स्किल्स फॉर पर्सनैलिटी डेवलपमेंट प्रशिक्षण कार्यक्रम का प्रथम दिन
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जींद में कम्यूनिकेशन स्किल्स फॉर पर्सनालिटी डेवलपमेंट का प्रशिक्षण देने के लिए शुरू की गई कार्यशाला
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जींद में ‘आई एम यूनिक एंड बॉडी लैग्वेज’ विषय पर कम्युनिकेशन स्किल्स फॉर पर्सनैलिटी डेवलपमेंट प्रशिक्षण कार्यक्रम का प्रथम दिन
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जीन्द में अंग्रेजी एवं हिन्दी विभाग द्वारा आयोजित किए जा रहे कम्युनिकेशन स्किल्स फॉर पर्सनालिटी डेवलपमेंट का प्रशिक्षण देने की शुरुआत हुई। इस कार्यक्रम में आज पहले दिन ‘आई एम यूनिक एंड बॉडी लैग्वेज’ विषय के अन्तर्गत सभी छात्राओं को बताया गया कि हमें अपने अद्वितीय, अनूठा, विरला होने पर गर्व होना चाहिए। हमें अपने नाम का उच्चारण सामान्य से उच्च स्वर में, गर्व और पूरे आत्मविश्वास के साथ करना चाहिए। हमारी बॉडी लैंग्वेज और हमारी बोलने की टोन में तादात्म्य होना अति आवश्यक है तभी हम सामने वाले व्यक्ति पर प्रभाव छोड़ सकते है।
विश्वविद्यालय कुलपति डॉ॰ रणपाल सिंह ने इस विषय पर कहा कि हम विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस प्रकार के कार्यक्रम जीवनोपयोगी एवं रोजगार प्राप्त करने में काफी सहायक सिद्ध होते हैं। इसलिए विश्वविद्यालय में ऐसे कार्यक्रम समय-समय पर करवाए जाते हैं। हाल ही में खिलाड़ियों के लिए प्रशिक्षण शिविर की सुविधा भी उपलब्ध करवाई गई है।
कुलसचिव प्रो॰ लवलीन मोहन ने बताया कि आपके सभी अशाब्दिक व्यवहार जैसे कि आपके द्वारा किए जाने वाले हाव-भाव, आपकी मुद्रा, आपकी आवाज का लहजा, आप कितना आँख से संपर्क करते हैं ये सभी हाव-भाव हमें एक मजबूत मौखिक संदेश भेजने में मदद करते हैं। ये हमें उन भावनाओं और इरादों को व्यक्त करने में मदद करते हैं जिनको केवल शब्दों के माध्यम से पर्याप्त रूप से व्यक्त नहीं किया जा सकता।
अधिष्ठाता, मानविकी संकाय प्रो॰ संजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बॉडी लैंग्वेज यानी शरीर की भाषा। हर व्यक्ति की अपनी एक बॉडी लैंग्वेज होती है। भारतीय संस्कृति के अनुसार, शरीर की यह भाषा आपके चरित्र को भी उजागर करती है। इसका असर हमारे करियर पर भी पड़ता है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में नांदी फाउंडेशन की ओर से आई प्रशिक्षक दीपाली अमृतसर व संदीप कुमार, जींद ने कहा कि आपको अपनी पहली छाप छोड़ने का दूसरा मौका कभी नहीं मिलता। इसलिए जब भी आपको बातचीत का मौका मिले नजर मिलाते हुए पूर्ण आत्मविश्वास के साथ बातचीत करनी चाहिए। उन्होंने सभी छात्राओं को बार-बार उनके नाम का उच्चारण व उनके उच्चारण भेद के साथ-साथ बॉडी लैंग्वेज की ट्रेनिंग दी कि किस प्रकार अपने आपको प्रभावशाली बनाएं।
विभागाध्यक्ष डॉ० देवेन्द्र सिंह ने कहा है कि विद्यार्थियों को किताबी ज्ञान के साथ-साथ ट्रेनिंग अनिवार्य रूप से दी जानी चाहिए तभी विद्यार्थी अपने जीवन एवं व्यवसाय में सफल हो सकते हैं। उन्हें जनवरी-फरवरी 2024 में होने वाले जॉब फेयर्स में नौकरी मिलने की संभावना बहुत प्रबल है। उन्होंने कहा कि छात्रों को इंटरव्यू में सफलता दिलाने के लिए ट्रेनिंग बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियों को इस तरह की ट्रेनिंग करनी चाहिए। विश्वविद्यालय में यह ट्रेनिंग नि:शुल्क प्रदान की जाती है। अतः इसका लाभ अवश्य उठाना चाहिए।
प्रतिभागियों ने बताया कि यह ट्रेनिंग उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण रही एवं उनके जीवन को एक नई दिशा देने वाली है। पहले वह कभी स्टेज पर खड़े होकर बोलने की सोच भी नहीं सकती थी। अब इस ट्रेनिंग के माध्यम से उनमें इतना आत्मविश्वास आ गया है कि वह किसी भी मंच पर खड़े होकर अपने विचार प्रकट कर सकती हैं। उन्होंने बताया कि किस प्रकार उन्हें जीवन जीने की कला सिखाई गई, इससे कि वह किसी भी माहौल में अपने आप को समाहित कर सकती हैं। शब्दों का सही उपयोग एवं सही वाणी तालमेल संप्रेषण से किसी भी समस्या के समाधान के लिए आवश्यक है।
एम०ए० अंग्रेजी एवं एम०ए० हिन्दी विभाग की लगभग 100 छात्राएं इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का लाभ उठा रही हैं।