वित्तीय लेखांकन विषय पर एक एक्सटेंशन लेक्चर का आयोजन
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय जींद के आइक्यूएसी विभाग द्वारा विश्वविद्यालय के आउटसोर्स और रेगुलर क्लर्क के लिए वित्तीय लेखांकन विषय पर एक एक्सटेंशन लेक्चर का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक के फाइनेंस ऑफिसर श्री मुकेश भट्ट जी ने शिरकत की। विश्वविद्यालय पहुंचने पर डायरेक्टर आइक्यूएसी प्रोफेसर एस.के सिन्हा और असिस्टेंट डायरेक्टर डॉ निशा देउपा ने हार्दिक स्वागत व अभिनंदन किया।
मुख्य वक्ता ने अपने वक्तव्य में एडमिनिस्ट्रेटिव अप्रूवल के बारे में विस्तार से बताया और समझाया कि यह किस समय और कैसे लेनी है और विश्वविद्यालय में कुलपति कुलसचिव और एग्जीक्यूटिव काउंसिल अनुमति देता है, क्योंकि काम करने की पावर सबसे ज्यादा विश्वविद्यालय कुलपति व कुलसचिव के पास होती है जो अलग-अलग कार्यों में विभाजित होती है।
उन्होंने बजट के बारे में विस्तार से बताया कि किसी भी विभाग को बजट किस प्रकार मिलता है। उन्होंने बताया कि बजट ईयर 31 मार्च से लेकर अगले साल 1 अप्रैल तक होता है। जो विभाग के खर्च होते हैं कंटीजेंसी चार्ज से निकाले जाते हैं।
कंटिजेंट के बाद बजट रजिस्टर बनाया जाता है जिसमें हर सामान की एंट्री होती है और जो भी विभाग बजट से जो भी सामान लेकर आता उसे टोटल बजट से कट कर दिया जाता है उसके बाद शेष बजट बच जाता है।
उन्होंने बताया कि हेड ऑफ डिपार्टमेंट और कंट्रोलर ऑफिसर की जिम्मेदारी होती है कि वह अपने विभाग के बजट को मेंटेन करके रखें ताकि ऑडिट में कोई भी दिक्कत ना आए।
उन्होंने बिल किस प्रकार बनाए जाते हैं और एक बिल के अंदर किन चीजों को चेक किया जाता उसके बारे में विस्तार से बताया।
उन्होंने कुछ उदाहरणों के माध्यम से वस्तुओं को किस प्रकार खरीदा जाता है किस प्रकार उन पर जीएसटी लगता है और कितने पैसों पर कितना टीडीएस कटता है उसके बारे में विस्तार से समझाया।
उन्होंने पैन कार्ड के महत्व के बारे में समझाया कि यह किसी भी लेनदेन में किस प्रकार काम आता है| उन्होंने पेमेंट कितने प्रकार की होती है उसके बारे में बताया|
टीडीएस (TDS) किस प्रकार कटता है और उसके क्या सोर्स होते है उसके बारे बताया|
असिस्टेंट डायरेक्टर आइक्यूएसी डॉक्टर निशा देउपा ने बताया कि नैक के सातवें क्राइटेरिया के अनुसार इंस्टीट्यूशनल वैल्यू एंड बेस्ट प्रैक्टिस में गैर शिक्षक कर्मचारी की ड्यूटी और उनकी जिम्मेदारी से संबंधित प्रोग्राम करवाने जरूरी है।
विश्वविद्यालय कुलसचिव प्रोफेसर लवलीन मोहन ने आइक्यूएसी विभाग को इस तरीके के इनफॉरमेशन व महत्वपूर्ण लेक्चर के आयोजन पर बधाई दी और सभी का धन्यवाद किया।
इस मौके पर डॉ अजमेर सिंह और विश्वविद्यालय के सभी क्लर्क मौजूद रहे|