आइक्यूएसी विभाग द्वारा एक दिवसीय \हेल्थ चेकअप कैंप लगाया गया और विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया गया
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय जींद के आइक्यूएसी विभाग द्वारा एक दिवसीय \हेल्थ चेकअप कैंप लगाया गया और विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया गया। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में सामान्य अस्पताल जींद से डॉ रमेश पांचाल डिप्टी सर्जन पहुंचे और डॉक्टर की एक टीम हेल्थ चेक अप के लिए उनके साथ पहुंची ।
उन्होंने सभी को संबोधित करते हुए बताया कि हमें नशे से दूर रहना चाहिए क्योंकि नशा मुक्ति पर मजबूती से कार्य करने की आवश्यकता है इसका सबसे गहरा असर युवाओं पर देखने को मिलता है। आज कोई भी देश नशे से अछूता नहीं है। यह हमारे शरीर को धीरे धीरे खत्म कर रहा है आज के युवाओं को नशे से दूर रहना चाहिए। उन्होंने बताया कि नशा शुरू करने के क्या कारण है जिसमें डिप्रेशन, मेंटल इश्यूज, फैमिली प्रॉब्लम या कोई बड़ा नुकसान होना आदि कारणों की वजह से मनुष्य नशा करने की शुरुआत करता है और धीरे-धीरे नशे का आदी हो जाता है।
उन्होंने कहा कि नशे की लत में पड़े लोगों को इस लत से बाहर निकालने में युवा अहम भूमिका निभा सकते हैं। कुछ आंकड़ों के माध्यम से उन्होंने बताया कि हम प्रतिवर्ष नशे पर कितना खर्च करते हैं और हम नशे पर खर्च न करके अगर उन्हें अपनेस्वास्थ्य संबंधित जैसे फल सब्जियां या जूस इत्यादि में खर्च करे तो उसे हमारा स्वास्थ्य बीमारियों से दूर रहेगा शरीर में कार्य करने की क्षमता बढ़ेगी और साथ ही शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता में वृद्धि होगी और इससे हमारा शरीर बीमारियों से बचा रहेगा। नशा विभिन्न प्रकार का होता है और हर नशे में लोगों को उसकी आदत लगना आम बात होती है इसलिए हमें ऐसे लोगों के साथ नहीं रहना चाहिए जो नशा करते हैं नशे से ना केवल हमारे शरीर में ही बीमारियां पैदा होती है बल्कि दूसरे व्यक्ति के शरीर को भी प्रभावित करता है।
भारत सरकार द्वारा 2003 में चलाये गये एक्ट के तहत सभी शिक्षण संस्थानों स्कूल महाविद्यालय, विश्वविद्यालय आदि के आसपास के 100 मीटर के दायरे में नशा बेचने वाली दुकानों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था और साथ में हिदायत दी कि कोई भी अध्यापक शिक्षण संस्थान में नशा करके कक्षा में प्रवेश नहीं करेगा उसके लिए भारत सरकार द्वारा सजा का भी प्रावधान किया गया था। कुछ आंकड़ों के माध्यम से दर्शाते हुए उन्होंने बताया कि भारत में युवक इस उम्र में नशे क्या आधी बनना शुरू हो जाता है और उसको किस प्रकार से हम बचा सकते हैं। इसलिए हम सभी को नशे से दूर रहना चाहिए अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए और साथ ही समाज को इसके प्रति जागरूक करना चाहिए जिससे हमारा वातावरण हरा भरा और शुद्ध वायु से सुशोभित रह सके। इस मौके पर विश्वविद्यालय कुलसचिव प्रोफेसर लवलीन मोहन ने मुख्य वक्ता डॉ रमेश पंचाल का विश्व विद्यालय परिवार की तरफ से हार्दिक स्वागत व अभिनंदन किया और इस प्रकार यह वक्तव्य के लिए उन का तहे दिल से धन्यवाद दिया और कहा कि ऐसे कार्यक्रम में युवाओं को विशेष रूप से लाभ मिलेगा और वह आगे चलकर नशे से बचने के लिए लोगों को समाज को जागरूक करेंगे और नए केवल अपने शरीर स्वास्थ्य बल्कि आसपास के लोगों और समाज को भी स्वस्थ रखने का काम करेंगे।
डायरेक्टर आइक्यूएसी प्रोफेसर एसके सिन्हा ने डॉ रमेश पांचाल और उनकी टीम का विश्वविद्यालय पहुंचने पर हार्दिक स्वागत किया और कहा कि इसके साथ ही इस साल की थीम हमें भोजन की आवश्यकता है तंबाकू कि नहीं सभी को अवगत कराया| आज पूरा देश नशे का आदी है और नशे से बचने के लिए और नशे से होने वाली स्वास्थ्य संबंधित बीमारियों का किस तरीके से निवारण कर सकते हैं इसके बारे में डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए और लोगों को जागरूक करना चाहिए कि वह नशे से दूर रहें अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें नशे की चीजें लेने से बच्चे और उनकी जगह फल सब्जियां और अच्छी खाद्य सामग्री का उपयोग करें जिससे शरीर के साथ-साथ हमारा परिवार, हमारा समाज और देश भी नशे से मुक्त रहेगा।
विश्वविद्यालय कुलपति डॉ रणपाल सिंह ने डिप्टी सर्जन डॉक्टर रमेश पांचाल और उनकी टीम का विश्व विद्यालय परिवार की तरफ से विद्यालय के अंदर इस प्रकार के इनफॉरमेशनल लेक्चर और हेल्थ चेकअप कैंप लगाने के लिए और इस प्रोग्राम को आयोजित करने के लिए आइक्यूएसी विभाग का धन्यवाद किया और कहा कि इस तरीके के कार्यक्रम का आयोजन करना समाज को और विद्यार्थियों को नशे से मुक्त करने और देश को नशा मुक्त बनाने के लिए एक सराहनीय कदम है, जब युवा नशे से मुक्त होंगे, देश नशे से मुक्त हो पाएगा इसलिए युवाओं को इस प्रकार के कार्यक्रम में हिस्सा लेना चाहिए और रूटीन चेकअप के लिए प्रोत्साहित किया|
प्रोग्राम की संयोजक डॉक्टर निशा ने बताया कि लगभग 110 स्टूडेंट्स, स्टाफ एवं विश्वविद्यालय में रह रहे कंस्ट्रक्शन वर्कर्स ने हेल्थ चेकअप में भाग लिया|