GATE और JAM राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाएँ विद्यार्थियों के लिए स्वर्णिम द्वार है- प्रो. राम पाल सैनी
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जींद के कंप्यूटर साइंस एंड एप्लीकेशन विभाग द्वारा आज GATE (Graduate Aptitude Test in Engineering) तथा JAM (Joint Admission Test for Masters) परीक्षाओं की जानकारी हेतु एक ज्ञानवर्धक एवं प्रेरणादायक सत्र का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम आईआईटी रूड़की के GATE–JAM कार्यालय के सौजन्य से संपन्न हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में कुलपति प्रो. (डॉ.) राम पाल सैनी, मुख्य वक्ता- प्रो. अमेया कुमार नायक (विभागाध्यक्ष, गणित विभाग, IIT रूड़की) तथा प्रो. उदय सिंह (गणित विभाग, IIT रूड़की) रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) राम पाल सैनी के स्वागत उद्बोधन से हुआ। उन्होंने अतिथियों का हार्दिक स्वागत करते हुए विद्यार्थियों को संबोधित किया। अपने प्रेरणादायक संबोधन में उन्होंने कहा कि GATE और JAM जैसी राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाएँ विद्यार्थियों के लिए उच्च शिक्षा, अनुसंधान एवं प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रवेश के स्वर्णिम द्वार खोलती हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से ऐसे अवसरों का सदुपयोग कर अपने भविष्य को उज्जवल बनाने का आह्वान किया।
इसके उपरांत प्रोफेसर अमेया कुमार नायक, जो आईआईटी रूड़की के गणित विभाग के विभागाध्यक्ष हैं, ने GATE परीक्षा की महत्ता, उसके अंतर्गत मिलने वाले अवसरों तथा परीक्षा की उपयोगिता पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस वर्ष लगभग 2.5 लाख अभ्यर्थियों ने GATE परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया है, और इसका स्कोर तीन वर्षों तक मान्य रहता है। GATE परीक्षा के माध्यम से अभ्यर्थियों को आईआईटी, एनआईटी सहित अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रवेश तथा PSU (Public Sector Undertakings) जैसे ONGC, NTPC, BHEL आदि में रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कुछ अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय, जैसे NTU, भी GATE स्कोर को स्वीकार करते हैं।
प्रोफेसर उदय सिंह ने विद्यार्थियों को यह समझाया कि GATE परीक्षा क्यों देनी चाहिए। उन्होंने बताया कि DRDO एवं अन्य शोध संस्थान भी GATE स्कोर के आधार पर अभ्यर्थियों का चयन करते हैं। उन्होंने परीक्षा की संरचना, प्रश्नों के प्रकार (MCQ, MSQ, NAT) तथा अर्हता मानदंडों पर विस्तृत चर्चा की। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि इस परीक्षा में कोई आयु सीमा या प्रयासों की संख्या की सीमा निर्धारित नहीं है।
कार्यक्रम के द्वितीय चरण में JAM परीक्षा से संबंधित जानकारी दी गई। वक्ताओं ने बताया कि JAM परीक्षा सात विषयों में आयोजित की जाती है तथा इसमें वे विद्यार्थी सम्मिलित हो सकते हैं जो अपने स्नातक पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष में हों या स्नातक पूर्ण कर चुके हों। आगामी JAM परीक्षा 15 फरवरी 2026 को एक ही दिन आयोजित की जाएगी।
सत्र के अंत में प्रोफेसर अमेया कुमार नायक ने IIT रूड़की के विभिन्न विभागों — कंप्यूटर विज्ञान, स्थापत्य (आर्किटेक्चर), नियोजन, मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान — के विषय में जानकारी साझा की।
अंत में डॉ. अनुपम भाटिया ने सत्र का समापन किया। उन्होंने मुख्य अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सत्र विद्यार्थियों के लिए अत्यंत लाभप्रद सिद्ध हुआ है। इससे विद्यार्थियों को GATE और JAM परीक्षाओं की रूपरेखा, पात्रता एवं संभावनाओं की गहन जानकारी प्राप्त हुई।