जनसंचार विभाग के तत्त्वाधान में न्यूज़ प्रोडक्शन विषय पर एक दिवसीय व्याख्यान का आयोजन
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जींद में जनसंचार विभाग के तत्त्वाधान में न्यूज़ प्रोडक्शन विषय पर एक दिवसीय व्याख्यान का आयोजन किया गया।
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जींद के जनसंचार विभाग के द्वारा आयोजित एक दिवसीय व्याख्यान में मुख्य वक्ता के तौर पर लेखक और वरिष्ठ पत्रकार अशोक कुमार कौशिक ने शिरकत की। जो लगभग 24 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में सक्रिय हैं और बड़े समाचार कार्यक्रम मे महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं और उनके कार्यक्रम ने अच्छी टीआरपी हासिल की है।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. रणपाल सिंह ने कहा कि समाचार बनाने में नैतिकता और विश्वासनीयता का ख्याल रखना बहुत महत्वपूर्ण है ताकि लोगों को सही और सत्य की जानकारी मिले और कहा कि समाचार एक व्यक्ति के जीवन का हम हिस्सा है, समाचार के माध्यम से एक व्यक्ति अपने आस-पास और देश-विदेश में होने वाली गतिविधियों के बारे में जानकारी हासिल कर सकता है।
विश्वविद्यालय कुलसचिव प्रो० लवलीन मोहन ने कहा कि टेलीविज़न पर समाचार का कार्यक्रम बनाया जाता है, तो उसे बनाने में कैमरामैन, विडियो एडिटर, समाचार सम्पादक, समाचार निर्माता, एंकर और चैनल के कई सदस्य शामिल होते हैं। उसके पश्चात ही एक कार्यक्रम का निर्माण होता है और आज मीडिया के क्षेत्र में बहुत सारे सुनहरे अवसर उपलब्ध है जिससे विद्यार्थी अपने उज्ज्वल भविष्य का निर्माण कर सकते हैं।
जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. एस. के. सिन्हा ने मुख्य वक्ता के तौर पर लेखक और वरिष्ठ पत्रकार अशोक कुमार कौशिक का स्वागत किया और कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया वर्षों से भारत में समाचार सम्प्रेषित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और कहा कि समाचार को एक नई सोच के साथ दिखाने का कार्य टीवी ने किया, जिसे आज डिजिटल मीडिया उसे लगातार आगे बढ़ा रहा है।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता अशोक कौशिक ने बताया कि समाचार बनाने का प्रक्रिया एक विशेष तरीके से चलती है और इसमें कई कदम शामिल होते हैं। यहां कुछ मुख्य कदम दिए जा रहे हैं जो समाचार बनाने की प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं, जैसे कि समाचार संग्रहण का पहला कदम यह है कि समाचार चयनकर्ता विश्व में घटित घटनाओं को ध्यानपूर्वक से देखें और उनमें से कुछ चयन करें। समाचार रिपोर्टर और संपादक गहराई से संग्रहण और जानकारी प्राप्त करते हैं। वे साक्षात्कार कर सकते हैं, विभिन्न स्रोतों से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और घटनाओं का सीधा अनुभव कर सकते हैं। रिपोर्टर या संपादक संग्रहित जानकारी को सुधारते हैं और उसे लेखन में रूपांतरित करते हैं। इसमें सटीक भाषा का उपयोग, विभिन्न स्तरों की जनता को ध्यान में रखकर लेखन होता है। समाचार को समर्थन के लिए चित्र और वीडियो का उपयोग किया जाता है। यह वाचकों को घटनाओं को बेहतर रूप से समझने में मदद करता है। समाचार रिपोर्ट को संपादकों द्वारा देखा जाता है ताकि उसमें किसी भी तरह की त्रुटियां नहीं हों। इसके बाद, उसे प्रमाणीकृत किया जाता है और फिर समाचार चैनल, रेडियो, अख़बार, या ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर प्रकाशित किया जाता है। समाचार रिपोर्ट को विभिन्न माध्यमों के माध्यम से लोगों तक पहुँचाया जाता है, जैसे कि टेलीविजन, रेडियो, अख़बार, वेबसाइट्स, और सोशल मीडिया।
विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ बालाराम बिंद के द्वारा मुख्य वक्ता को धन्यवाद ज्ञापित किया गया तथा इस अवसर पर विभाग के सभी प्राध्यापक डॉ० कृष्ण कुमार, डॉ प्रदीप कुमार, डॉ गौरव, दीपक अरोडा, कर्मवीर सिंहमार, पूनम खटकड़, ट्विंकल संधू , व सभी विद्यार्थी मौजूद रहे।