“समग्र स्वास्थ्य के लिए प्राकृतिक चिकित्सा” विषय पर साप्ताहिक कार्यशाला का शुभारंभ
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय में योग विज्ञान विभाग द्वारा साप्ताहिक कार्यशाला का हुआ शुभारंभ
राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के उपलक्ष में योग विज्ञान विभाग द्वारा “समग्र स्वास्थ्य के लिए प्राकृतिक चिकित्सा” विषय पर साप्ताहिक कार्यशाला का आज से शुभारंभ किया गया।
आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में स्वामी राघवानंद जी महाराज किन्ही अपरिहार्य कारणों से नहीं आ सके परंतु उन्होंने अपना संदेश भिजवाया और कार्यक्रम की सफलता के लिए अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की।
इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ० रणपाल सिंह ने अपने उद्बोधन में छात्रों को बताया कि प्राकृतिक चिकित्सा मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत उपयोगी है तथा इसमें किसी भी प्रकार का कोई अतिरिक्त खर्च भी वहन नहीं करना पड़ता। इस अवसर पर उन्होंने अपने उद्बोधन में विद्यार्थियों को शुद्ध और सात्विक आहार ग्रहण करने की बात पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि आजकल जिस तरह से जंक फूड, फास्ट फूड आदि का प्रचलन बढ़ता जा रहा है जिसके चलते स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न प्रकार के रोग उभर कर सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मानव जीवन में यदि किसी प्रकार के रोग से कोई व्यक्ति ग्रसित हो जाता है तो उसकी कई वर्षों की जमा पूंजी भी उसके इलाज में खर्च हो जाती है और वह परिवार कई वर्ष पीछे चला जाता है।अतः अपने स्वास्थ्य का विशेष रूप से ध्यान रखते हुए हम जितना अधिक प्रकृति के सानिध्य में रहेंगे उतना ही अधिक उत्तम स्वास्थ्य से लाभान्वित होते रहेंगे।
विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शिरकत कर रही विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रोफेसर लवलीन मोहन ने छात्रों को संबोधित करते हुए बताया कि प्राकृतिक चिकित्सा एक प्राचीनतम विधा है। जिसके माध्यम से मानव जीवन के शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, आध्यात्मिक, भावनात्मक आदि सभी पक्षों का संतुलित और समन्वित विकास किया जाता है। आज के भाग दौड़ भरी जिंदगी में समग्र स्वास्थ्य की नितांत आवश्यकता है इसके अभाव में हम देखते हैं कि दिन-प्रतिदिन ऐसी अप्रिय घटनाएँ भी सुनने को मिल जाती है जो विज्ञान युग में आज भी बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह पीछे छोड़ देती है? ऐसे में यह अत्यंत आवश्यक है कि मानव जीवन को समग्र स्वास्थ्य की ओर ले जाने के लिए प्राकृतिक रूप से किए जाने वाले उपायों को अपनाना चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने शुद्ध और सात्विक आहार-विहार और दिनचर्या को अपनाने पर जोर दिया।
कार्यक्रम के संयोजक योग विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ० कुलदीप नारा ने आए हुए सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया व कार्यक्रम की रूपरेखा से उन सभी को अवगत कराया।
आज रिसोर्स पर्सन के रूप में योग विज्ञान विभाग के सहायक प्राध्यापक रहे डॉ० वीरेंद्र कुमार ने एनिमा विषय पर प्रकाश डालते हुए विद्यार्थियों को इसकी उपयोगिता से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में शरीर के विजातीय द्रव्यों को निष्कासित करना नितांत आवश्यक है। इसके अभाव में विभिन्न प्रकार के रोग उत्पन्न हो जाते हैं जिससे मानव जीवन अत्यंत दुष्कर हो जाता है।
इस अवसर पर योग विज्ञान विभाग के जो विद्यार्थी जून 2023 की यूजीसी नेट की परीक्षा उत्तीर्ण किए थे उनको सम्मानित किया गया, तथा इस अभूतपूर्व उपलब्धि के लिए योग विज्ञान विभाग के सभी सहायक प्राध्यापकों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में शिरकत कर रहे सभी गणमान्य अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर डॉ० अजमेर सिंह, डॉ जितेंद्र कुमार, डॉ० पूनम, डॉ वीरेंद्र कुमार, डॉ० जयपाल सिंह राजपूत, डॉ० मंजू सुहाग, डॉक्टर मंजू सुहाग, डॉ० ज्योति मलिक, डॉ० सुमन पूनिया तथा योग विज्ञान विभाग और अन्य विभागों के विद्यार्थी उपस्थित रहे। मंच संचालन डॉ० जयपाल सिंह राजपूत, सहायक प्राध्यापक योग विज्ञान विभाग द्वारा किया गया।