चतुर्थ दीक्षांत समारोह का आयोजन
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जींद में सोमवार को चतुर्थ दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। दीक्षांत समारोह के प्रारंभ में माननीय राज्यपाल हरियाणा एवं चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जींद कुलाधिपति श्री बंडारू दत्तात्रेय, माननीय सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश डॉ सूर्यकांत, डी ए वी कॉलेज प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष श्री पूनम सूरी, चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय जींद कुलपति कर्नल डॉ. रणपाल सिंह, कुलसचिव प्रो लवलीन मोहन, सभी संकायाध्यक्ष एवं कार्य परिषद सदस्यगणों की उपस्थिति में कुलपति कार्यालय से पुलिस बैंड के साथ दीक्षांत समारोह की यात्रा आरंभ होकर महर्षि पतंजलि योगभवन पहुंची। दीक्षांत यात्रा की समाप्ति के पश्चात पुलिस बैंड की धुनों पर सुमधुर राष्ट्रगान से समारोह का शुभारंभ हुआ। तत्पश्चात समारोह अध्यक्ष एवं विशिष्ट अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर कुलगीत के साथ कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया गया।
विश्वविद्यालय के कुलपति कर्नल डॉ. रणपाल सिंह द्वारा स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए विश्वविद्यालय की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, रोजगार, खेल एवं नवाचारों की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। उन्होंने कहा आज विश्वविद्यालय में 26 विभाग कार्यशील है| पिछले 2 वर्षों में हमने 10 नए विभाग व 28 कोर्सेज शुरू किए हैं और इस साल हम 10 नए डिग्री और डिप्लोमा कोर्सेज शुरू करने जा रहे हैं| उन्होंने बताया की विश्वविद्यालय में दो साल पहले विद्यार्थियों की संख्या लगभग 1500 थी जो अब लगभग 4,000 तक पहुँच चुकी है और नए सत्र में लगभग 6,000 हो जाएगी| हमारे विश्वविद्यालय की दो महिला खिलाडियों ने 19 वें एशिया खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया| जिसमे से एक खिलाड़ी हरियाणा के भीम अवार्ड और भारत के अर्जुन अवार्ड से सम्मानित है, हमारे 29 खिलाड़ियों ने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम में भाग लिया और तीसरा स्थान हासिल किया| इस साल हमने राज्यस्तर पर हरियाणा उत्सव हरियाणा दिवस पर मनाया व इंटर जोनल यूथ फेस्टिवल का आयोजन करवाया, और हमारे विश्वविद्यालय के सहायक प्राध्यापक के कई शोध पेटेंट दर्ज हो चुके हैं विद्यार्थियों के रोजगार के लिए हमने सेमिनार, कार्यशाला व रोजगार मेले का भी आयोजन किया| पंडित दीन दयाल उपाध्याय केंद्र के अंतर्गत हमने उड़ान आई ए एस के साथ मिलकर विद्यार्थियों के लिए प्रशासनिक परीक्षा की तैयारी भी शुरू की है और इस साल हम एन डी ए की परीक्षा की तैयारी भी शुरू करने वाले हैं आज विश्वविद्यालय में 35,000 से अधिक पुस्तकें व अच्छे जर्नल उपलब्ध हैं उन्होंने कहा की हम पूरा प्रयास कर रहे हैं की किस प्रकार विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण के साथ रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाए जा सकें ।
कुलपति डॉ रणपाल सिंह ने कुलाधिपति जी से दीक्षांत समारोह शुरू करने की अनुमति ली राज्यपाल की अनुमति से विधिवत रूप से की शुरुआत की गई। इसके पश्चात विश्वविद्यालय पुस्तिका का विमोचन माननीय राज्यपाल एवं कुलाधिपति महोदय द्वारा किया गया। दीक्षांत समारोह में विशेष अतिथि के रूप में श्री पूनम सूरी ने शिरकत की जिन्हे पीएच-डी की मानद उपाधि से विभूषित किया गया उन्होंने पीएच-डी की मानद उपाधि से विभूषित करने के लिए विश्वविद्यालय परिवार का धन्यवाद किया उन्होंने विद्यार्थियों को संबधित करते हुए कहा की अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद अब आप विश्व की प्रतिस्पर्धा में अपने कदम रखने वाले हैं और मैं आप सभी को त्रिशूल देना चाहता हूं जिसमे पहला शूल मुस्कान है आप हमेशा जीवन में मुस्कुराते रहें, जीवन में बड़ा सोचो यह जीवन का दूसरा शूल है अगर आप बड़ा सोचेंगे तभी कुछ बड़ा कर पाएंगे और जीवन का तीसरा शूल है परमपिता परमात्मा में विश्वास करो जब आपकी शक्ति के साथ परमपिता परमात्मा की शक्ति जुड़ जाएगी तो आपको दुनिया की कोई शक्ति हरा नहीं सकती
सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति डॉ सूर्यकांत जी ने कहा जब मैंने आमंत्रण प्राप्त किया सीआरएसयू में आने के लिए तो अपने व्यस्त शेड्यूल के कारण वीसी साहब को मना कर दिया गया परन्तु जैसे मैं यहां आया तो मुझे ऐसा लगा जैसे मैं अपने घर आ गया हूं।
मैं अपने बचपन और कॉलेज के दिन याद करके बहुत उदास हुआ। कुछ लोग जानते होंगे कि मेरा गांव यहां से लगभग 40 किमी दूरी पर हैं। बचपन से ही जींद में रहे है और बहुत यादें जुड़ी हुईं है। 1960-70 के दशक के दौरान जब मैं खुद विद्यार्थी था उस समय इतना मजबूत भौतिक अवसंरचना मौजूद नहीं थी परन्तु आज हरियाणा ने काफ़ी उन्नति की हैं। हरियाणा राज्य पर हमें गर्व है और ये विकास प्रतिबिंब हैं इस बात का कि आज यहां की युनिवर्सिटी पीछे नहीं हैं।
आपको याद रखना होगा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एकमात्र कुंजी है किसी भी राष्ट्र की उन्नति के लिए और यह गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कराना किसी भी शैक्षणिक संस्थान की जिम्मेदारी हैं। मैं आपको ध्यान रखना होगा की जो युवा है जिन पर भारत का भविष्य टिका हुआ है समाज के लिए कुछ अच्छा कार्य करने की क्षमता रखें। कल शाम को एक कार्यक्रम के समापन समारोह के दौरान जब मैं मंच पर संबोधित कर रहा था एक बात बार-बार पूछ रही थी कि भारत की 55% आबादी 55 साल से नीचे की है मतलब भारत सबसे ज्यादा युवा शक्तिशाली राष्ट्र है जो लोग जनसंख्या बढ़ती को देखकर शर्मिंदा महसूस करते हैं मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि आज हम मानव संसाधन के मामले में विश्व में अग्रणी स्थान पर हैं। मुझे उम्मीद है कि यह युनिवर्सिटी आपके लिए अनेकों मौके उपलब्ध कराएगी। सूर्यकांत जी ने स्वामी विवेकानंद जी द्वारा कहे गए कथन को दोहराते हुए कहा की एक आइडिया को निर्धारित कीजिए और उसे अपनी ज़िंदगी बना लीजिए उसके बारे में सोचिए, उसके बारे में स्वपन लीजिए और उस आइडिया को जीएं और वो आइडिया आपके रोम रोम में बस जाए।और यही सफलता का मंत्र हैं। मैं सभी को इस मौके पर बधाई देता हूं कि अब आप एक प्रतिस्पर्धी दुनिया में कदम रखने वाले हैं जहां आप अपने कार्य के आधार पर अपने माता पिता, समाज और राष्ट्र का नाम रोशन करेंगे।
