जनसंचार विभाग में आज एक दिवसीय व्याख्यान
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग में आज एक दिवसीय व्याख्यान हुआ।
जिसमें आदरणीय श्रीमान नरेंद्र कुंडू जी, संपादक म्हारा देश, म्हारी माटी पत्रिका व दैनिक सवेरा के ब्यूरो ने मुख्य वक्ता के रूप में शिरकत की।
उन्होंने प्रिंट मीडिया विषय पर छात्रों को सम्बोधित किया। उन्होंने बताया कि हमें प्रिंट मीडिया में क्या करना चाहिए व इस क्षेत्र में क्यों जाना चाहिए? उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि मैंने पंजाब केसरी से शुरुआत की, पहले बस से अखबार भेजा जाता था और मॉडेम के द्वारा फोटो जाती थी। कुछ समय बाद ईमेल के द्वारा समाचार भेजी जाने लगी। आज के समय में हर कोई सेलिब्रिटी बनना चाहता है व डिजिटलीकरण से सभी पत्रकारों को सहूलियत हो गई। उन्होंने बताया कि आप 1 साल से 6 महीने का समय पत्रकारिता को दें। प्रिंट मीडिया व अखबार को बेसिक जानकारी के लिए हमें पढ़ना व इस क्षेत्र में कार्य करना जरूरी है। अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा कि 2008 से पहले मुझे कोई जानकारी नहीं थी।धीरे - धीरे हर रोज फील्ड में लोगों से जानकारी होती चली गई। जब प्रेक्टिकल फील्ड में आएंगे तो हम प्रिंट से जो सीखेंगे, वो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नहीं सीख पाएंगे। प्रिंट में हमें अपने अखबार को भरने की जिम्मेदारी रहती है। प्रिंट मीडिया में सरकारी कार्यालय की हर प्रकार की खबर आसानी से छप सकती है। किस कार्यालय में क्या प्रक्रिया है, इसके बारे में हम जानकारी ले सकते हैं। हमें शब्दों पर कमांड होना जरूरी है। प्रिंट आज भी विश्वसनीय व अधिक जिम्मेदार माना जाता है। उन्होंने बताया कि पत्रकार को प्रेस कांफ्रेंस में जाने से पहले उसके बारे में ज्ञान होना जरूरी है। प्रिंट में हिंदी व्याकरण की शुद्धि होना जरूरी है।
हमें कहां क्या लिखना है, प्रिंट से सीखने को मिलता है। ए बी सी के अनुसार 2017 में अखबार का 4 करोड़ से अधिक का सर्कुलेशन रहा है। प्रिंट ने खुद नए क्षेत्रों में विकसित किया है और यह हमारे लिए प्रूफ का काम करता है। कभी भी अखबार में लिखने वाले समाचार को अप्रभावी नहीं समझना चाहिए। अखबार में छपी हुई खबर किसी कार्य के विकास को स्वीकृति देने में मदद करता है। जो चीजें समाज को आगे बढ़ाती हैं, हमें वही चीजें दिखानी चाहिए। हमें लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में खुद को स्थापित करना है। खबर का समाज में क्या संदेश जाएगा, उसके अनुसार हमें खबर को तैयार करना है। पाठक आपकी खबर का शीर्षक पढ़ेगा, इसलिए वह रोचक हो व भाषा सरल हो । खबर में हर चीज़ तरतीब से व तथ्य पूर्ण होनी चाहिए। सोशल मीडिया आने के बाद पत्रकार आलसी हो गया है। फोटो हर समाचार का चेहरा होता है। फोटो एंगल सही होना चाहिए। जितने अधिक लोग फोटो में होंगे व उसके बैकग्राउंड के अनुसार फोटो अखबार में लगेगा। अत्यधिक मात्रा में जानकारी देने में प्रिंट ज्यादा मददगार है। प्रिंट मीडिया में जाना हमारे लिए अधिक जरूरी है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी हमें स्क्रिप्ट लिखनी पड़ती है, इसलिए लिखने की कला हमारे लिए जरूरी है। उन्होंने बताया कि प्रिंट मीडिया में शब्दों का खेल है।
इस दौरान विद्यार्थियों ने अपने संशयों को दूर किया और उनसे विभिन्न विषयों को लेकर सवाल जवाब किये। छात्रों के सवालों के जवाब देते हुए उन्होंने प्रिंट मीडिया के प्रेक्टिकल स्किल के बारे में विद्यार्थियों को बताया। विभाग के इंचार्ज डा. बालाराम बिंद ने मुख्य वक्ता का स्वागत एवं अभिनंदन किया।
इस दौरान विभाग के सभी प्राध्यापक डा. अंशुला गर्ग, पूनम, दीपक, डा. कृष्ण, डा. गौरव एवं विभाग के सभी विद्यार्थी मौजूद