकत की।
प्रो.खनका विद्यार्थियों को अंदर एक नव उमंग भरतेहुएसम्बोधितकिया।उन्होंने कहा कि हमारा सपना एक कल्पना है।उसको पूरा करना हमारी जिम्मेदारी होनी चाहिए और हमें सकारात्मकता के साथ हर पल लगे रहने की जरूरत है।सपने वो नहीं होते जो हम नींद में देखते हैं,बल्कि वो को हमें नींद न आने दें।जिन्दगी में कामयाब होने के लिए एक दोस्त बनाओ।हर आदमी हर कार्य नहीं कर सकता।लेकिन आपको जरूरत है अपने हुनर को पहचानने की।हमारा लक्ष्य स्मार्ट होना चाहिए,जिसे आसान तरीके से पाया जा सके।उन्होंने कहा कि हमारे अंदर फिजिकल क्षमता की बजाय आत्मिक क्षमता होने की जरूरत है।जब हमारा मन मस्तिष्क किसी कार्य को शिद्दत से करना चाहता है, तो कोई उसे रोक नहीं सकता।उन्होंने एक वीडियो के जरिए विद्यार्थियों में उत्साह भरा और समझाया कि जिन्दगी एक खुद से लड़ा गया युद्ध है,आपको बड़ा बनना पड़ेगा। उन्होंने बड़े जोशीले और प्रेरणादाई विचारों के साथ छात्र छात्राओं को आगे बढ़ने का प्रोत्साहन दिया।हरिवंश राय बच्चन जी की पंक्तियां दोहराते हुए उन्होंने कहा कि लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती,कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।मुश्किल परिस्थिति से पार पाने के लिए हमें एक क़दमआगेरखनेहोगा।इसीबीच उन्होंने चर्चा साहब का एक वाकया भी याद किया।उन्होंने कहा की परिश्रम कभी बेकार नहीं जाता।इस दौरान उन्होंने एक विद्यार्थी की कहानी भी बताई जिसने यूट्यूब से सीखकर 3 ऐप्स को बनाया था।उनकेअभिभाषण ने विद्यार्थियों में खूब जोशभराऔरप्रेरणादाईरहा।
सत्र की दूसरी मुख्य वक्ता प्रो.सोनिया मलिक ने विद्यार्थियों के साथ स्ट्रेस मैनेजमेंट और पॉजिटिव साइकोलॉजी पर अपने विचार साझा किए।उन्होंने कहा कि हमारे अन्दर किसी कार्य को करने की आशा होनी चाहिए।अगर हमारे अंदर जीने की इच्छा शक्ति है तो कोई हमें नहीं रोक सकता।इस पृथ्वी पर कुछ तो ऐसा है जो हमारे अंदर इच्छाशक्ति,आशा,विषम परिस्थिति में लड़ने की क्षमता को बनाए रखता है।हमने जरूर किसी कार्य को पूरा करने के लिए ही जन्म लिया है।देर हो सकती है लेकिन हमें फेल नहीं होना है,निराश नहीं होना है।आजकल आईक्यू, इक्यू, एस्क्यू, टाइम क्वेशंट पर भी केंद्रित किया जा रहा है।इस दौरान उन्होंने कुछ केस स्टडीज पर भी अपने विचार साझा किए।
प्रो. अजय द्विवेदी ने 4 डी का जिक्र किया।उन्होंने कहा कि मुख्य है हम सकारात्मकता से कार्य करें।अगर वह होगा तो कुछ भी असंभव नहीं है।
सीआरएसयू कुलसचिव प्रो.लवलीन मोहन मैम ने विद्यार्थियों को इंडक्शन कार्यक्रम मेंसभीमेहमानोंका स्वागतकियाएवंपरिचयदियाएवम्इंडक्शनकेविषयमें छात्र छात्राओं को अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि इनक्षेत्र में विद्यार्थियों के पास अपार संभावनाएं हैं।
शैक्षणिक अधिष्ठाता प्रो.एस के सिन्हा ने सभी आए हुए मेहमानों का धन्यवाद किया सभी विभागों के संदर्भ में मुख्य वक्ता एवंअतिथिगणोंकोअवगतकरवाया। इस अवसर पर विभाग के सभी प्राध्यापक एवं छात्र छात्राएं मौजूद थे।