विश्वविद्यालय में उत्तर क्षेत्र अंतर विश्वविद्यालय महिला हैंडबॉल प्रतियोगिता का शुभारंभ
आज दिनांक 14 फरवरी को चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय जींद में खेल परिषद सीआरएसयू जींद द्वारा उत्तर क्षेत्र अंतर विश्वविद्यालय महिला हैंडबॉल प्रतियोगिता का शुभारंभ किया गया। यह प्रतियोगिता 14 फरवरी से 17 फरवरी तक विश्वविद्यालय प्रांगण में खेली जाएगी इस प्रतियोगिता में कुल 32 विश्वविद्यालयों की टीमें हिस्सा लेगी।
यह प्रतियोगिता विश्वविद्यालय कुलपति डॉ रणपाल सिंह व कुलसचिव प्रोफेसर लवलीन मोहन की अध्यक्षता वे उनके आशीर्वचनओं के साथ में शुरू की गई।
इस प्रतियोगिता का शुभारंभ श्री पंकज नैन, आईपीएस , निदेशक, खेल व युवा कल्याण विभाग, हरियाणा सरकार द्वारा किया गया। गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में कुमारी रितु भीम अवार्डी व पूर्व हैंडबॉल प्लेयर सीआरएसयू जींद द्वारा किया गया।
इस मौके पर विश्वविद्यालय कुलपति डॉ रणपाल सिंह ने मुख्य अतिथि का विश्वविद्यालय पहुंचने पर स्वागत व हार्दिक अभिनंदन किया और उनके पर संक्षिप्त परिचय देते हुए कहा कि श्रीमान पंकज नैन जी को खेलों से बड़ा लगाव है उनको खेलो इंडिया का ओएसडी नियुक्त किया गया है। वह हमेशा खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करते रहते हैं जो भी खिलाड़ी ओलंपिक मेडल लेकर आता है वे उनके घर पहुंचकर उनको सम्मानित करते हैं और उनका हौसला बढ़ाते हैं। पंकज नैन जी सोशल मीडिया पर ही एक्टिव रहते हैं जिससे गतिविधियों का पता चलता रहता है व स्वभाव के व्यक्तित्व के धनी हैं। विश्वविद्यालय कुलपति ने यहां आए सभी टीमों के कोच मैनेजर व खिलाड़ियों का भी अभिनंदन और स्वागत किया और अच्छे खेल का प्रतिनिधित्व करने के लिए आशीर्वाद दिया। सभी खिलाड़ियों का आशीर्वाद देते हुए कहा कि खेल जीवन का अहम हिस्सा है खेल से शरीर को मजबूती प्रदान होती है शरीर का आर्थिक सामाजिक और मानसिक विकास होता है।
आज के मुख्य अतिथि श्री पंकज नैन जी ने सभी खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए उनका विश्वविद्यालय पहुंचने पर स्वागत व अभिनंदन किया और आशीर्वाद देते हुए कहा कि पढ़ाई के साथ साथ खेलों का भी जीवन में बहुत मैं तो है खिलाड़ियों को खेल की भावना से खेलना चाहिए और अपने खेल से हमेशा सीख लेनी चाहिए हार जीत खेल का हिस्सा होती है उसे खिलाड़ी का मनोबल नीचा नहीं होना चाहिए बल्कि खिलाड़ियों की सोच बड़ी होनी चाहिए जिससे वह कुछ बड़ी अचीवमेंट हासिल कर सके खिलाड़ियों में निर्णय लेने की क्षमता बहुत ज्यादा होती है वह खेल के अंदर बहुत ही कम समय में बहुत जल्दी निर्णय ले लेते हैं। विश्वविद्यालय के अंदर एक खेल ऐसा होना चाहिए जिससे नेशनल लेवल के ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय लेवल के खिलाड़ी निकल कर सामने आए और वह अंतरराष्ट्रीय खेलों में देश का नाम रोशन करें और मेडल हासिल करें। खिलाड़ियों को अच्छा बनाने के लिए अच्छे कोच का होना बहुत जरूरी है जो बच्चों को खेलों के लिए अच्छे से तैयार करें और उन्हें राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आगे लेकर जाएं।
विश्वविद्यालय खेल परिषद डॉ नरेश देशवाल ने खेल के क्षेत्र में विश्वविद्यालय की उपलब्धियों के बारे में मुख्य अतिथि को अवगत करवाया और बताया कि विश्वविद्यालय ने 12 राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं का सफल आयोजन किया है खेलों के मामले में विश्वविद्यालय का पूरे भारत में 14 स्थान और हरियाणा में एमडीयू रोहतक और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र के बाद तीसरा स्थान है। विश्वविद्यालय के अंदर खिलाड़ियों को गोल्ड मेडल लाने पर 35000, सिल्वर मेडल आने पर ₹30000, ब्रोंज मेडल लाने पर ₹25000 रुपए कैश अवार्ड के रूप में देती है। विश्वविद्यालय खिलाड़ियों का 15 से 20 लाख रुपए खेल प्रतियोगिता में भेजने पर टीए और डीए के साथ देती है जो कि हरियाणा में किसी भी विश्वविद्यालय द्वारा दी गई सबसे अधिक राशि है।
आज के परिणाम कुछ इस प्रकार रहे-
- दिल्ली विश्वविद्यालय ने लखनऊ विश्वविद्यालय को 24-4 से हराया।
- जीएनडीयूविश्वविद्यालयअमृतसर ने बी यू झांसी विश्वविद्यालय को 13- 0 से हराया।
- गढ़वालविश्वविद्यालयने एमजेपी यू बरेली को 8-4 से हराया।
इस मौके पर डीन एकेडमी अफेयर प्रोफेसर एसके सिन्हा, डीएसडब्ल्यू डॉ जसवीर सुरा, डॉक्टर संदीप पुरवा, डॉ वीरेंद्र आचार्य, डॉ भावना, सभी टीमों के कोच, मैनेजर, ऑफिशियल, डीएवी पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल डॉक्टर डीडी विद्यार्थी, लिपिक व ग्राउंड मेन स्टाफ उपस्थित रहें।