प्रबंधन विभाग द्वारा आयोजित द्विसाप्ताहिक कार्यशाला
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जींद में प्रबंधन विभाग द्वारा आयोजित द्विसाप्ताहिक कार्यशाला के प्रातःकालीन सत्र के मुख्य वक्ता प्रोफ़ेसर आर के सिंह, हेड एंड डीन फ़ैकल्टी ऑफ़ कॉमर्स एंड बिज़नेस, दिल्ली विश्वविद्यालय रहे उन्होंने "शोध पत्र और शोध प्रस्ताव लिखने " की विधियों के बारे में प्रतिभागियों को जानकारी प्रदान की | उन्होंने बताया कि एक शोध पत्र का लक्ष्य यह सूचित करना नहीं है कि किसी विषय के बारे में दूसरों को क्या कहना है, बल्कि किसी विषय के बारे में दूसरों को क्या कहना है और स्रोतों को शामिल करना है ताकि इन मुद्दे पर विचारपूर्वक अद्वितीय परिप्रेक्ष्य प्रस्तुत किया जा सके; तथा शोध प्रस्ताव प्रस्तुति में शोध का शीर्षक, सार, साहित्य की समीक्षा, अध्ययन के उद्देश्य, शोध पद्धति, ग्रंथ सूची, संदर्भ आदि शामिल होने चाहिए |
सायंकालीन सत्र के मुख्य वक्ता प्रोफ़ेसर राजीव चौधरी, पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर छत्तीसगढ़ रहे उन्होंने हिन्दी भाषा में शोध क्षेत्र की क्लिष्टता को दूर करने के लिए तथा शोधार्थियों के मार्गदर्शन के लिए यूट्यूब पर 1000 से अधिक व्याख्यान अपलोड किए हुए है | उन्होंने अपने वक्तव्य "स्ट्रक्चरल इक्वेशन मॉडलिंग (एसईएम)" में बताया कि विज्ञान, व्यवसाय,और अन्य क्षेत्रों में प्रायोगिक और अवलोकन अनुसंधान दोनों में वैज्ञानिकों द्वारा उपयोग की जाने वाली विधियों के विविध सेट के लिए यह एक लेबल है। इसका उपयोग सामाजिक और व्यवहार विज्ञान में सबसे अधिक किया जाता है। एसईएम का एक बड़ा फायदा यह है कि ये सभी माप और परीक्षण एक साथ एक सांख्यिकीय अनुमान प्रक्रिया में होते हैं, जहाँ मॉडल से सभी जानकारी का उपयोग करके पूरे मॉडल में त्रुटियों की गणना की जाती है।