“संगीत में पद्धति एवं संगीत के मूलभूत पहलू” विषय पर एक विस्तार व्याख्यान का आयोजन
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय के संगीत एवं नृत्य विभाग मैं "संगीत में पद्धति एवं संगीत के मूलभूत पहलू" विषय पर एक विस्तार व्याख्यान (एक्सटेंशन लेक्चर) का आयोजन किया गया I
इस विषय पर एमडीयू रोहतक से रिटायर्ड प्रोफेसर एवं डीन संगीत विभाग प्रोफेसर हुकम चंद जी ने अपना व्याख्यान दिया I उपरोक्त विषय पर बहुत ही विस्तृत जानकारी प्रोफेसर हुकम चंद जी द्वारा दी गई उन्होंने शास्त्रीय संगीत के अंतर्गत ख्याल गायन,ध्रुपद,धमार के साथ-साथ उप शास्त्रीय शैलियों जैसे - ठुमरी,टप्पा,गजल इत्यादि एवं सुगम संगीत के प्रसिद्ध गीतों की भी अपने व्याख्यान में विस्तृत चर्चा की I
उन्होंने कहा शास्त्रीय संगीत उस पेड़ की तरह है जिस पर अनेकों फल फूल पत्ते अन्य सांगीतिक विधाओं की तरह लगे हुए हैं l इसलिए संगीत विषय से जुड़ने के लिए तथा अनेकों संगीत शैलियों को जानने के लिए शास्त्रीय संगीत शिक्षा अति आवश्यक है शास्त्रीय संगीत को सीखने के बाद ही एक कलाकार किसी भी संगीत शैली को निभा सकता है l
प्रोफेसर हुकम चंद जी ने कहा एक संगीत साधक कभी भी अपना रियाज (संगीत साधना) नहीं छोड़ सकता रिटायरमेंट के बाद आज भी वह कई कई घंटे रियाज करते हैं l उनके साथ संगतकार के रूप में डॉ रविंद्र नागर एवं डॉ रामदिया तथा विभाग के 2 विद्यार्थियों तबले पर मोहित तथा गिटार पर आदर्श ने संगत की l
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ डॉ. रणपाल सिंह एवं कुलसचिव प्रोफेसर लवलीन मोहन जी ने विभाग को बधाई दी एवं भविष्य में इस तरह के व्याख्यान करने के लिए विभाग को प्रोत्साहित किया I विभागाध्यक्ष डॉ जसवीर सिंह ने कहा इस तरह के काबिल संगीतकारों का आगमन विभाग में होता रहना चाहिए इस तरह के व्याख्यान बच्चों को अच्छा करने के लिए प्रेरित करते हैं !
संगीत एवं नृत्य विभाग के इंचार्ज डॉक्टर कृष्ण कुमार ने कहा इस विस्तार व्याख्यान से ने केवल बच्चे लाभान्वित हुए बल्कि विभाग के सभी शिक्षको ने भी बहुत कुछ सीखा l भविष्य मैं भी ऐसे गुणी संगीतकारों को विभाग बुलाता रहेगा जिससे बच्चों में संगीत को सीखने, जानने का क्रम बना रहे l संगीत शिक्षण में नए आयाम स्थापित करने के लिए विश्वविद्यालय का संगीत विभाग ईमानदारी और निष्ठा से प्रयासरत है l
इस मौके पर डॉ.भावना,डॉ.कविता, डॉ. रामदिया ,डॉ. राकेश इत्यादि विभाग के सम्मानित सदस्य मौजूद रहे l