आयुर्वेद हमें हजारों सालो से स्वस्थ जीवन का मार्ग दिखा रहा है- डॉ॰ रणपाल
आयुर्वेद हमें हजारों सालो से स्वस्थ जीवन का मार्ग दिखा रहा है- डॉ॰ रणपाल
‘आयुर्वेद का पुनर्जागरण’ के नाम रहा कार्यशाला का तीसरा दिन
योग विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित ‘समग्र स्वास्थ्य के लिए प्राकृतिक चिकित्सा’ विषय पर आयोजित साप्ताहिक कार्यशाला के तीसरे दिन के रिसोर्स पर्सन के रूप में डॉ० कविता एवं डॉ० संदीप रहे। इस अवसर पर डॉ० कविता ने ‘आयुर्वेद का पुनर्जागरण’ विषय पर विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए बताया कि हमें अपने शरीर के माध्यम से जीवन में सर्वोत्तम उन्नति करने का शुभ अवसर प्राप्त होता है, यदि शरीर किन्हीं रोगों से ग्रसित हो जाता है तो हमारी कार्यक्षमता भी उससे प्रभावित होती है।
उन्होंने बताया कि त्रिदोष और सप्तधातुएँ हमारे शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक है। जब किसी व्यक्ति के यह दोष कुपित हो जाते हैं तो वह व्यक्ति रोगों से ग्रसित हो जाता है। अतः इन दोषों को कुपित होने से बचाने के लिए हमें अपने दिनचर्या, ऋतुचर्या और आहार-विहार का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। त्वरित लाभ प्राप्त करने के लिए उन्होंने मर्म चिकित्सा आदि के महत्व को भी साझा किया।
कुलपति डॉ॰ रणपाल सिंह ने बताया कि आयुर्वेद हमें हजारों वर्षों से स्वस्थ जीवन का मार्ग दिखा रहा है। आधुनिक चिकित्सा की शुरूआत ने और भारत में लगातार विदेशी आक्रमणों की वजह से इस कला को महत्व नहीं मिला। वर्तमान में, आधुनिक चिकित्सक इस प्राचीन कला के महत्व को समझ रहे हैं और आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के साथ आयुर्वेद का संबंध बनाकर आयुर्वेद पर अधिक से अधिक शोध लाने की भी कोशिश के जा रही है। चिकित्सा विज्ञान में इस नई प्रगति के साथ लोगों के विचारधारा और जीवन शैली में भी बहुत तेजी से बदलाव आ रहे हैं।
कुलसचिव प्रो॰ लवलीन मोहन ने बताया कि आयुर्वेद पांच हजार साल पुरानी चिकित्सा पद्धति है, जो हमारी आधुनिक जीवन शैली को सही दिशा देने और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी आदतें विकसित करने में सहायक होती