चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय जींद में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया नौवाँ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय जींद एवं जिला प्रशासन जींद के संयुक्त तत्वावधान में नौवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमती कमलेश ढांडा, माननीय महिला एवं बाल विकास मंत्री हरियाणा रही।
विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री रामचन्द्र जांगडा, माननीय सांसद राज्यसभा रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता माननीय कुलपति डॉ० रणपाल सिंह द्वारा की गई।
आयुष विभाग भारत सरकार द्वारा इस वर्ष के लिए
"वसुधैव कुटुम्बकम् के लिए योग" थीम रखा गया है।
कुलपति डॉ० रणपाल सिंह द्वारा इस अवसर पर सभी गणमान्य अतिथियों का विश्वविद्यालय में पधारने पर हार्दिक स्वागत अभिनंदन किया गया। जिला उपायुक्त श्री मनोज कुमार द्वारा गणमान्य अतिथियों को कार्यक्रम की रूपरेखा से अवगत कराया गया।
इस कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर तथा भारतवर्ष के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के संदेश को सुनाया गया।
श्री खट्टर ने अपने संदेश में बताया कि हर आयु वर्ग के लिए अपना शरीर स्वस्थ रखना अत्यंत आवश्यकता है। स्वस्थ होना तथा स्वस्थ रहने के मध्य अंतर को स्पष्ट करते हुए उन्होंने बताया कि हम बीमार ही ना हो इसके लिए नित्य प्रति अपने जीवन में योग को अपनाना चाहिए। स्वस्थ शरीर, प्रसन्न मन और स्थिर बुद्धि रखते हुए कार्य करने से परिणाम भी उत्तम प्राप्त होते हैं। उन्होंने आह्वान किया कि सभी जागरूक नागरिक अपने बच्चों को तथा शिक्षा संस्थानों में पाठ्यक्रमों के माध्यम से बच्चों को योग अपनाकर स्वस्थ रहने के लिए प्रेरित करें।
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपने संदेश में बताया कि जो करने का आनंद यादगार रहता है। वर्ष 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के माध्यम से योग एक वैश्विक आंदोलन बन गया है। ओसियन रिंग ऑफ योगा जो समुद्र के विस्तार, विभिन्न देशों के पारस्परिक संबंध पर आधारित है उसी क्रम में योग भारतमाला योग सागर माला बनाई गई है। इस वर्ष अंटार्कटिका से लेकर दक्षिणी ध्रुव तक योग से पृथ्वी के दो ध्रुव जुड़े रहे हैं। योग ने दुनिया के लोगों को सहजता और सरलता से एकजुट होना सिखाया है। जो जोड़ता है वह योग है, इस विचार से पूरे विश्व को एक परिवार के रूप में, जीवमात्र की एकता का एहसास वसुधैव कुटुंबकम के भाव को दर्शाता है। योग अंतर्विरोध, गतिरोध और प्रतिरोधों को भी समाप्त करता है। कर्म में कुशलता ही योग है यह मंत्र आजादी के अमृतकाल में अत्यंत महत्वपूर्ण है, यह हमें कार्य से सिद्धि की ओर ले जाता है। योग द्वारा उत्तम स्वास्थ्य प्राप्त करने के संकल्प को आत्मसात करते हुए व्यक्तिगत और सामूहिक स्तर पर जो ऊर्जा विकसित होगी वह श्रेष्ठ भारत, विकसित भारत का निर्माण करने में उपयोगी सिद्ध होगी।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि श्रीमती कमलेश ढांडा ने अपने उद्बोधन में बताया कि जो हमारे देश की विरासत है, यह शरीर का मन से मिलाप कराती है।
स्वस्थ शरीर से ही जीवन का आनंद प्राप्त किया जाता है तथा शरीर में निरंतर ऊर्जा का संचार बना रहता है। इस अवसर पर उन्होंने हरियाणा योग आयोग का गठन होने आयुष विभाग खोले जाने तथा वैलनेस सेंटर, व्यायामशालाओं, पार्कों आदि के माध्यम से हर घर आंगन योग पहुँचाने की बात कही। उन्होंने विद्यालयों में भी पाठ्यक्रम के माध्यम से योग शिक्षा अपनाए जाने पर जोर दिया। शीघ्र ही वर्षा ऋतु आरंभ होने वाली है इस बात का जिक्र करते हुए उन्होंने सभी से एक-एक पौधा लगाने और उसकी देखभाल करने का संकल्प कराते हुए पर्यावरण संवर्धन में जनभागीदारी को बढ़ाने प्रेरित किया।
विशिष्ट अतिथि श्री रामचन्द्र जांगडा ने अपने उद्बोधन में पहला सुख निरोगी काया प्राप्त करने के लिए योग के महत्व को उजागर किया। उन्होंने बताया कि भारतीय संस्कृति की विश्व में एक विशेष पहचान है। विश्व में अनेक विधाओं में मुख्य योग की पहचान माननीय प्रधानमंत्री के द्वारा विश्व जगत को कराई गई है। मन मस्तिष्क की संकीर्ण विचारधाराओं को त्यागकर यह समस्त जगत ही अपना परिवार है इस भाव को अपनाकर सामाजिक सौहार्द बढ़ाने के लिए तथा आरोग्यता बनाए रखने के लिए योग अपनाने पर जोर दिया।
इस अवसर पर योग विज्ञान विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ० वीरेंद्र कुमार के निर्देशन में योग प्रोटोकॉल का प्रशिक्षण कराया गया तथा डॉ० सुमन पूनिया व उनकी टीम के नेतृत्व में शानदार योग डेमोंसट्रेशन की प्रस्तुति की गई।
इस अवसर पर हरीश वशिष्ठ अतिरिक्त उपायुक्त जींद द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित हुए विश्वविद्यालय तथा प्रशासन जींद की ओर से आए हुए सभी अधिकारियों, कर्मचारियों, पत्रकार बंधुओं, एनसीसी कैडेट्स तथा विभिन्न स्कूलों से आए हुए विद्यार्थियों के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में 2000 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। मंच संचालन राजवीर नैन द्वारा किया गया।
कार्यक्रम के समापन के पश्चात जलपान की व्यवस्था विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कराई गई।