एनसीसी युवाओं में देश के प्रति कर्तव्य और समर्पण की भावना पैदा करता है – वीसी

December 15, 2023

एनसीसी युवाओं में देश के प्रति कर्तव्य और समर्पण की भावना पैदा करता है  - वीसी

एनसीसी विभाग द्वारा करवाया गया विशेष व्याख्यान 

एकता और अनुशासन का पाठ पढ़ाया गया विश्वविद्यालय में 

चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय में सत्र 2023-24 में राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) की इकाई की शुरुआत की गयी है। इस सन्दर्भ में, आज दिनांक 14.12.2023 को राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) विभाग द्वारा बच्चों के लिए प्रेरणा  स्वरूप एक व्याख्यान का आयोजन किया गया ताकि विद्यार्थी ज्यादा से ज्यादा NCC के बारे में जान पाएं और NCC से जुड़ सकें। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में कर्नल अनुराग मेहरा, 15 हरियाणा बटालियन NCC, जींद ने शिरकत की। उन्होंने बच्चों को NCC के इतिहास से अवगत करवाया।

कुलपति डॉ॰ रणपाल सिंह ने बताया कि एनसीसी एक युवा विकास गतिविधि है। इसमें राष्ट्र निर्माण के असीम संभावनाएं हैं, यह देश के युवाओं में देश प्रति अपने कर्तव्य, प्रतिबद्धता, समर्पण, अनुशासन और नैतिक मूल्यों की भावना के साथ उनका सर्वांगीण विकास करता है। ताकि वे सक्षम नेता और जिम्मेदार नागरिक बन सकें।

कुलसचिव प्रो॰ लवलीन मोहन ने बताया कि एनसीसी का कर्तव्य है कि देश के सभी क्षेत्रों में नेतृत्व प्रदान करने और राष्ट्र की सेवा के लिए हमेशा उपलब्ध रहने के लिए संगठित, प्रशिक्षित और प्रेरित कर युवाओं को तैयार करना है।

अधिष्ठाता प्रो॰ एस॰ के॰ सिन्हा ने बताया कि एनसीसी युवाओं में चरित्र निर्माण, अनुशासन, धर्म निरपेक्ष, दृष्टिकोण, साहस की भावना तथा स्वयं के आदर्शों को विकसित करना है।

मुख्य वक्ता के रूप में कर्नल अनुराग मेहरा, बताया की एनसीसी की शुरुआत सबसे पहले सन् 1666 से जर्मनी में हुई थी। भारत में एनसीसी का गठन 1948 के राष्ट्रीय कैडेट कोर अधिनियम के तहत किया गया था। इसकी स्थापना 15 जुलाई, 1948 को हुई थी। एनसीसी का उद्देश्य व्यक्तित्व, सौहार्द, साहस की भावना, एक धर्मनिरपेक्ष मानसिकता का विकास करना और युवाओं को निस्वार्थता, उचित अनुशासन सिखाना है। साथ ही, यह बच्चों को भारतीय सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित करने या अपना करियर चुनने के दौरान उन्हें आश्वस्त करने का काम करता है। एनसीसी नेतृत्व की गुणवत्ता, संगठन और देश के प्रति प्रेम को भी बढ़ाता है।

एनसीसी का आदर्श वाक्य ‘एकता और अनुशासन’ है। एनसीसी के प्रमुख को ‘महानिदेशक’ के रूप में जाना जाता है, जो एक थ्री स्टार अधिकारी होता है। एक मेजर जनरल, एक वॉइस मार्शल, पांच ब्रिगेडियर स्तर के अधिकारी और अन्य सिविल अधिकारी उनकी सहायता करते हैं। ऐसी कई एजेंसियां हैं, निजी या सरकारी दोनों, जो एनसीसी कैडेटों को अपने सुरक्षा एजेंट के रूप में पसंद करती हैं। एनसीसी में ‘सी’ प्रमाणपत्र वाले कैडेट्‌स को एसएसबी परीक्षा में सीधे प्रवेश मिलता है और उन्हें सामान्य प्रवेश परीक्षा के लिए अर्हता प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं होती है। डॉ. सुनीति सीटीओ व डॉ. रोहित राठी ने इस कार्यक्रम के आयोजन में प्रमुख भूमिका निभाई और विधार्थियों को NCC में नामांकन करवाने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम का मंच संचालन डॉ. वीरेंदर कुमार, सहायक प्रोफेसर, योग विज्ञान विभाग व डॉ. रीतू रानी, सहायक प्रोफेसर, शिक्षा विभाग ने किया।