सी.आर.एस.यू., जींद में तीन दिवसीय मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ

October 29, 2025

सी.आर.एस.यू., जींद में तीन दिवसीय मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ

चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जींद में विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. राम पाल सैनी के मार्गदर्शन में मनोविज्ञान विभाग द्वारा Guidance and Counselling Cell के सहयोग से तीन दिवसीय “मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम” का शुभारंभ उत्साहपूर्ण एवं गरिमामय वातावरण में किया गया।

उद्घाटन सत्र में विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रो. लवलीन मोहन, विभागाध्यक्ष डॉ. अजे़मर सिंह, विभाग प्रभारी डॉ. अल्का सेठ, तथा मुख्य वक्ता प्रो. अमृता यादव (महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक) विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं।

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ हुआ। स्वागत भाषण में डॉ. अल्का सेठ (विभाग प्रभारी) ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य आज के समय की अत्यंत प्रासंगिक आवश्यकता है, और इस प्रकार के आयोजन युवाओं को अपने मानसिक एवं भावनात्मक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने का सशक्त माध्यम हैं। उन्होंने यह भी साझा किया कि तीन दिवसीय कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न कार्यशालाएं, विशेषज्ञ व्याख्यान और रचनात्मक गतिविधियां आयोजित की जाएगी, जिनका उद्देश्य छात्रों के सर्वांगीण व्यक्तित्व विकास को प्रोत्साहित करना है।

मुख्य वक्ता प्रो. अमृता यादव ने “Understanding Self” एवं “Positive Psychology” विषयों पर सारगर्भित व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि आत्म-जागरूकता और सकारात्मक दृष्टिकोण जीवन में मानसिक संतुलन, सफलता और संतोष के प्रमुख सूत्र हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे स्वयं को समझने और आत्मविश्वास विकसित करने के लिए सकारात्मक सोच को अपनाएँ।

मनोविज्ञान विभाग के विद्यार्थियों द्वारा “Self Expression” विषय पर एक प्रभावशाली रोल प्ले प्रस्तुत किया गया, जिसमें आत्म-अभिव्यक्ति, भावनात्मक संतुलन और मानसिक स्वास्थ्य के बीच संबंध को खूबसूरती से प्रदर्शित किया गया। इस प्रस्तुति को सभी अतिथियों और दर्शकों ने सराहा।

इस अवसर पर डॉ. अजे़मर सिंह (विभागाध्यक्ष) ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य केवल मनोविज्ञान का विषय नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला है। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित किया कि वे स्वयं के साथ-साथ समाज में भी मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाएँ।

मुख्य अतिथि प्रो. लवलीन मोहन (कुलसचिव, सी.आर.एस.यू.) ने अपने प्रेरणादायक उद्बोधन में कहा कि विश्वविद्यालय के भीतर ऐसे आयोजन न केवल अकादमिक विकास को प्रोत्साहित करते हैं, बल्कि विद्यार्थियों में सहानुभूति, आत्म-समझ और सकारात्मक दृष्टिकोण जैसे मानवीय मूल्यों को भी विकसित करते हैं। उन्होंने मनोविज्ञान विभाग एवं Guidance and Counselling Cell को इस सार्थक पहल के लिए बधाई दी।

कार्यक्रम का संचालन मनोविज्ञान विभाग की छात्राओं द्वारा किया गया। अंत में विभागाध्यक्ष डॉ. अजे़मर सिंह ने सभी अतिथियों, प्रतिभागियों एवं आयोजन समिति के सदस्यों का धन्यवाद ज्ञापित किया और कार्यक्रम की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं।

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