दो दिवसीय विज्ञान समरस (साइंस कॉन्क्लेव) समारोह का शुभारंभ

February 7, 2024

"विज्ञान वह दीपक है जो अंधकार को दूर करता है और ज्ञान की राह प्रशस्त करता है" के संकल्प को लेकर आज रसायन विज्ञान विभाग चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय जींद और हरियाणा राज्य विज्ञान नवाचार एवं प्रौद्योगिकी परिषद (एचएससीएसआईटी) के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय विज्ञान समरस (साइंस कॉन्क्लेव) समारोह का शुभारंभ हुआ।

उद्घाटन समारोह के अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ० रणपाल सिंह, कार्यक्रम की संरक्षिका कुलसचिव प्रोफेसर लवलीन मोहन, उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि प्रोफेसर एस.के. गक्खड़, पूर्व कुलपति, आईजीयू, रेवाड़ी, विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर ओम प्रकाश अरोड़ा एमेरिटस प्रोफेसर रसायन विज्ञान विभाग कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय. कुरुक्षेत्र, प्रसिद्ध वक्ता प्रो. के.के. भसीन, रसायन विज्ञान विभाग, पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़, कार्यक्रम के निदेशक डॉ. विशाल वर्मा, कार्यक्रम के सह-निदेशक एवं रसायन विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. अनुपम भाटिया, कार्यक्रम के सह-निदेशक डॉ० दीपक वाधवा आदि उपस्थित रहे। इस अवसर पर विभिन्न स्कूलों, महाविद्यालय और यूटीडी के प्रतिभागी तथा उनके टीम इंचार्ज उपस्थित रहे।  डॉ. अनुपम भाटिया ने आए हुए सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया और उन्हें कार्यक्रम की रूपरेखा से अवगत कराया।

उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि प्रोफेसर एस.के. गक्खड़, पूर्व कुलपति, आईजीयू, रेवाड़ी ने अपने संबोधन में कहा कि ज्ञान और विज्ञान के माध्यम से भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का सपना अवश्य ही साकार होगा। जय जवान जय किसान जय विज्ञान और जय अनुसंधान के माध्यम से उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि हमारे जीवन को सहज, सरल और सुगम बनाने के लिए विज्ञान अत्यंत आवश्यक है। भारत युवाओं का देश है यदि यहाँ का युवा वैज्ञानिक कौशलों से युक्त होगा तो इससे हमारे देश की अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होगी। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से स्वयं को अपडेट करने और दैनिक जीवन में विज्ञान के सहयोग का भी वर्णन किया।

इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति डॉ० रणपाल सिंह ने आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत किया और प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि विज्ञान प्रदर्शनी और अन्य वैज्ञानिकों के वक्तव्यों के माध्यम से  प्रतिभागी अपना ज्ञानवर्धन करें। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में यह हमारे भविष्य के वैज्ञानिक होंगे। अतः स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय से आए हुए सभी प्रतिभागी विज्ञान प्रदर्शनी और विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से जानकारी प्राप्त करें।

विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर ओम प्रकाश अरोड़ा ने अपने वक्तव्य में कहा कि विज्ञान के आविष्कार से परिवर्तन आया। इससे मानव जीवन आज सहज और सुगम हुआ है। धार्मिक, आध्यात्मिक और वैज्ञानिक सोच से सभी का कल्याण हो, इसी भावना से हम सभी को आगे बढ़ाना है। एक छोटा बच्चा भी आज मोबाइल चला सकता है, अतः प्राप्त हो रहे सहज सरल सुगम अवसरों को अपनी क्षमता के अनुसार संस्कृति अनुरूप प्रयोग करने की आवश्यकता है। उन्होंने सैद्धांतिक और प्रायोगिक ज्ञान के ऊपर ध्यान आकर्षित करते हुए सभी प्रतिभागियों को सीखने की तड़प बनाने और प्रयोग करके सीखने की भावना को उजागर किया।

इस अवसर पर प्रसिद्ध वक्ता प्रो. के.के. भसीन ने विद्यार्थियों को पढ़ते समय शारीरिक, मानसिक, नैतिक, बौद्धिक और नियमित रूप से इनका पालन करने की अनिवार्यता पर जोर दिया। उन्होंने विभिन्न प्रयोगों के माध्यम से विद्यार्थियों को विज्ञान के प्रति सीखने के लिए प्रेरित किया।

कार्यक्रम की संरक्षिका और विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रोफेसर लवलीन मोहन ने आए हुए सभी गणमान्य अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि विज्ञान उन्नति का आधार है। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से आए हुए सभी अनुभवी वैज्ञानिकों के विचारों से हमारे विद्यार्थियों के लिए ऐसी आधारभूमि तैयार होगी जिससे वे भावी वैज्ञानिक के रूप में तैयार होंगे, तभी इस तरह के कार्यक्रमों की सफलता और सार्थकता सिद्ध होगी।
इस अवसर पर सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह और अंगवस्त्र प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया गया। मंच संचालन अंग्रेजी विभाग की सहायक प्राध्यापिका डॉ० पल्लवी द्वारा किया गया।

विज्ञान समरस 2024 समारोह में आज विज्ञान प्रदर्शनियाँ लगाई गई और उनका प्रदर्शन किया गया। इसके अलावा उद्योग स्टाल प्रदर्शनी, यूटीडी/कॉलेज स्टॉल प्रदर्शनी, कुरुक्षेत्र पैनोरमा और विज्ञान केंद्र द्वारा मोबाइल विज्ञान प्रदर्शनी, पोस्टर बनाओ प्रतियोगिता, विज्ञान पर आधारित वृत्तचित्र और लघु वीडियो, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, समूह चर्चा/पैनल चर्चा आदि गतिविधियाँ आयोजित की गई।

इस विज्ञान समरस में भ्रमणशील विज्ञान प्रदर्शनी बस आकर्षण का केंद्र रही। यह बस तीन दिवसीय दौरे पर कुरुक्षेत्र पैनोरमा एवं विज्ञान केंद्र कुरुक्षेत्र की ओर से विश्वविद्यालय में आई है। जिसका उद्देश्य विज्ञान को बढ़ावा देना है और बच्चों को विज्ञान के प्रति जागरूक करना है। यह बस दोनों ओर से खुल जाती है जिसके अंदर लगभग 20 प्रदर्शनी लगी हुई है जो ऊर्जा एवं गणित पर आधारित है। इस बस को सुचारू रूप से दिखाने के लिए पैनोरमा की ओर से शिक्षा प्रशिक्षु श्री सुमित जांगरा, श्री जीतपाल एवं श्री शैलेंद्र कुमार ने योगदान दिया। इसके साथ-साथ बच्चों को तारामंडल के शो भी दिखाए गए, जिससे बच्चों को कंसल्टेशन साइन और जॉर्डिक साइन प्रदर्शित किए गए और बच्चों को जादू और फन के माध्यम से विज्ञान को दिखाने के लिए एक प्रदर्शन लेक्चर भी किया गया। टेलिस्कोप के माध्यम से बच्चों को सूर्य और सूर्य के ऊपर जो स्पॉट है उनको दिखाया गया।