अध्यापक शिक्षा में श्रेष्ठ वृति एवं नवाचार वर्तमान समय की मांग : प्रोफेसर निवेदिता हुड्डा
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जींद के शिक्षा विभाग में व्याख्यान श्रृंखला के अंतर्गत “अध्यापक शिक्षा में श्रेष्ठ वृति एवं नवाचार” विषय पर विस्तार व्याख्यान का आयोजन किया गया। व्याख्यान की मुख्य वक्ता चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय, सिरसा के शिक्षा विभाग से प्रोफेसर निवेदिता हुड्डा जी रही जिन्होंने शिक्षण व्यवसाय और उसमें आ रहे बदलावों के विषय में विस्तार से बताया । उन्होंने कहा कि वैदिक काल में शिक्षा का कार्य ब्राह्मण करते थे और ब्रिटिश काल में ईसाई मिशनरियों ने शिक्षा को अधिक व्यावसायिक बनाने का कार्य किया । इक्कीसवीं शताब्दी में अध्यापक का काम केवल शिक्षा नहीं है, बल्कि वह मल्टीटास्किंग चेंज एजेंट की तरह काम करता है । उन्होंने कहा की अध्यापक भविष्य निर्माता है, यदि वह रचनात्मक तरीके से न सोचे तो शिक्षण अधिगम नीरस हो जाएगा और कहा कि यदि अध्यापक शिक्षण में नवाचार नहीं अपनाएगा, तो वह शिक्षण अधिगम को प्रभावशाली नहीं बना पाएगा । उन्होंने बताया कि नवाचार केवल शिक्षण प्रविधियों, पाठ्यक्रम और मूल्यांकन में ही न होकर शैक्षिक अनुसंधानों में भी हो रहा है। वर्तमान समय में शोध केवल मात्रात्मक न होकर गुणात्मक व मिश्रित पद्धतियों का सम्मिश्रण हैं । तकनीकी के क्षेत्र में हुए विकास ने शिक्षा पद्धति को बहुत अधिक बदल दिया है और समूह शिक्षण, ब्लेंडेड लर्निंग, फ्लिप लर्निंग, कौशल आधारित शिक्षा, इ-संसाधनों उपयोग, टीम टीचिंग, वर्कशॉप, सॉफ्ट स्किल डेवलपमेंट, पैनल डिस्कशन व रिफ्लेक्टिव टीचिंग जैसे शैक्षणिक नवाचार हुए है। मैडम ने विभिन्न प्रकार के व्यवहारिक कौशलों जैसे सम्प्रेषण, समय प्रबंधन, अनुकूलन, नेतृत्व, तार्किक चिंतन, समस्या समाधान प्रवृति आदि पर विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से प्रकाश डाला। व्याख्यान के दौरान उन्होंने सहकारी अधिगम से संबंधित एक गतिविधि करवाई जिसमें विद्यार्थियों ने उत्साहित होकर भाग लिया। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष डॉ कुलदीप नारा जी ने शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अध्यापक शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे नवाचारों को अपनाकर शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को प्रभावशाली बनाया जा सकता है। विद्यार्थियों ने व्याख्यान से सम्बंधित प्रतिपुष्टि देते हुए कहा कि आज के व्याख्यान से न केवल उनके ज्ञान में वृद्धि हुई है बल्कि उनके कौशल भी विकसित हुए हैं। इस अवसर पर विभाग इंचार्ज डॉ रितु रानी, श्री कपिल देव, प्राध्यापिका श्रीमती सविता, श्रीमती सुदेश, शोधार्थी सुमन व सभी विद्यार्थी उपस्थित रहे।