जननायक, कर्म योद्धा और समर्पित राष्ट्रभक्त थे डॉ. मंगल सेन : प्रो. राम पाल सैनी
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जींद के कुलपति प्रो. (डॉ.) राम पाल सैनी ने आज पूर्व उप-मुख्यमंत्री डॉ. मंगल सेन जी की जयंती पर उनकी स्मृति को नमन करते हुए कहा कि डॉ. मंगल सेन जी न केवल हरियाणा की राजनीति के एक प्रमुख स्तंभ थे, अपितु सामान्यजन के सच्चे सिपाही और राष्ट्रभक्ति के अनन्य उपासक भी थे। उनकी जन्म जयंती का यह पावन अवसर हमें उनके जीवन के मूल्यों, सादगी, कठोर परिश्रम, राष्ट्रप्रेम और सामाजिक कल्याण के प्रति अटूट समर्पण को स्मरण करने का अवसर प्रदान करता है। डॉ. सेन जी का जीवन एक जीवंत उदाहरण है कि कैसे एक साधारण व्यक्ति असाधारण ऊंचाइयों को छू सकता है, जब उसके हृदय में जनसेवा की ज्वाला प्रज्वलित हो।
डॉ. मंगल सेन जी का जन्म एक साधारण किसान परिवार में हुआ था, किंतु उनके जीवन का हर पल सामान्य मनुष्य की सेवा में समर्पित रहा। 1977 से 1979 तक हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने एक प्रमुख नेता के नाते राज्य की राजनीति को नई दिशा प्रदान की। वे सादगी के ऐसे प्रतीक थे जो दोपहिया वाहन पर सवार होकर गांव-गांव, नुक्कड़-नुक्कड़ जाकर जनता की पीड़ा को समझते और उसके समाधान के लिए निरंतर संघर्ष करते। उनकी यह सादगी न केवल प्रेरणादायक थी, बल्कि सामान्यजन के लिए एक संदेश भी थी कि सत्ता का दुरुपयोग नहीं, अपितु सेवा ही सच्ची शक्ति है। डॉ. सेन जी ने कभी अपनी व्यक्तिगत सुख-सुविधाओं को प्राथमिकता नहीं दी; उल्टे, उन्होंने अपना समस्त जीवन जनकल्याण के लिए उत्सर्ग कर दिया।
सामान्यजन के प्रति उनके कार्यों का वर्णन शब्दों में बांधना कठिन है। वे एक ऐसे नेता थे जिन्होंने ग्रामीण भारत की वास्तविकताओं को समझा और उसके उत्थान के लिए अथक प्रयास किए। शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और सिंचाई जैसे क्षेत्रों में उनके योगदान ने हरियाणा के लाखों किसानों और मजदूरों का जीवन आसान बनाया। उन्होंने सामाजिक न्याय की अवधारणा को साकार रूप प्रदान किया, विशेषकर पिछड़े वर्गों, महिलाओं और ग्रामीण युवाओं के सशक्तिकरण के माध्यम से। उनके नेतृत्व में कई कल्याणकारी योजनाएं अमल में आईं, जिन्होंने गरीबी की जंजीरों को तोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉ. सेन जी का विश्वास था कि 'सामान्य मनुष्य ही राष्ट्र का आधार है', और इसी दर्शन के साथ उन्होंने हर घर तक विकास की किरण पहुंचाने का संकल्प लिया। आज भी, जब हम उनके कार्यों को देखते हैं, तो लगता है मानो वे स्वयं हमारे बीच उपस्थित हैं, जनता की पुकार सुनते हुए।
डॉ. मंगल सेन जी की कठोर परिश्रम की कहानी तो एक महाकाव्य के समान है। हर राष्ट्रीय संकट चाहे वह भाषाई दंगे हों या आर्थिक मंदी, वे अग्रिम पंक्ति में खड़े मिले। उनका राष्ट्रवाद समावेशी था, जो सभी वर्गों, जातियों और समुदायों को एक सूत्र में बांधता था। उन्होंने हमेशा कहा कि 'राष्ट्र की सेवा ही परम धर्म है', और इस कथन को उन्होंने अपने जीवन से सिद्ध किया। उनके इस समर्पण ने न केवल हरियाणा बल्कि सम्पूर्ण भारत को एक नई ऊर्जा प्रदान की।
सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में डॉ. सेन जी के योगदान तो अमिट हैं। एक समर्पित समाजसेवी के रूप में उन्होंने शिक्षा के प्रसार, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण और स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए अनेक पहल कीं। उन्होंने सामाजिक बुराइयों जैसे दहेज प्रथा, बाल विवाह और छुआछूत के विरुद्ध अभियान चलाए, जो आज भी प्रासंगिक हैं। उनके प्रयासों से ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों और अस्पतालों की स्थापना हुई, जिसने असंख्य जीवन को नई दिशा दी। डॉ. सेन जी का मानना था कि समाज का कल्याण ही राष्ट्र का कल्याण है, और इसी भावना से उन्होंने अपना समस्त जीवन उत्सर्ग कर दिया। उनके इन कार्यों ने न केवल हरियाणा को मजबूत बनाया, बल्कि युवा पीढ़ी को सेवा और समर्पण का पाठ पढ़ाया।
हम सब को मिलकर डॉ. मंगल सेन जी के सपनों को साकार करें एवं एक समृद्ध, समावेशी और राष्ट्रप्रेमी भारत का निर्माण करें।

