चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जींद: कुलगुरु प्रो. (डॉ.) राम पाल सैनी द्वारा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को 48,30,441 रुपये की राशि वितरित
हर कर्मचारी का परिवार मेरा परिवार: प्रो. राम पाल सैनी
6 महीनों से लंबित वेतन किया वितरित
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जींद
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जींद: कुलगुरु प्रो. (डॉ.) राम पाल सैनी द्वारा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को 48,30,441 रुपये की राशि वितरित
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जींद के कुलगुरु प्रो. राम पाल सैनी ने विश्वविद्यालय में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। उन्होंने विश्वविद्यालय में छह महीने से अधिक समय से कार्यरत 86 कर्मचारियों के बकाया वेतन के रूप में 48,30,441 रुपये की राशि वितरित की है। यह राशि कर्मचारियों के शामिल होने के समय से ही लंबित थी।
वर्तमान में विश्वविद्यालय में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की कुल संख्या 86 है, जिसमें 60 पुरुष और 26 महिला कर्मचारी शामिल हैं। जब प्रो. राम पाल सैनी ने कुलगुरु के रूप में कार्यभार संभाला, तब इन कर्मचारियों का वेतन उनके शामिल होने की तारीख से लंबित था। कुलगुरु के व्यक्तिगत प्रयासों और समर्पण के कारण यह बकाया राशि अब कर्मचारियों को वितरित की गई है।
इस अवसर पर सभी कर्मचारियों ने कुलगुरु प्रो. राम पाल सैनी के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की और उनकी इस पहल की सराहना की। कर्मचारियों ने अपनी लंबे समय से लंबित मांग पूरी होने पर खुशी जाहिर की और उनका आभार प्रकट किया। कर्मचारियों ने बताया कि उनकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब चल रही थी और इस मौके पर उनको वेतन मिलने से आर्थिक हालात में सुधार हुआ है। कुछ कर्मचारियों ने बताया कि उनके घर का प्रतिदिन का खर्च उठाना भी मुश्किल हो गया था। कर्मचारियों ने कहा कि माननीय कुलपति महोदय जी ने उनको उनका वेतन देकर उनको बुरे दौर से बाहर निकालने का काम किया है।
इस मौके पर विश्वविद्यालय में कार्यरत कई अंशकालिक कर्मचारी भी उपस्थित थे, जिन्होंने इस पहल को विश्वविद्यालय प्रशासन की संवेदनशीलता और कर्मचारी कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया।
प्रो. राम पाल सैनी ने इस अवसर पर कहा कि कर्मचारियों का कल्याण और उनकी मेहनत का उचित सम्मान विश्वविद्यालय प्रशासन की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के हर कर्मचारी का परिवार मेरा अपना परिवार है और इसकी चिंता मैं करूंगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि भविष्य में भी कर्मचारियों के हितों के लिए इसी तरह के प्रयास जारी रहेंगे। यह कदम न केवल कर्मचारियों के बीच विश्वास को मजबूत करता है, बल्कि विश्वविद्यालय के प्रति उनकी निष्ठा और कार्य के प्रति उत्साह को भी बढ़ाता है।