शिक्षा विभाग में व्याख्यान श्रृंखला के अंतर्गत ‘जीवन कौशल शिक्षा- व्यक्तिगत विकास का एक मार्ग’ विषय पर व्याख्यान का आयोजन
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जींद के शिक्षा विभाग में व्याख्यान श्रृंखला के अंतर्गत ‘जीवन कौशल शिक्षा- व्यक्तिगत विकास का एक मार्ग’ विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया I
व्याख्यान में मुख्य वक्ता के रूप में पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला के शिक्षा एवं सामुदायिक सेवा विभाग से सेवानिवृत प्रोफेसर किरणदीप कौर ने व्याख्यान दियाI सर्वप्रथम शिक्षा विभाग प्रभारी डॉ० रितु रानी ने प्रोफेसर किरणदीप कौर जी का विभाग में अपनी सेवाएं देने व आमंत्रण स्वीकार करने के लिए धन्यवाद किया और विभाग में पधारने पर उनका स्वागत कियाI शोधार्थी सुदेश ने सभी को प्रोफेसर किरणदीप कौर जी का संक्षिप्त परिचय देते हुए उनके अनुभव और शैक्षिक उप्लाब्धियों से अवगत करवायाI प्रोफेसर कौर ने अपने व्याख्यान में कहा कि जीवन कौशल शिक्षा वह प्रक्रिया है जो व्यक्ति को दैनिक जीवन की आवश्यकताओं और चुनौतियों का सही तरीके से सामना करने के लिए ज्ञान, क्षमता और अभिवृत्ति प्रदान करती है| यह पारंपरिक शैक्षिक विषयों से बढ़कर प्रायोगिक कौशल और क्षमताओं को विकसित करने पर बल देती है, जो व्यक्तिगत विकास, बेहतर सामाजिक संवाद और पेशेवर सफलता के लिए आवश्यक हैं | प्रोफेसर कौर ने बताया कि जीवन कौशल का सम्प्रत्य विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 1993 में शुरू किया था| विद्यालय स्तर पर सीबीएसई तथा एनसीईआरटी ने इस विषय पर काफी काम किया है तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में जीवन कौशल गुण और क्षमताओं को विद्यार्थियों मे विकसित करने पर बल दिया गया है | राष्ट्रीय शिक्षा नीति 10 जीवन कौशलों- आत्म जागरूकता, तदानुभूति, तार्किक चिंतन, रचनात्मक चिंतन, निर्णयन, समस्या समाधान, प्रभावशाली संप्रेषण, अन्तर्वयक्तिक संबंध, भावनात्मक प्रबंधन और तनाव प्रबंधन पर बल देती है| राष्ट्रीय शिक्षा नीति बच्चों को केवल किताबी ज्ञान ना देकर जीवन कौशलों में कुशल बनाने पर बात करती है| प्रोफेसर कौर ने जीवन कौशल शिक्षा के महत्व को बताते हुए कहा कि यह विद्यार्थी जीवन से ही व्यक्ति को समय प्रबंधन, संचार कौशल, तनाव प्रबंधन, नेतृत्व, समस्या समाधान आदि कौशल सिखाती है जो कि वर्तमान समय में एक स्वस्थ और सफल जीवन जीने के लिए आवश्यक हैं | जीवन कौशल शिक्षा विद्यार्थी को स्वयं को बेहतर तरीके से समझने में सहायता करती है जिससे वह अपने मनोभावों को समझ कर भावनात्मक रूप से समर्थ व सक्षम बन सके| जीवन कौशल शिक्षा रचनात्मक व तार्किक चिंतन और अन्तर्वयक्तिक कुशलता पर बल देती है जिससे व्यक्ति अपने कार्य क्षेत्र में बेहतर संतुलन स्थापित कर सफलता प्राप्त कर सकता है| जीवन कौशल शिक्षा विद्यार्थियों को उनके आने वाले व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन की चुनौतियों से कुशलता से निपटने और सफल होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है|
विभाग की शोधार्थी सुमन ने प्रोफेसर कौर तथा सभी स्टाफ सदस्यों का व्याख्यान के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया| विभाग अध्यक्ष डॉक्टर कुलदीप नारा जी ने कहा कि इस प्रकार का व्याख्यान न केवल विद्यार्थियों के ज्ञान का संवर्धन करते हैं, बल्कि उनके व्यावहारिक कौशलों में भी वृद्धि करते हैं| विद्यार्थियों ने व्याख्यान के संदर्भ में अपनी सकारात्मक प्रतिपुष्टि प्रदान की और कहा की भविष्य में भी हम यही कामना करते हैं कि विभाग हमारे ज्ञान में कौशल संवर्धन के लिए इस प्रकार के आयोजन करवाता रहेगा इस अवसर पर विभाग के सभी स्टाफ सदस्य व विद्यार्थी उपस्थित रहे |