राज्य राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यालय पंचकूला द्वारा दस दिवसीय साहसिक शिविर का आयोजन
राज्य राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यालय पंचकूला द्वारा दस दिवसीय साहसिक शिविर का आयोजन किया गया था। यह शिविर दिनांक 25 नवंबर, 2023 से 04 दिसंबर, 2023 तक मक्लोडगंज, धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश में आयोजित किया गया। इस शिविर में हरियाणा के 7 विश्वविद्यालयों (कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र, चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय, सिरसा, गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय, हिसार, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, हिसार, चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जींद, इंदिरा गाँधी विश्वविद्यालय मीरपुर, रेवाड़ी, केन्द्रीय विश्वविद्यालय, महेंद्रगढ़) के 50 स्वयंसेवकों ने भाग लिया। चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जींद के सभी सम्बंधित महाविद्यालयों व विश्वविद्यालय शैक्षणिक संस्थान से 7 स्वयंसेवकों ने भाग लिया। इस साहसिक शिविर के लिए उन स्वयंसेवकों का चयनित किया गया, जो राष्ट्रीय सेवा योजना के समाज एवं पर्यावरण हितैषी कार्यों में बढ़-चढ़ कर रूचि लेते हैं तथा राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई में सक्रिय रहते हैं। नमनदीप शर्मा (चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जींद), अभिषेक (के.एम. कॉलेज, नरवाना), सचिन (राजकीय महाविद्यालय, जींद), आशीष (राजकीय महाविद्यालय, जुलाना), लविस (राजकीय महाविद्यालय, अलेवा), अमन (राजकीय महाविद्यालय, सफीदों), संयम (राजकीय महाविद्यालय, सफीदों) ने विश्वविद्यालय की तरफ से इस साहसिक शिविर में भाग लिया। डॉ० जितेन्द्र कुमार, प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि
इस शिविर में हर दिन सुबह शारीरिक गतिविधियाँ करवाई जाती थी, ताकि स्वयंसेवक शारीरिक रूप से स्वस्थ रहें। हर दिन अलग-अलग तरह की साहसिक गतिविधियां भी करवाई जाती थी जैसे कि कृत्रिम दीवार पर चढ़ना, प्राकृतिक चट्टान पर चढ़ना, नदी पार करना, बचाव अभियान प्रशिक्षण इत्यादि। हर दिन विभिन्न प्रकार के ट्रेनिंग सेशन करवाए जाते थे।
सभी स्वयंसेवकों ने दलाई लामा जी के मुख्य मंदिर परिसर का भी भ्रमण करवा वहां से संबंधित ऐतिहासिक जानकारियां दी गई। स्वयंसेवकों से कई ट्रैकिंग गतिविधियां भी करवाई गयी। जिसमें मुख्य ट्रेक भकशु नाग मंदिर पर्वतारोहण केंद्र, मैक्लोडगंज में करवाई गई। जिसकी दूरी 14 किलोमीटर है। क्षेत्रीय पर्वतारोहण केंद्र, मैक्लोडगंज से त्रियुड का ट्रैक भी करवाया गया, जिसकी ऊंचाई 2828 मीटर है। वहां स्वयंसेवकों को बताया गया कि ट्रैकिंग के दौरान मनुष्य जुझारू एवं निडर बनता है। मिलकर काम करने से उसमें सहयोग की भावना भी विकसित होती हैं। व्यक्ति सब कुछ भूलकर अपने आप को प्रकृति की गोद में विजय पाने के बाद व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ जाता है तथा उसे आत्मसंतोष की अनुभूति होती है।
विश्वविद्यालय कुलपति डॉ० रणपाल सिंह ने विद्यार्थियों को अपना आशीर्वाद देते हुए कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना का उद्देश्य ‘मैं नहीं बल्कि आप’ है जिसका मतलब है स्वयं की सेवा से पहले दूसरों की सेवा के विषय में सोचना और इस प्रकार की सोच के साथ एक स्वयंसेवक कार्य करता है तो वह समाज में एक बहुत अच्छा संदेश देता है और उसमें समाज के सभी लोगों को साथ लेकर चलने की भावना पैदा होती है। माननीय कुलपति ने SNO श्री दिनेश कुमार के कार्यों की सराहना की।
विश्वविद्यालय कुलसचिव प्रो० लवलीन मोहन ने कहा कि विद्यार्थियों के इस प्रकार भ्रमण करवाने से उनका व्यक्तिगत विकास होता है और वे पढ़ाई के साथ-साथ अन्य सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों में भी बढ़-चढ़ कर भाग लेते है। इस अवसर पर स्वयंसेवकों को मिठाई खिलाकर सभी ने अपना आशीर्वाद दिया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
डॉ० जितेन्द्र व उनकी समस्त टीम को बधाई दी और कहा कि इस शिविर में स्वयंसेवकों ने पहाड़ी क्षेत्र में प्लास्टिक का कम से कम प्रयोग करने, अपने आस-पास के वातावरण को स्वच्छ रखने, पौधरोपण करने, अपने आस-पास के लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने व अपने शैक्षणिक संस्थान में समय-समय पर लोगों को विभिन्न विषयों पर जागरूक करने के कार्यक्रम करवाने की शपथ दिलाई गयी। यूनिट तीन की प्रोग्राम ऑफिसर डॉ० सुमन पुनिया ने भी बताया कि किस प्रकार यह साहसिक शिविर स्वयंसेवकों के व्यक्तिगत जीवन को भी बदलने में एक अहम भूमिका निभाता है।