‘असफलता मान्य है, निराशा नहीं – आईएएस श्री अंकित कुमार चौकसे’

April 23, 2024

'असफलता मान्य है, निराशा नहीं - आईएएस श्री अंकित कुमार चौकसे'

चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जींद में ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल द्वारा "सिविल सर्विसेज को आजीविका क्यों चुने" कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

आज चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जींद में "यूपीएससी को आजीविका के रूप में क्यों चुने" कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का शुभारम्भ माँ सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलन करके हुआ।

विश्वविद्यालय कुलपति डॉ० रणपाल सिंह ने मुख्य अतिथि आईएएस श्री अंकित कुमार चौकसे का स्वागत किया। उन्होंने सभागार में उपस्थित सभी को बताते हुए कहा कि जब वे इस परीक्षा की तैयारी किया करते थे तो उस समय जिन कठिनाइयों का उन्हें सामना करना पड़ा (जैसे कि मार्गदर्शन और संसाधनों की कमी), उन्हीं कठिनाईयों का सामना विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को ना करना पड़े, इसी उद्देश्य से उन्होंने अथक प्रयास से "उड़ान आईएएस" को विश्वविद्यालय में आमंत्रित किया और "उड़ान आईएएस" के साथ एमओयु किया है। उन्होंने बताया कि इस एमओयु के अंतर्गत युपीएससी की कोचिंग एस सी/एस टी छात्रों को नि:शुल्क और अन्य को रियायती फ़ीस पर उपलब्ध करवाई जा रही है और विद्यार्थियों के भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए वे हमेशा कर्मठता के साथ कार्य करते रहेंगे।

विश्वविद्यालय कुलसचिव प्रो० लवलीन मोहन ने सिविल सर्विसेज के बारे में संदेश दिया कि हर एक विद्यार्थी को अपने जीवन में कम से कम एक बार ईमानदारी से इस परीक्षा के लिए पढ़ाई जरूर करनी चाहिए, यह पढाई ना सिर्फ आपको एक सुरक्षित व्यवसाय प्रदान करती है बल्कि आपको भारत का एक जागरूक और जिम्मेदार नागरिक बनने में मदद करती है।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि आईएएस श्री अंकित कुमार चौकसे जी ने सिविल सर्विसेज की परीक्षा के अपने अनुभव सभी विद्यार्थियों के साथ साँझा किये। परीक्षा के विभिन्न चरणों के बारे में समझाते हुए उन्होंने हर चरण की विभिन्न कठिनाइयों और उनका समाधान कैसे किया जाए इसका विवरण दिया। उन्होंने कहा कि असफल होना मान्य है, परन्तु हताश व निराश होना नहीं। उन्हें भी अपने चौथे प्रयास में आई ए एस में सफलता मिली और इस दौरान समाज का कल्याण करने की उनकी चाहत ने उन्हें प्रेरित किए रखा एवं अपने गुरुओं, माता-पिता के आशीर्वाद से वे आज देश की सेवा में कार्यरत है।

उन्होंने कहा कि आई ए एस ही एकमात्र ऐसा व्यवसाय है जो आपको कभी भी "बोर" नही होने देगा, सर्विस में दाखिल होते ही आप पंचायत स्तर के कार्यों और समस्याओं से परिचित करवाए जायेंगे और समय के साथ-साथ आप पीएमओ में भी अपनी सेवाएँ दे सकेंगे। इसी कड़ी में विद्यार्थियों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि अपनी तैयारी को समयबद्ध लक्ष्य दृष्टिकोण के साथ करने पर सफलता निश्चित मिलती है अथवा सभी विद्यार्थिओं को इस "उड़ान आई ई एस" के द्वारा दी जा रही कोचिंग का फायदा उठाना चाहिए।

उन्होंने विश्वविद्यालय के द्वारा विद्यार्थियों के हित में किये जा रहे इस प्रयास की बड़े ही उमंग-उत्साह के साथ सराहना की और यह आशा व्यक्त की कि आने-वाले 2-3 वर्षों में हरियाणा के माननीय मुख्यमंत्री भी विश्वविद्यालय से पढ़े हुए छात्र-छात्राओं को आई ए एस में सिलेक्शन होने पर चंडीगढ़ बुला करके सम्मान करेंगे और वे इस दृश्य के साक्षी बनेंगे।

उड़ान आई ए एस की निर्देशिका डॉ० जयश्री चौधरी ने मुख्य अतिथि, कुलपति महोदय व अन्य सभी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें बहुत ख़ुशी हुई कि ये कार्यक्रम सभी की गरिमामय उपस्थिति से जीवंत हुआ। उन्होंने बताया कि "उड़ान आईएएस" और चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय के इस प्रयास से जिसका उद्देश्य है "शिक्षार्थ आइये-सेवार्थ जाइये", वह विद्यार्थियों के सशक्त और उज्ज्वल भविष्य में सहायक साबित होगा।
इस अवसर पर कुशल मंच संचालन डॉ० अपूर्वा, अंग्रेजी विभाग के द्वारा किया गया।