शिक्षण अधिगम को प्रभावशाली बनाने के लिए शिक्षण क्रिया विश्लेषण
शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को प्रभावशाली बनाने के लिए शिक्षण क्रिया विश्लेषण की अहम भूमिका
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जींद के शिक्षा विभाग मे दिनांक 21 फरवरी 2023 को “शिक्षण अधिगम को
प्रभावशाली बनाने के लिए शिक्षण क्रिया विश्लेषण” विषय पर विस्तार व्याख्यान का आयोजन किया गया ।
व्याख्यान की मुख्य वक्ता प्रोफेसर हेमंत लता शर्मा पूर्व हेड व डीन शिक्षा विभाग महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय,
रोहतक ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बेहतर शिक्षक बनने के लिए शिक्षक को स्वॉट विश्लेषण करते
रहना चाहिए । उन्होंने शिक्षण क्रिया विश्लेषण के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि विश्लेषण एक वैज्ञानिक
प्रक्रिया है और शिक्षण के विज्ञान को शिक्षणशास्त्र कहते हैं। उन्होंने कहा कि आज के समय में बालक केवल कोरी
स्लेट नहीं हैं, वे ज्ञान को अपने अनुभव से ग्रहण कर उसे आत्मसात करते हैं। इसलिए शिक्षण प्रक्रिया में शिक्षण
क्रिया विश्लेषण की अहमियत और अधिक बढ़ गई है। आज के समय में अध्यापक की भूमिका दोहरी हो गई है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 अध्यापकों की व्यावसायिक मानदंड के लिए तीन घटकों पर बल देता है जो ज्ञान, प्रवृति
और कौशल हैं। उन्होंने शिक्षण क्रिया विश्लेषण को विषय वस्तु विश्लेषण का अग्रिम चरण बताते हुए इसके चार
घटकों या स्तंभों पर प्रकाश डाला प्रथम स्तंभ है ‘क्या’ अर्थात अध्यापक को क्या पढ़ाना है यानी विषय वस्तु दूसरा
घटक है, ‘क्यों’ अर्थात जो पढ़ाना है या अनुदेशात्मक उद्देश्य क्या है, तीसरा स्तंभ है ‘कैसे’ अर्थात शिक्षण की
विधि और प्रविधि क्या होगी, चौथा व अंतिम घटक है ‘कितना’ अर्थात विद्यार्थी क्या सीखा इसके लिए मूल्यांकन
प्रविधियों का चयन होता है । प्रोफेसर हेमंत लता शर्मा ने शिक्षण क्रिया विश्लेषण के अवयवों पर विस्तार से
बताते हुए कहा कि सबसे पहले सम्प्रत्ययो की पहचान की जाती है एवं उसके पश्चात विद्यार्थियों के वांछित
व्यवहारिक परिणामों की सूची बनाई जाती है। तत्पश्चात इसके लिए उचित प्रयोगात्मक गतिविधियों की सूची बनाई
जाती है। अंतिम अवयव मूल्यांकन प्रक्रिया है जिसमें प्राप्त उद्देश्यों का मूल्यांकन किया जाता है। शिक्षा अधिगम
प्रक्रिया की प्रभावशीलता के लिए प्रत्येक शिक्षक का शिक्षण क्रिया विश्लेषण में पारंगत होना अनिवार्य है। इस
अवसर पर विभाग के सभी विद्यार्थी तथा शोधार्थी उपलब्ध रहे तथा उन्होंने शुक्रिया विश्लेषण से संबंधित अपने
प्रश्न पूछे जिनका उत्तर देकर प्रोफेसर शर्मा ने उनकी जिज्ञासा शांत की। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष डॉ कुलदीप
नारा ने शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस प्रकार के व्याख्यान विद्यार्थियों के ज्ञान संवर्धन के साथ साथ उनके
व्यक्तित्व के विकास में सहायक होते हैं। इस अवसर पर विभाग इंचार्ज डॉ रितु रानी, प्राध्यापिका श्रीमती सविता,
श्रीमती सुदेश व शोधार्थी सुमन सभी विद्यार्थियों के साथ उपस्थित रहे।