माननीय राज्यपाल हरियाणा एवं कुलाधिपति महोदय ने उपाधि धारकों को संबोधित करते हुए कहा कि आज मैं सी आर एस यू के चतुर्थ दीक्षांत समारोह में आकर गौरव का अनुभव कर रहा हूं। माननीय राज्यपाल महोदय ने सभी उपाधि धारकों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज विद्यार्थियों के लिए बहुत गर्व की बात है की आज दो महान विभूतियां हमारे साथ कार्यक्रम में शामिल है सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डॉ सूर्यकांत जी और पदम श्री से सम्मानित श्री पूनम सूरी जी मैं यहां आने पर उनको धन्यवाद देना चाहता हूं
उन्होंने कहा की दीक्षांत समारोह महत्वपूर्ण है आपने आज के दिन के लिए बहुत मेहनत की है और आप लोगों को आज डिग्री से नवाजा गया है मैं आपको और आपके माता पिता को बधाई देता हूं। माता पिता को चिंता रहती है हमारा बच्चा क्या करेगा, कैसे करेगा, क्या बनेगा मुझे विश्वास है आप सभी को नौकरी मिलेगी आपको नौकरी करनी चाहिए पर इसके साथ ही आपका सपना होना चाहिए की आप नौकरी लेने वाले नहीं देने वाले बने कभी भी दूसरों के भरोसे पर नहीं चलना चाहिए आज मैं आपके सामने राज्यपाल के रूप में खड़ा हूं और एक गरीब परिवार से हूं मैं जब पढ़ता था तब पढ़ाई के साथ माता जी का काम में सहायता करता था मेरी माता मुझे प्रेरित करती थी वह कहती थी तुम्हें जीवन में अच्छा करना है मेरे एक शिक्षक ने मुझे रास्ता दिखाया उन्होंने मुझे नेपोलियन के उदाहरण से समझाया और उसके बाद मैने और अच्छे से पढ़ना शुरू किया और बैंक की परीक्षा पास की पर मैंने वह नौकरी छोड़ दी और घर छोड़ कर समाज सेवा में लग गया मैने कभी सोचा नहीं था मैं मंत्री बनूंगा या राज्यपाल बनूंगा ।
आज मैं जब देख रहा था सी आर एस यू में 21 गोल्ड मेडल में से 16 लड़कियों को गोल्ड मेडल मिला है महिलाएं आज हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवा रही है आप आज शिक्षा के साथ कौशल शिक्षा पर भी जोर दें भारत में कार्य करने वाले लोग तो हैं पर स्किल की कमी है जब मैं भारत सरकार ने लेबर मंत्री था तब जापान का स्किल अनुपात 89 प्रतिशत, जर्मनी का 91 प्रतिशत , साउथ कोरिया का 93 प्रतिशत था और भारत का 3.4 प्रतिशत आज भारत का कौशल शिक्षा में प्रतिशत काफी बड़ा है आज शिक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक, मशीन लर्निंग जैसे नए कोर्सेज आ रहे है जो हमे सीखने चाहिए।।हमे नवाचार से जुड़ा शोध करना चाहिए हमारा विश्वविद्यालय नया होते हुए भी हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है खेलों में साहित्य में भी अच्छा कार्य कर रहे हैं।हमारे विश्वविद्यालय के कुलपति को भारत सरकार द्वारा कर्नल की मानद उपाधि से नवाजा गया है उनको मैं शुभकामनाएं देता हूं।उन्होंने कहा की हमारी युवा पीढ़ी प्रतिभाशाली है जो भारत को विकसित भारत व सुपर पॉवर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी । एक शोध के अनुसार भारत में लगभग 2030 तक 3 करोड़ नौकरी आने वाली है हमारे कुछ विद्यार्थियों ने से विद्यार्थी दूसरे देशों में नौकरी करने जाएंगे
लेकिन वहां जाने के बाद भी हमें भारत को नहीं भूलना और अपने गांव की और शहर की हर सेवा के लिए तैयार रहना है । विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रो. लवलीन मोहन ने धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापित किया, चतुर्थ दीक्षांत समारोह में सी बी एल यू भिवानी की कुलपति प्रो. दीप्ति धीरमानी, हरियाणा साहित्य अकादमी के अध्यक्ष डॉ धर्मदेव विद्यार्थी और विश्वविद्यालय के सभी कर्मचारी उपलब्ध रहे ..