चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

September 30, 2025

चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जींद में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) इकाई द्वारा आयोजित किया गया, जिसमें छात्रों, शिक्षकों और अधिकारियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।

माननीय प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किया गया टीबी मुक्त भारत अभियान वर्ष 2025 तक देश को क्षय रोग (टीबी) से पूरी तरह मुक्त कराने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. (डॉ.) राम पाल सैनी ने अपने संदेश में कहा कि यह अभियान न केवल एक स्वास्थ्य कार्यक्रम है, बल्कि यह मानवता के उत्थान के लिए चलाया जा रहा सामाजिक आंदोलन है। उन्होंने कहा कि यदि हम सभी मिलकर जागरूकता फैलाएं और समय पर इलाज सुनिश्चित करें तो भारत को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य अवश्य प्राप्त होगा।

इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से सामान्य हस्पताल, जींद से प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर, डॉ कोमल ने शिरकत की। उन्होंने छात्रों को ट्यूबरकुलोसिस (TB) की गंभीरता, इससे बचाव के तरीकों और विशेष रूप से भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही TB उन्मूलन योजनाओं के बारे में जागरूक किया। उन्होंने कहा की बच्चे सिर्फ TB की रोकथाम में ही नहीं, बल्कि इसे ख़त्म करने के राष्ट्रीय मिशन में भी एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं। निक्षय पोषण योजना जैसी पहल तभी सफल होगी जब बच्चे जागरूक होकर इन योजनाओं को उन लोगों तक पहुंचाएंगे जिन्हें इनकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत है। डॉ. कोमल ने छात्रों को TB के मुख्य लक्षणों (दो सप्ताह से अधिक खांसी, बुखार, वज़न घटना) की पहचान करने और समय पर स्वास्थ्य केंद्र जाने के लिए प्रोत्साहित किया।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. नवीन लडवाल, कार्यक्रम समन्वयक, एनएसएस ने किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि टीबी उन्मूलन में युवाओं की भूमिका सबसे अहम है। युवाओं के माध्यम से समाज में जागरूकता तेजी से फैल सकती है। विश्वविद्यालय की एनएसएस इकाई द्वारा आने वाले दिनों में गांव-गांव जाकर लोगों को टीबी के लक्षणों, कारणों और उपचार के बारे में जानकारी देने के साथ-साथ दवाइयों की नियमित खुराक की महत्वता भी समझाई जाएगी। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राएँ समाज में बदलाव के वाहक होते हैं और इस अभियान की सफलता उनके सक्रिय सहयोग पर निर्भर करती है।

डॉ. जगपाल मान, कार्यक्रम अधिकारी, एनएसएस ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में लोग टीबी को लेकर कई भ्रांतियों और झिझक के शिकार हैं। इसी कारण कई मरीज समय पर इलाज नहीं करा पाते। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करें और उन्हें यह संदेश दें कि टीबी एक पूरी तरह से ठीक होने वाली बीमारी है, बशर्ते समय पर इलाज और नियमित दवा ली जाए।

कार्यक्रम में मौजूद विद्यार्थियों ने शपथ ली कि वे समाज में “टीबी हराओ – देश बचाओ” का संदेश फैलाएंगे और प्रधानमंत्री के इस महत्वाकांक्षी अभियान को सफल बनाने में सक्रिय भूमिका निभाएंगे।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शिक्षकों, कर्मचारियों और एनएसएस स्वयंसेवकों ने भी भाग लिया और विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से जनजागरूकता फैलाने का संकल्प लिया।

PHD Admission 2025 - 2026