विधि स्नातक पचवर्षीय कोर्स में दाखिला लेने का अन्तिम मौका
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जीन्द विधि स्नातक पचवर्षीय कोर्स में दाखिला लेने का अन्तिम मौका पहले आओ पहले पाओ के आधार पर दाखिला 7 नबम्बर तक
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जीन्द ने 1 सितम्बर, 2023 को एडवोकेट्स एक्ट 1961 के तहत विधि विभाग को मान्यता प्रदान की है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने त्रिवर्षीय एलएलबी और पंचवर्षीय बीए एलएलबी (ऑनर्स) के लिए मंजूरी दी है। इसी सत्र में ही दाखिले की प्रक्रिया शुरू की गई थी।
अब विश्वविद्यालय की तरफ से बीए एलएलबी पंचवर्षीय कोर्स में दाखिले के लिए एक अन्तिम मौका और दिया गया है जिसमें विद्यार्थी पहले आओ पहले पाओ के आधार पर 7 नवम्बर, 2023 तक दाखिला ले सकते है।
पांच वर्षीय एलएलबी एक एकीकृत कानून पाठ्यक्रम है, जहां विद्वानों को दो बार स्नातक की पढ़ाई नहीं करनी पड़ती है, यानी किसी भी स्ट्रीम में 3 साल की स्नातक और फिर तीन साल की कानून की पढ़ाई करनी पड़ती है। इस मामले में, उम्मीदवारों ने 5 वर्षों में पाठ्यक्रम पूरा करने पर ‘बीए एलएलबी’ की डिग्री हासिल कर ली। पहले, बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने पांच साल के एलएलबी कोर्स को करने के लिए 20 साल की उम्र सीमा तय की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की आलोचना के बाद उम्र सीमा बढ़ाकर 22 साल कर दी गई।
बीए एलएलबी कोर्स करने बाद आप वकील बनने के अलावा शिक्षा, वाणिज्य और उद्योग, राजनीति की फील्ड में भी बेहतर कर सकते हैं। लॉ की पढ़ाई करने से मिले ज्ञान और कौशल छात्रों को मजबूत तर्क और महत्वपूर्ण सोच के आधार पर समाधान तैयार करने की सुविधा प्रदान करते हैं। कई लॉ ग्रेजुएट्स विभिन्न इंडस्ट्री में सफल हो जाते हैं। कानून की डिग्री के बाद नौकरी की सुरक्षा एलएलबी करने के बाद आप सरकारी विभागों में कानूनी सलाहकार भी बन सकते हैं। बड़ी-बड़ी कंपनियों और संस्थानों में लीगल एडवाइजर के तौर पर काम कर सकते हैं। एलएलबी की पढ़ाई के बाद आप पीसीएस का एग्जाम देकर कोर्ट में जज भी बन सकते हैं। राजनीतिक पार्टियों के लिए आप कानूनी सलाहकार के तौर पर भी जुड़ सकते हैं। एलएलबी के बाद आप मीडिया में लीगल रिपोर्टर बन सकते हैं।