सात दिवसीय विश्वविद्यालय एन. एस. एस. शिविर का समापन

February 23, 2023

सात दिवसीय विश्वविद्यालय एन. एस. एस. शिविर का समापन हुआ।

आज शिविर की शुरुआत राष्ट्रीय स्वयंसेवकों के योगाभ्यास से आरंभ की गई, जिसमें डॉ जयपाल राजपूत असिस्टेंट प्रोफेसर डिपार्टमेंट ऑफ योगा साइंस ने बच्चों को योगाभ्यास कराते हुए शिविर में सिखाए गए योग को अपने जीवन में अपनाने बारे उद्बोधन किया।

समापन समारोह के मुख्य वक्त के रूप में श्री सुधीर कुमार जी, संगठन मंत्री, राष्ट्रीय सेवा भारती  को आमंत्रित किया गया एवं डॉ. रणपाल सिंह  कुलपति चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय जींद को मुख्य अतिथि के रूम में आमंत्रित किया गया।

मुख्य वक्त श्री सुधीर जी ने स्वयंसेवकों को उद्बोधन करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना में रहते हुए निस्वार्थ भाव से समाज हित में कार्य करना की एक सच्ची सेवा है। किसी लाभ, लालच और किसी की पाने की लालसा में की गई सेवा का जीवन में कोई महत्व नहीं होता। सरकारी तंत्र में, प्राइवेट एजेंसियों में एक सर्विस शब्द का उपयोग होता है सर्विस का अर्थ भी सेवा होती है लेकिन वहां काम करने की एवज में हमें एक तनख्वाह और महंतनामा मिलता है इसलिए हम इस तनख्वाह और मेहनत के लिए काम करते हैं अतः ऐसी सर्विस को सेवा नहीं कहा जा सकता।सेवा का अर्थ ही निस्वार्थ सेवा करना होता है।उन्होंने कहा कि भरे हुए पेट को रोटी खिलाना भी सेवा नहीं है।समाज से अपेक्षित, भूख से पीड़ित एवं  खाने से वंचित लोगों की सेवा ही निस्वार्थ सेवा होती है।अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए किए गए काम को सेवा मानना गलत है, राष्ट्रीय सेवा योजना में रहते हुए हमें यही सीखने की आवश्यकता है कि किस तरह हम निस्वार्थ सेवा के रास्ते पर आगे बढ़ सकते हैं। अगर देश का हर व्यक्ति निस्वार्थ सेवा में विश्वास रखें  और उस पर कायम रहे तो देश अपने आप बदलने की राह पर चल पड़ेगा।

मुख्य अतिथि डॉ. रणपाल सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि निस्वार्थ सेवा के मार्ग पर बच्चों को ले जाना हमारे विश्वविद्यालय का कर्तव्य है और इसी प्रयास में  इस विश्वविद्यालय सात दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया और भविष्य में भी राष्ट्रीय सेवा योजना केंद्र को विश्वविद्यालय की ऐसी गतिविधियां चलाने में उनका पूरा योगदान रहेगा।

शिविर के समापन समारोह में सभी उपस्थित कार्यक्रम अधिकारी जिसमें डॉक्टर जयविंदर शास्त्री, श्री अमन कुमार,  श्री चांदराम, श्री सुरेंद्र कुमार, श्रीमती आरती सैनी, श्रीमती कांता जागलान, डॉक्टर सुमन देवी, श्रीमती ज्योति आदि को विशेष सम्मान स्मृति चिन्ह देकर उनका शिविर में किए गए योगदान के लिए धन्यवाद किया गया।

शिविर के दौरान स्वयंसेवकों के लिए बहुत सारी प्रतियोगिताएं की गई एवं इन प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान स्वयंसेवकों को निम्न प्रकार से  पुरस्कृत किया गया-

भाषण प्रतियोगिता

प्रथम स्थान- अनामिका गवर्नमेंट कॉलेज पिल्लूखेड़ा,

द्वितीय स्थान- अमीषा  एनएसएस यूनिट 2 सी.आर.एस.यू. जींद,

तृतीय स्थान चांदराम एस.जी.एन.एस.डी कॉलेज ऑफ एजुकेशन उचाना कला,

तृतीय स्थान ममता गवर्नमेंट कॉलेज पिल्लूखेड़ा रहे।

स्लोगन राइटिंग प्रतियोगिता में

प्रथम स्थान-साक्षी एच.के.एम. जींद

द्वितीय स्थान- नरगिस पी.आई.जी.सी. डब्ल्यू. जींद

तृतीय स्थान-अंजलि  एस. डी. जी. सी.उचाना

पोस्टर मेकिंग  प्रतियोगिता

प्रथम स्थान -नीतू शर्मा एन. एस.एस. यूनिट 3 सी.आर.एस.यू जींद,

द्वितीय स्थान -साक्षी एच. के. एम. जींद,

तृतीय स्थान- प्रतिज्ञा सी. आर. के. कॉलेज जींद।

निबंध लेखन प्रतियोगिता

प्रथम स्थान- राहुल यूनिट 3 सी.आर.एस.यू जींद,

द्वितीय स्थान -सुनील लोहान एन. एस. एस. यूनिट-II सी.आर.एस.यू . जींद।

तृतीय स्थान -विधि गवर्नमेंट कॉलेज, सफीदों

ने प्राप्त किए।

डॉ जितेंद्र कुमार कार्यक्रम समन्वयक ने शिविर के समापन में स्वयंसेवकों को उद्बोधन करते हुए कहा कि 7 दिनों के अंदर हमने एक परिवार बनाया और परिवार के सदस्य के रूप में एक दूसरे का साथ दिया जिसके लिए उनका सभी विद्यार्थियों से एवं कार्यक्रम अधिकारियों से धन्यवाद रहा।

कार्यक्रम के दौरान कार्यक्रम अधिकारी जिसमें डॉक्टर जयविंदर शास्त्री, श्री अमन कुमार,  श्री चांदराम, श्री सुरेंद्र कुमार, श्रीमती आरती सैनी, श्रीमती कांता जागलान, डॉक्टर सुमन देवी, श्रीमती ज्योति, श्री धीरज, श्री गौरव कौशिक आदि उपस्थित रहे.