आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आईक्यूएसी) द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर एक कार्यशाला का आयोजन

July 16, 2023

आज चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय जींद के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आईक्यूएसी) द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक कुलपति डॉ० रणपाल सिंह, संरक्षिका कुलसचिव प्रो० लवलीन मोहन, कार्यशाला समन्वयक प्रो० एस० के० सिन्हा, निदेशक आईक्यूएसी,
कार्यशाला सह समन्वयक डाॅ. निशा देओपा, सहायक निदेशक आईक्यूएसी सीआरएसयू, जींद तथा प्रबुद्ध वक्ताओं के रूप में प्रो० बलराम पाणि, संकायाध्यक्ष महाविद्यालय (डीन ऑफ कॉलेजेस) दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली और डॉ० साधना शर्मा, प्रधानाचार्य श्यामा प्रसाद महाविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली रही।

कार्यशाला समन्वयक प्रो० एस० के० सिन्हा ने अपने स्वागत वक्तव्य में बताया कि इसका उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने में आ रही समस्याओं का निवारण करने के लिए किया गया है।

इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक तथा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ० रणपाल सिंह ने कार्यशाला में आए हुए सभी गणमान्य अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आप सभी के सहयोग से विश्वविद्यालय इसी सत्र से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू कर रही है और विश्वविद्यालय में नए पाठ्यक्रम आरंभ करके छात्रों की संख्या 1300 से बढ़कर लगभग 4000 तक पहुँचने की संभावना व्यक्ति की। विश्वविद्यालय तथा महाविद्यालयों में सेवारत सभी शिक्षाविदों के सहयोग से ही शिक्षा नीति सुचारू रूप से लागू हो सकती है। इस नीति को लागू करने में प्रशासनिक स्तर पर सहायता और सहयोग तथा समस्याओं के निवारण हेतु आज एक दिन की कार्यशाला का आयोजन किया गया है। हरियाणा राज्य में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के पश्चात चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय जींद को राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने का गौरव प्राप्त हुआ है। अतः आपसी सहयोग, सहायता और सामंजस्य से मिलकर हम इस शिक्षा नीति को कुशलतापूर्वक लागू करें जिससे आने वाले समय में यह अन्य विश्वविद्यालयों के लिए एक उदाहरण के रूप में जाना जाए।

मुख्य वक्ता के रूप में प्रो० बलराम पाणि ने कहा कि हमारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में शिक्षा के साथ-साथ शिक्षा में भारत के दर्शन भी होंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 भारत के दर्शन, संस्कृति, धर्म आवश्यकता के अनुरूप है, जो बौद्धिक परिवर्तन का आधार बनेगी। साथ ही भारत के युवाओं को भ्रम से निकालेगी और उन्हें रोजगारोन्मुखी बनाएगी। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत को वैश्विक शक्तिशाली बनाने के साथ-साथ मानव की पूर्ण क्षमताओं को प्रकट करने का माध्यम बनेगी। इसके द्वारा सामाजिक और न्याय की समानता होगी तथा राष्ट्र का सर्वांगीण विकास होगा।

अन्य वक्ता के रूप में डॉ० साधना शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 का क्रियान्वयन सफल तरीके से होता है तो यह नई प्रणाली भारत को विश्व के अग्रणी देशों के समकक्ष ले आएगी। इसका लक्ष्य स्नातक शिक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, थ्री-डी मशीन, डेटा-विश्लेषण, जैव-प्रौद्योगिकी आदि क्षेत्रों के समावेशन से अत्याधुनिक क्षेत्रों में भी कुशल पेशेवर तैयार होंगे और इससे युवाओं की रोजगार क्षमता में वृद्धि होगी।

आए हुए गणमान्य अतिथियों के प्रति धन्यवाद प्रेषित करते हुए कार्यशाला सह समन्वयक डॉ. निशा देओपा ने आशा व्यक्त की कि हम सभी मिलकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सुचारू रूप से लागू करेंगे।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय की विभिन्न शाखाओं के संकायाध्यक्ष, विभागों के विभागाध्यक्ष तथा महाविद्यालयों के प्रधानाचार्य, प्राचार्य, सह प्राचार्य, सहायक प्राचार्य आदि  उपस्थित रहे तथा कार्यशाला के समापन के पश्चात जलपान की व्यवस्था की गई।

मंच का संचालन डॉ० रचना श्रीवास्तव, सहायक प्राचार्य प्रबंधन विभाग द्वारा किया गया।