न्यायप्रिय समाज में निहित होती है राष्ट्र की उन्नति
July 18, 2023
अंतर्राष्ट्रीय न्याय दिवस के उपलक्ष में कुलपति डॉ० रणपाल सिंह ने बताया कि यह दिवस प्रतिवर्ष 17 जुलाई को मनाया जाता है जिसका उद्देश्य नागरिकों को न्याय के प्रति जागरूक करना है।
उन्होंने बताया कि इस दिन, न्याय से संबंधित विशेष चर्चाएँ, सेमिनार, वेबिनार, शिक्षा कार्यक्रम और संबंधित गतिविधियाँ देशों के अलग-अलग क्षेत्रों में आयोजित होते रहते हैं। इन गतिविधियों में विभिन्न संगठनों, अधिकारियों, शिक्षकों, विद्यार्थियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की भागीदारी होती है, जो न्याय के लिए संघर्ष कर रहे हैं । हम सभी को यह समझने की आवश्यकता है कि न्यायपूर्ण समाज का निर्माण हमारी साझी जिम्मेदारी है और हम सभी को इसमें सहयोग करना आवश्यक है। यह एक सामाजिक परिवर्तन का माध्यम है जिससे शांति और समृद्धि के पथ पर आगे बढ़ा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि न्याय वह मूल भूमिका निभाता है, जिससे समाज में समानता का संचार होता है। न्याय के अभाव में, अनेक लोगों को उनके अधिकारों से वंचित रहना पड़ता है, जो समृद्धि और विकास में सहयोग करने से वंचित होते हैं। न्यायप्रिय समाज निर्माण के लिए, हमें एकजुट होकर अपना योगदान देना चाहिए। न्याय के लिए हमारी स्वयं की भूमिका भी अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। हमें अपने दैनिक जीवन में न्यायपूर्ण निर्णय लेने में सक्षम होना चाहिए और समाज में न्याय के प्रति संवेदनशील भागीदारी भी होनी चाहिए।
इस दिवस का उद्देश्य न्यायप्रिय समाज का प्रचार-प्रसार करना, न्याय के मुद्दों पर चर्चा करना, समाज को न्याय के प्रति जागरूक और एकजुट करना और मानवाधिकारों के संरक्षण में समर्थन का संदेश देना है कि हम सभी एक समरसता और न्यायपूर्ण समाज का निर्माण करें।
उन्होंने बताया कि इस दिन, न्याय से संबंधित विशेष चर्चाएँ, सेमिनार, वेबिनार, शिक्षा कार्यक्रम और संबंधित गतिविधियाँ देशों के अलग-अलग क्षेत्रों में आयोजित होते रहते हैं। इन गतिविधियों में विभिन्न संगठनों, अधिकारियों, शिक्षकों, विद्यार्थियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की भागीदारी होती है, जो न्याय के लिए संघर्ष कर रहे हैं । हम सभी को यह समझने की आवश्यकता है कि न्यायपूर्ण समाज का निर्माण हमारी साझी जिम्मेदारी है और हम सभी को इसमें सहयोग करना आवश्यक है। यह एक सामाजिक परिवर्तन का माध्यम है जिससे शांति और समृद्धि के पथ पर आगे बढ़ा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि न्याय वह मूल भूमिका निभाता है, जिससे समाज में समानता का संचार होता है। न्याय के अभाव में, अनेक लोगों को उनके अधिकारों से वंचित रहना पड़ता है, जो समृद्धि और विकास में सहयोग करने से वंचित होते हैं। न्यायप्रिय समाज निर्माण के लिए, हमें एकजुट होकर अपना योगदान देना चाहिए। न्याय के लिए हमारी स्वयं की भूमिका भी अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। हमें अपने दैनिक जीवन में न्यायपूर्ण निर्णय लेने में सक्षम होना चाहिए और समाज में न्याय के प्रति संवेदनशील भागीदारी भी होनी चाहिए।
इस दिवस का उद्देश्य न्यायप्रिय समाज का प्रचार-प्रसार करना, न्याय के मुद्दों पर चर्चा करना, समाज को न्याय के प्रति जागरूक और एकजुट करना और मानवाधिकारों के संरक्षण में समर्थन का संदेश देना है कि हम सभी एक समरसता और न्यायपूर्ण समाज का निर्माण करें।