कुलपति डॉ रणपाल सिंह ने दो दिवसीय पुस्तक प्रदर्शनी का शुभारंभ किया
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविधालय जींद के महर्षि पतंजलि योग भवन मे कुलपति डॉ रणपाल सिंह ने दो दिवसीय पुस्तक प्रदर्शनी का शुभारंभ किया इसमें तकरीबन अंतर्राष्टीय व राष्ट्रिय स्तर के 47 प्रकाशक और पुस्तक विक्रेता ने अपनी किताबों की प्रदर्शनी लगाई है जिसमे विद्यार्थियों की सुविधा अनुसार चल रहे कोर्सों की किताबों का अच्छा खासा संग्रह है। पुस्तक प्रदर्शनी मे पहुंचे पर कुलपति और कुलसचिव का प्रोफ और लाइब्रेरी प्रभारी प्रोफ. एस. के. सिन्हा ने स्वागत किया और उन्होंने कहा की विश्विधालय मे अच्छी किताबें विश्विधालय के विकास मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है आज हमारी सेंट्रल लाइब्रेरी मे 28,500 पुस्तकें उपस्थित है 21 समाचार पत्र और 19 पत्रिका हमारे पुस्तकालय मे उपस्थित है और आज हमारी तकनिकी रूप से पूर्ण तरह से विकसित है जिसमे कहीं से भी विद्यार्थी किताब को इंटरनेट के माध्यम से पढ़ सकता है अच्छे शोध को बढ़ावा देने के लिए हमारे पास आज प्लेग्रिज्म की जाँच करने की सॉफ्टवेर उपलब्ध है और हमारे विश्विधालय मे छह मंजिल के नए भवन का निर्माण लाइब्रेरी बनाने के लिए किया जा रहा है और उन्होंने सभी का प्रदर्शनी मे पहुंचने पर स्वागत किया विश्विधालय कुलपति डॉ रणपाल सिंह ने कहा कि पुस्तकें मानव की वास्तविक मित्र व प्रेरणास्त्रोत होती हैं। और आज के समय मे विद्यार्थी पुस्तकों से दुरी बना चुके है और विद्यार्थियों के सम्पूर्ण विकास मे पुस्तकें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और उच्च शिक्षा में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को उनके पाठ्यक्रम के विशिष्ट ज्ञान के लिए कई पुस्तकों को पढ़ाना होता है। उन्हें संपूर्ण ज्ञान एक ही पुस्तक में प्राप्त नहीं होता है। इसलिए यह आवश्यक है कि छात्र पुस्तकों को पढ़ने की आदत डालें। और आजयह अच्छी बात है कि एक ही स्थान पर विभिन्न विषयों की विश्वस्तरीय पुस्तकें उपलब्ध हैं विश्वविधालय की कुलसचिव प्रोफ लवलीन मोहन ने छात्र-छात्राओं को ज्यादा से ज्यादा पुस्तकें पढ़ने के लिए जोर दिया और उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी में 47 से अधिक प्रकाशक है और आज का दिन हमारे लिए बहुत बड़ा है आज विश्विधालय के दो दिविसीय पुस्तक प्रदर्शनी मे जींद से कोई भी व्यक्ति अच्छी पुस्तकें आकर खरीद सकता है हर उम्र के लोगों के लिए कुछ न कुछ
पुस्तक प्रदर्शनी उपलब्ध हैं प्रदर्शनी मे इतिहास , संचार कोशल, शोध , नई राष्ट्रनीति आदि से सम्बन्धित किताबें है आज के समय मे पुस्तकों को पड़ना जरूरी है क्युकी पुस्तकों के जरिए सहज रूप से भविष्य का निर्माण किया जा सकता है सहायक पुस्तकालय अध्यक्ष डॉ अनिल कुमार ने सभी का बुक प्रदर्शनी मे पहुंचने पर धन्यवाद किया और कहा की ज्ञान हमारे जीवन का सबसे बड़ा हथियार है जिसके जरिए हम जीवन मे कभी भी नही हारते और ज्ञान के लिए विश्विधालय मे एक अच्छे पुस्तकालय का होना बहुत जरूरी है और विश्विधालय के शोध मे पुस्तकालय एहम योगदान निभाता है और आज हमारे विद्यार्थियों के पास हर सुविधा से युक्त पुस्तकालय है मंच का संचालन अंग्रेजी विभाग की सहायक प्राध्यापक पल्लवी द्वारा किया गया और प्रदर्शनी मे विश्वविधालय के कर्मचारी और सभी विद्यार्थी और शिक्षक मौजूद रहे