शोध कार्य से ही मिलती है विश्वविद्यालयों को वास्तविक पहचान: प्रो. राम पाल सैनी

August 7, 2025

शोध कार्य से ही मिलती है विश्वविद्यालयों को वास्तविक पहचान: प्रो. राम पाल सैनी

चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय (सीआरएसयू), जींद की भौतिकी विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. निशा देऊपा को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार की एएनआरएफ (ANRF) योजना के अंतर्गत "ऑप्टिकल सेंसिंग अनुप्रयोगों हेतु नवाचारी थर्मोग्राफिक फॉस्फर का विकास" विषय पर 25 लाख रुपये की परियोजना स्वीकृत हुई है। यह परियोजना उन्नत तापमान संवेदी सामग्री के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

उक्त परियोजना में जूनियर रिसर्च फेलो (जेआरएफ) के रूप में कार्यरत शोधार्थी निधि ने हाल ही में अपने शोध कार्य पर आधारित एक शोधपत्र "जर्नल ऑफ मॉलिक्यूलर स्ट्रक्चर" में प्रकाशित कराया है, जिसका प्रभाव कारक (इम्पैक्ट फैक्टर) उल्लेखनीय है। यह शोध कार्य विशेष रूप से तापमान संवेदी तकनीकों पर केंद्रित है, जो भविष्य में विभिन्न वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुप्रयोगों में उपयोगी सिद्ध हो सकता है।

इस उपलब्धि पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रामपाल सैनी ने शोधार्थी निधि, उनकी मार्गदर्शिका डॉ. निशा देऊपा एवं भौतिक विभाग के अध्यक्ष प्रो. आनंद मलिक को हार्दिक बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि न केवल विश्वविद्यालय बल्कि पूरे राज्य के लिए गर्व का विषय है। प्रो. सैनी ने कहा कि शोधकार्य से ही विश्वविद्यालयों को वास्तविक पहचान मिलती है। ऐसे शोध कार्यों को बढ़ावा देने के लिए हम शोधार्थियों को हर संभव सुविधाएं देने का काम करेंगे।

डॉ. निशा देऊपा ने इस अवसर पर कहा कि यह परियोजना उभरते शोधकर्ताओं को वैज्ञानिक नवाचार के क्षेत्र में कार्य करने के लिए प्रेरित करेगी और विश्वविद्यालय को वैश्विक अनुसंधान पटल पर नई पहचान दिलाने में सहायक सिद्ध होगी।

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