सी.आर.एस.यू. में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम का समापन समारोह सम्पन्न।

November 3, 2025

“मानसिक स्वास्थ्य जीवन का संतुलन है” — कुलपति प्रो. रामपाल सैनी

चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जींद के मनोविज्ञान विभाग एवं गाइडेंस एंड काउंसलिंग सेल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय “मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम” का समापन समारोह (वेलेडिक्ट्री सेशन) आज विश्वविद्यालय के स्वामी विवेकानंद भवन (टीबी-1) में उत्साहपूर्ण और गरिमामय वातावरण में सम्पन्न हुआ।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. राम पाल सैनी रहे, जबकि मुख्य वक्ता प्रो. वंदना शर्मा (सेवानिवृत्त), पंजाब विश्वविद्यालय, पटियाला ने “सकारात्मक मानसिक स्वास्थ्य और आत्म-जागरूकता” विषय पर अत्यंत प्रेरक व्याख्यान प्रस्तुत किया।

कुलपति प्रो. रामपाल सैनी ने अपने उद्बोधन में कहा —“मानसिक स्वास्थ्य जीवन की गुणवत्ता निर्धारित करने वाला मूल तत्व है। विश्वविद्यालय ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से विद्यार्थियों को न केवल अकादमिक रूप से, बल्कि भावनात्मक और सामाजिक रूप से भी सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।”

उन्होंने कहा —“मानसिक स्वास्थ्य केवल मानसिक रोग की अनुपस्थिति नहीं, बल्कि आत्म-स्वीकृति, सहानुभूति और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण का नाम है। स्वस्थ मन ही व्यक्ति को सार्थक जीवन जीने की शक्ति देता है।”

कार्यक्रम की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष डॉ. अजे़मर सिंह ने की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि ऐसे आयोजन विद्यार्थियों को भावनात्मक रूप से सशक्त बनाते हैं और उन्हें अपने जीवन में मानसिक संतुलन बनाए रखने की प्रेरणा देते हैं।

कार्यक्रम संयोजक डॉ. अलका सेठ ने तीन दिवसीय आयोजन की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के दौरान अनेक गतिविधियां आयोजित की गईं — जैसे क्विज प्रतियोगिता, पोस्टर मेकिंग, रंगोली प्रतियोगिता, हैप्पीनेस ज़ोन, ग्रैटिट्यूड वॉल, मेडिटेशन सर्कल, डाइस ऑफ अफर्मेशन, स्ट्रेस रिलीविंग ज़ोन और साइकोलॉजिकल टेस्टिंग।

इनमें विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया — 125 प्रतिभागी हैप्पीनेस ज़ोन, 90 स्ट्रेस रिलीविंग ज़ोन, और 150 साइकोलॉजिकल टेस्टिंग में शामिल हुए।

तीसरे दिन आयोजित काउंसलिंग सेशन विशेष आकर्षण का केंद्र रहा, जिसमें प्रशिक्षित परामर्शदाताओं ने विद्यार्थियों को तनाव प्रबंधन, आत्म-नियंत्रण, भावनात्मक संतुलन तथा पॉजिटिव सेल्फ-टॉक के व्यावहारिक उपाय सिखाए। छात्रों ने इस सत्र को अत्यंत उपयोगी और प्रेरणादायक बताया।

इस अवसर पर डॉ विजय कुमार (निदेशक, डीवाईसीए) एवं श्री नरेश देशवाल ने भी उपस्थिति दर्ज कराते हुए कहा “आज की पीढ़ी के लिए मानसिक स्वास्थ्य पर खुलकर चर्चा करना आवश्यक है। विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित ऐसे कार्यक्रम विद्यार्थियों में आत्मविश्वास और सहानुभूति की भावना को सशक्त बनाते हैं।”

कार्यक्रम के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। तत्पश्चात डॉ. अजे़मर सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए कुलपति महोदय, अतिथियों, संयोजक, विद्यार्थियों एवं आयोजन समिति के सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया।

समारोह का समापन राष्ट्रीय गान के साथ हुआ। पूरा आयोजन प्रेरणादायक, ज्ञानवर्धक और सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण रहा, जिसने विद्यार्थियों के मन में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति नई जागरूकता और संवेदनशीलता का संचार किया।

इस मौके पर डॉ रीना, डॉ प्रियंका, डॉ पूनम, डॉ ममता, अंकिता, तमन्ना, अमित सैनी, नवीन मलिक मौजूद रहे।

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