साहित्यिक एवं ललित कला में निपुणता विद्यार्थियों के लिए बढ़ाती है रोजगार के अवसर- प्रो रामपाल सैनी
साहित्यिक एवं ललित कला पर तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय के युवा एवं सांस्कृतिक विभाग द्वारा साहित्यिक एवं ललित कला पर तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. (डॉ.) राम पाल सैनी जी ने शिरकत की। तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन मां सरस्वती के चरणों में दीप प्रज्वलन और उनके आशीर्वाद के साथ किया गया। जिसमें विशेषज्ञों द्वारा प्रतिभागियों को साहित्यिक एवं ललित कला के विभिन्न पहलुओं पर मार्गदर्शन प्रदान किया। इस कार्यशाला की अध्यक्षता डी.वाई.सी.ए निदेशक डॉ अनिल ने की। उन्होंने स्वागत सत्र में सभी गणमान्य अतिथियां का स्वागत किया और तीन दिन की कार्यशाला की रूपरेखा प्रस्तुत की। इस कार्यशाला में प्रतिभागियों को साहित्यिक एवं ललित कला -के महत्व, शिक्षा में कला की भूमिका, और रचनात्मकता को बढ़ावा देने के तरीकों पर विस्तृत जानकारी दी। प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा किए और विशेषज्ञों से प्रश्न पूछकर अपने संदेहों का समाधान किया।
कुलपति प्रो. (डॉ) राम पाल सैनी ने अपने संबोधन में कहा कि, साहित्यिक एवं ललित कला का संयोजन व्यक्तित्व विकास और रचनात्मकता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हमें अपने विद्यार्थियों को इन क्षेत्रों में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। आज के समय में विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ साहित्यिक एवं ललित कला में भी निपुण होना चाहिए। उन्होंने बताया कि विभिन्न कलाओं से विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास होता है जो उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। अनुशासन का महत्व बताते हुए विभिन्न महापुरुषों के जीवन पर भी प्रकाश डाला उन्होंने कहा कि यदि हम अनुशासित रहे तो हम अपने जीवन में कोई भी मुकाम हासिल कर सकते हैं उन्होंने कहा जिस विद्यार्थी में सीखने की लगन होती है वही जीवन में आगे चलकर समाज तथा राष्ट्र को कुछ सीख सकता है उन्होंने युवाओं के राष्ट्रीय चरित्र निर्माण को लेकर भी विस्तृत चर्चा की I
इस कार्यशाला में साहित्यिक एवं ललित कला के कुल 16 इवेंट्स के बारे में यूनिवर्सिटी व कॉलेज के विद्यार्थियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है जिसमें साहित्यिक विधाओं में भाषण, वाद विवाद, संस्कृत भाषण, पॉलिटिकल सिंपोजियम इसके बारे में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से रिटायर्ड प्रो. दिनेश दधीचि और गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय से प्रो. श्री एम आर पात्रा ने विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला।
ललित कला से जुड़ी विधाओं पर भिवानी से श्री मदनलाल जी ने प्रकाश डाला जिसमें विशेष तौर पर उन्होंने मूर्ति कला से बच्चों को अवगत कराया I इसके साथ जिन से गौतम सत्यराज जिन्होंने पोस्टर मेकिंग व पेंटिंग विधाओं पर प्रकाश डालते हुए बच्चों को बारीकी से प्रशिक्षण दिया वहीं फोटोग्राफी के बारे में जींद से सौरभ ने कैमरा व फोटोग्राफी की तकनीक पर प्रकाश डालते हुए बच्चों को प्रशिक्षित किया।
यह वर्कशॉप अगले 2 दिनों में विभिन्न सत्र में आयोजित होंगी।आज के कार्यक्रम का मंच संचालन डॉ रितु द्वारा किया गया व धन्यवाद प्रस्ताव डॉ भावना द्वारा दिया गया। इस मौके पर डीपीआरओ डॉ. विजय कुमार व विभिन्न महाविद्यालय से आए कोऑर्डिनेटर व टीम इंचार्ज मौजूद रहे।

