अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस” के उपलक्ष में आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार व ‘महिला सप्ताह

March 4, 2022

3 से 8 मार्च 2022

दिन -2

चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय जींद के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ व आई०सी०सी० के संयुक्त तत्वावधान में "अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस" के उपलक्ष में आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार व 'महिला दिवस सप्ताह' के दूसरे दिन के अंतर्गत प्रातःकालीन सत्र का आरंभ आभासी माध्यम से हुआ | संगीत एवं नृत्य विभाग की सहायक प्राध्यापिका डॉ० भावना द्वारा माता सरस्वती की वंदना के पश्चात कार्यक्रम की संयोजिका डॉ० निशा दियोपा ने कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक, संरक्षक, निर्देशक, मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि व अन्य गणमान्य अतिथियों के साथ-साथ विश्वविद्यालय के सभी डीन्स/विभागाध्यक्षों/ शाखा प्रमुखों/ परीक्षा नियन्त्रक/शैक्षिक, गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों/शोधार्थियों तथा विद्यार्थियों का स्वागत व अभिवादन किया |

कार्यक्रम के निर्देशक प्रोफेसर एस०के० सिन्हा ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों के बारे में सभी को अवगत कराते हुए बताया कि विश्वविद्यालय में 16 विभागों का संचालन नवीन सोच, लोकतांत्रिक मूल्यों तथा लोकाचार द्वारा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढावा देना है | अभी हाल ही में 40 से अधिक विद्यार्थियों ने यूजीसी नेट व जेआरएफ की परीक्षा उत्तीर्ण की है | वर्ष 2021 में एक छात्रा ने एक पेटेंट भी करवाया है, साथ ही खेल के क्षेत्र में इस वर्ष के लिए छात्रा साक्षी का नाम भीम अवार्ड के लिए नामित किया गया है | योग, हैंडबॉल आदि प्रतियोगिताओं में भी विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय का परचम लहराया है | एन.एस.एस. विंग की छात्रा प्रियंका और सुनीता द्वारा इस वर्ष गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल होकर विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व किया गया | इन समस्त उपलब्धियों के साथ-साथ आइक्यूएसी, विश्वविद्यालय को नैक एक्रीडिटेशन प्रदान कराकर रूसा से प्राप्त होने वाली फंडिंग के माध्यम से विश्वविद्यालय में शोध कार्य को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयत्नशील है |

कार्यक्रम की संरक्षिका व विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रोफेसर लवलीन मोहन ने कहा कि 'महिला सप्ताह उत्सव' का उद्देश्य महिलाओं का सर्वांगीण विकास तथा उनकी सहभागिता को बढ़ावा देना है, जिससे उन्हें अपनी अंतरंग प्रतिभाओं, शक्तियों, योग्यताओं की पहचान हो | उन्होंने कहा कि महिलाओं के प्रति पूर्वाग्रह के पीछे बाहय व आंतरिक कारण हो सकते हैं लेकिन इन कारणों के बावजूद महिलाएं अपनी शक्तियों, प्रतिभाओं को पहचानकर सशक्त व स्वावलंबी बन सकती है | उन्होंने जींद प्रशासन में महत्वपूर्ण पदों पर आसीन महिलाओं के बारे में सभी को जानकारी दी और कहा कि महिलाओं में विलक्षण गुण होते हैं आवश्यकता केवल उन्हें उनकी पहचान करने के लिए प्रोत्साहन देने की है | उन्होंने कहा कि एक ऐसी दुनिया की स्थापना हो जिसमें लिंग के आधार पर कोई भेदभाव ना हो और पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं को भी निर्णय लेने, नीति निर्धारण करने के साथ-साथ पर्यावरणीय, सामाजिक, कृषि, तकनीकी, खेलकूद आदि क्षेत्रों में समानता के साथ भागीदारी को बढ़ावा देना चाहिए |

कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि श्रीमती अर्चना मीणा जी ने महिलाओं को सकारात्मक सृजन व नवाचार को आत्मसात करने के बारे में बताया | उन्होंने कहा कि महिलाओं को स्वदेशी एवं स्वावलंबी होना चाहिए | उन्होंने कहा कि महिलाओं का आत्मचिंतन, मार्गदर्शन, संतुलन तथा दूरगामी सोच भावी पीढ़ी के लिए अनुकरणीय है, अपने स्थानीय क्षेत्र की सफल महिलाओं की कहानियों को उजागर करने पर जोर देते हुए तकनीकी को स्वरोजगार व उद्यमिता के लिए प्रयोग में लाए जाने की बात कही | उन्होंने अपने जीवन के दृष्टांतों के माध्यम से महिलाओं को सशक्त व सबल बनने की प्रेरणा दी तथा रूढ़िवादी विचारधारा को त्यागकर आशावादी, सकारात्मक, नवाचार, स्वाबलंबी दृष्टिकोण को अपनाने पर जोर दिया |

कार्यक्रम की मुख्य वक्ता सुश्री गीता ताई गुंडे ने कहा कि भारतवर्ष में नारी को सम्मान देने के लिए मातृदिवस, महिला दिवस आदि मनाए जाते हैं पर क्या वास्तव में महिला को समाज में एक गरिमामयी स्थान प्राप्त है? इस पर विचार करना आवश्यक है | उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार के साथ-साथ महिलाओं की सुरक्षा और उनका सम्मान मुख्य आवश्यकता है | समाज में महिलाओं की भागीदारी निश्चित रूप से बढ़ रही है किंतु अभी भी बहुत कुछ प्राप्त करना शेष है | महिलाओं की सहभागिता सभी क्षेत्रों में केवल गुणात्मक ही न रहे बल्कि संख्यात्मक रूप से भी बढे, जिसके लिए महिलाओं द्वारा प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से किए गए कार्यों की पहचान कर उन्हें सम्मान देना आवश्यक है और अवसरों में समानता के प्रति प्रतिबद्ध होना होगा | उन्होंने कहा कि लैंगिक असमानताएँ हमारी भाषा, साहित्य, कहावतों, कहानियों, परंपराओं में भी नजर आती है | महिलाओं पर होने वाला अत्याचार केवल पुरुष द्वारा ही नहीं अपितु महिला द्वारा भी किया जाता है | उन्होंने बताया कि युवाओं में संवेदना विकसित करने से समाज में सामंजस्य बढ़ेगा और सभी प्रकार के भेदभाव समाप्त होंगे | विश्वविद्यालय एक ऐसा स्थान है जहाँ से बड़े स्तर पर वैचारिक परिवर्तन हो सकता है और उन्होंने इस संदर्भ में यह आशा व्यक्त की कि चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय समाज को नई दिशा देने में अपनी अहम भूमिका निभाएगा |

आभासी माध्यम से इस कार्यक्रम में लगभग 150 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया | डॉ० रचना श्रीवास्तव ने सभी गणमान्य अतिथियों, वक्ताओं व श्रौताओं आदि का इस कार्यक्रम से जुड़ने के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया |

डॉ० भावना द्वारा राष्ट्रीय गीत की भावपूर्ण प्रस्तुति के साथ प्रातःकालीन सत्र का समापन हुआ |

चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय जींद के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ व आई०सी०सी०के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित "अंतर्राष्ट्रीय महिला सप्ताह" के दूसरे दिन के सायंकालीन सत्र का आयोजन विश्वविद्यालय से संबद्ध विभिन्न शिक्षा कॉलेजों में पोस्टर मेकिंग, भाषण प्रतियोगिताएँ आयोजित की गई | इन प्रतियोगिताओं में 100 से भी अधिक छात्राओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया |

प्रतियोगिताओं के विजेताओं के नामों की घोषणा 8 मार्च 2022 को समापन समारोह में करते हुए उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा |