पंचम प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के उपलक्ष में नेचरोपैथी एक समग्र आयु विज्ञान आरोग्य एवं परामर्श शिविर
इंटरनेशनल नेचुरोपैथी संगठन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ नेचुरोपैथी आयुष मंत्रालय भारत सरकार एवं योग विज्ञान विभाग सीआरएसयू के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पंचम प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के उपलक्ष में नेचरोपैथी एक समग्र आयु विज्ञान आरोग्य एवं परामर्श शिविर 21 नवंबर से 25 नवंबर तक लगाया जा रहा है।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में स्वामी राघवानंद अध्यक्ष अखिल भारतीय घीसा संत महामंडल, विशिष्ट अतिथि के रूप में बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजवीर सिंह यादव, डॉक्टर मदन मानव प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र, डॉक्टर प्रदीप माथुर संजीवनी काया शोधन संस्थान गोहाना से पहुंचे। मंच का संचालन डॉ जयपाल सिंह द्वारा किया गया।
योग विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ कुलदीप नारा ने कार्यक्रम में पहुंचे सभी मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथियों का स्वागत व अभिनंदन किया।
डीन एकेडमिक अफेयर प्रोफेसर एसके सिन्हा ने विश्वविद्यालय के बारे में मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथियों को विस्तार से बताया और विश्वविद्यालय अचीवमेंट और गतिविधियों के बारे में विवरण दिया। विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉक्टर मदन मानव फाउंडर डायरेक्टर ग्लोबल इंस्टिट्यूट ब्लाइसफुल लाइफ इंस्ट्रक्शन और डॉ मीनाक्षी हुड्डा और रिसोर्स पर्सन के रूप में सूर्य देव जी पहुंचे।
विश्वविद्यालय कुलपति डॉ रण पाल सिंह ने बताया कि योग भाग एक सशक्त विभाग है। योग एक प्राचीन विधा है इसका वर्णन वेदों में भी किया गया है। आज योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में बाबा रामदेव और पी एम मोदी जी का बहुत बड़ा योगदान है। प्राकृतिक चिकित्सा एक ऐसी पद्धति है जो मनुष्य और प्रकृति दोनों से जुड़ी हुई है मनुष्य का और प्रकृति का बहुत गहरा संबंध है।
डॉक्टर मदन मानव फाउंडर डायरेक्टर ग्लोबल इंस्टिट्यूट ब्लाइसफुल लाइफ इंस्ट्रक्शन अपने उद्बोधन में बताया कि मनुष्य जीवन का उद्देश्य सुख एवं आनंद में रहते हुए दूसरों को सुख एवं आनंद लेते हुए मोक्ष प्राप्त करना ही जीवन का उद्देश्य है, जीवन में प्राकृतिक चिकित्सा को अपनाएं। उन्होंने बताया कि मनुष्य को अपना आहार क्यों क्या कब कैसे कितना और किस जगह लेना चाहिए इन सब के बारे में उसका ज्ञान होना जरूरी है प्राकृतिक चिकित्सा मनुष्य को जीवन जीने का मूल यंत्र भी सिखाता है जिससे मनुष्य का जीवन सुखमय और आनंद पूर्वक व्यतीत होता है।
विशिष्ट अतिथि डॉ प्रदीप माथुर ने बताया कि प्राथमिक चिकित्सा को जीवन में अपनाना चाहिए जीवन में कोई भी रोग हो जो असाध्य हो उसको प्राकृतिक चिकित्सा से ठीक कर सकते हैं उन्होंने कुछ घर में प्रयोग में आने वाले देसी नुस्खे से बीमारियों का किस तरीके से इलाज किया जा सकता है उसके बारे में भी विस्तार से समझाया और किस तरीके के हम नुस्खे घर में प्रयोग में ला सकते हैं और कैसे उनका प्रयोग घर में कर सकते हैं किस बीमारी में कौन से नुस्खे सहायक है उसके बारे में बताया।
विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर राजवीर सिंह यादव कुलपति बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय रोहतक ने अपने उद्बोधन में बताया कि योग विद्या को सभी भाषाओं में अनुवादित होना चाहिए जिससे सब को इसका फायदा मिल सके उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य ही इंसान का असली धन है अगर इंसान का स्वास्थ्य ठीक है तो वह कुछ भी कर सकता है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्वामी राघवानंद जी महाराज ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि काया स्वस्थ होगी तभी हम एक स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकते हैं प्रकृति ने हमें बहुत कुछ दिया है पुण्य करने से हमें मानव देह मिली है। मानव जीवन बड़ा मूल्यवान है प्राणवायु से अपान वायु का मिलन ही योग है इसे मानव जीवन को और अधिक महत्वपूर्ण बनाने हेतु योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा को अपनाना चाहिए स्वास्थ्य पर ध्यान प्राणायाम आदि अपना कर अपने जीवन को सफल बना सकते हैं।
अंत में विश्वविद्यालय कुलसचिव प्रोफेसर लवलीन मोहन ने कार्यक्रम में आए विशिष्ट अतिथि और मुख्य अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया। उन्होंने इस कार्यशाला को आयोजित करने के लिए योग विज्ञान विभाग के प्राध्यापकों का और विभागाध्यक्ष का धन्यवाद किया और कहा कि इस तरह के आयोजन करना अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है इसके लिए योग विभाग के सभी प्राध्यापक बधाई के पात्र हैं।
स्वयं योग और नेचर केयर हिसार से योग शिक्षिका श्रीमती रीना डॉ रविंद्र मलिक डॉ अजय आर्य प्राकृतिक चिकित्सक उपस्थित रहे और उन्होंने एक डेमो के माध्यम से विद्यार्थियों को शिरोधारा मालिश चिकित्सा मिट्टी चिकित्सा जल चिकित्सा आदि के बारे में विस्तार से समझाया।
इस मौके पर डीएसडब्ल्यू डॉक्टर जसबीर सुरा, डॉ वीरेंद्र आचार्य, डॉ मंजू सुहाग, डॉ ज्योति मलिक, डॉ सुमन पूनिया आदि मौजूद रहे।