शारीरिक शिक्षा विभाग के डॉक्टर जितेंद्र कुमार के द्वारा मिल्क क्वालिटी डिटेक्शन डिवाइस का निर्माण कर पेटेंट करवाया
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय जींद के शारीरिक शिक्षा विभाग के शोधार्थी डॉक्टर जितेंद्र कुमार के द्वारा मिल्क क्वालिटी डिटेक्शन डिवाइस का निर्माण कर पेटेंट करवाया ।
यह चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात है कि शारीरिक शिक्षा विभाग वर्ष 2014 से अस्तित्व में है शारीरिक शिक्षा विभाग में डॉक्टर जितेंद्र द्वारा यह पहला पेटेंट है जिस पर विश्वविद्यालय के कुलपति कर्नल डॉक्टर रणपाल सिंह ने डॉ जितेंद्र कुमार को बधाई दी एवं डीन एकेडमिक अफेयर्स एवं डीन रिसर्च अफ़ेयर डॉ एसके सिंह डीन एवं चेयरपर्सन डॉक्टर कुलदीप नारा ने भी डॉक्टर जितेंद्र को बधाई देकर उनके कार्य की प्रशंसा की डॉ जितेंद्र ने बताया कि यह डिवाइस का उपयोग एवं लाभ दूध से जुड़े उद्योग हरियाणा एवं भारत सरकार के द्वारा चलाई जाने वाली खेल नर्सरियों खिलाड़ियों फूड सेफ्टी एंड क्वालिटी कंट्रोल तथा अन्य डेरी उद्योगों के वेस्ट को कम करने में लाभदायक साबित होगा ।इसके द्वारा परस्पर एडल्टरेशन डिटेक्शन भी संभव होगा डॉ जितेंद्र ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया
दूध एक सामान्य एलर्जेन है। ऐसे उपकरण जो दूध का पता लगाते हैं, यह सुनिश्चित करने में मदद कर सकते हैं कि डेयरी-रहित उत्पादों में दूध की उपस्थिति नहीं है, जिससे एलर्जिक प्रतिक्रियाओं से बचा जा सके।
डेयरी उत्पादों के लिए, यह सुनिश्चित करता है कि इस्तेमाल किया गया दूध गुणवत्ता और शुद्धता के मानकों को पूरा करता है, जो उपभोक्ता सुरक्षा और उत्पाद की स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।
दूध में लैक्टोज का पता लगाने वाले उपकरण उन व्यक्तियों को मदद कर सकते हैं जो लैक्टोज असहिष्णुता से पीड़ित हैं, जिससे वे ऐसे उत्पादों से बच सकें जो उनके लिए असुविधाजनक या स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो
ये उपकरण दूध में अन्य पदार्थों की मिलावट का पता लगा सकते हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि उपभोक्ता जो खरीद रहे हैं वह शुद्ध है और ब्रांडों को धोखाधड़ी से बचाते हैं।
डेयरी प्रसंस्करण संयंत्रों में, ये उपकरण उत्पादन प्रक्रिया की निगरानी और नियंत्रण के लिए उपयोग किए जा सकते हैं, जिससे दक्षता और सुरक्षा मानकों का अनुपालन सुनिश्चित होता है।
नए उत्पादों के निर्माण और परीक्षण में मदद करता है, यह सुनिश्चित करते हुए कि वे वांछित विशिष्टताओं को पूरा करते हैं, विशेष रूप से डेयरी विकल्पों के विकास में।
यह मिल्क क्वालिटी डिटेक्शन डिवाइस सुनिश्चित करता है कि उत्पाद लेबलिंग सटीक है और खाद्य लेबलिंग नियमों का अनुपालन करती है, जो कानूनी अनुपालन और उपभोक्ता विश्वास के लिए महत्वपूर्ण है।
उपकरण दूध की पोषण सामग्री का भी विश्लेषण कर सकते हैं, जिससे उत्पादकों और उपभोक्ताओं को उनके द्वारा उपभोग किए जाने वाले दूध उत्पादों के स्वास्थ्य लाभ और पोषण मूल्य को समझने में मदद मिलती है।
दूध की गुणवत्ता सुनिश्चित करके, ये उपकरण डेयरी उद्योग में स्थायी कृषि प्रथाओं का समर्थन कर सकते हैं और अपशिष्ट को कम कर सकते हैं।
कुल मिलाकर, मिल्क क्वालिटी डिडक्शन डिवाइस अर्थात दूध पहचानने वाले उपकरण खाद्य उद्योग और उससे परे सुरक्षा, गुणवत्ता और अनुपालन को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करते हैं। इस पेटेंट से संपूर्ण विश्वविद्यालय एवं शारीरिक शिक्षा विभाग में खुशी की लहर है शारीरिक शिक्षा विभाग के सभी प्रोफेसर डॉक्टर कुलदीप नारा डॉ नरेश देशवाल डॉक्टर प्रवीण गहलावत डॉक्टर सुनीति डॉ रोहित डॉक्टर प्रवीण डॉ अतुल एवं कार्यालय स्टाफ परवीन अशोक आदि ने डॉक्टर जितेंद्र को अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की ।