International Women’s Day (March 08,2022) “Gender Equality Today for a Sustainable Tomorrow”

March 4, 2022

आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन सेल और आई०सी०सी०के संयुक्त तत्वावधान में आज दिनांक 3 मार्च 2022 से चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष में महिला सप्ताह का उद्घाटन समारोह आरंभ हुआ|
कार्यक्रम का थीम वाक्य "चिरस्थायी भविष्य के लिए वर्तमान में लैंगिक समानता हेतु पूर्वाग्रह का विच्छेदन" रहा |

गणमान्य अतिथियों के साथ विद्या की देवी माँ सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ |
कार्यक्रम की संयोजिका डॉ० निशा दियोपा ने कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक, संरक्षक, निर्देशक, मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि व अन्य गणमान्य अतिथियों के साथ-साथ विश्वविद्यालय के सभी डीन/ विभागाध्यक्ष/ शैक्षिक, गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों तथा सभागार में उपस्थित सभी सदस्यों का स्वागत व अभिवादन किया |
आभासी माध्यम से जुड़े कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक प्रोफ़ेसर सोमनाथ सचदेवा कुलपति, चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय ने कहा कि महिलाओं में असीमित शक्तियाँ हैं| मैरी कॉम, मदर टेरेसा, सानिया मिर्जा प्रतिभा पाटिल, महादेवी वर्मा, रानी लक्ष्मीबाई, सुरेखा यादव, अपर्णा सेन, इंदिरा नूई आदि महिलाओं ने अद्भुत साहस व परिश्रम के आधार पर समाज में अपनी अभूतपूर्व पहचान बनायी है। उन्होंने बेटों को ऐसी मूल्य शिक्षा प्रदान करने की बात कही जो उन्हें महिलाओं का सम्मान करना सिखाए।

कार्यक्रम के निर्देशक प्रोफेसर एस०के० सिन्हा ने विश्वविद्यालय की पृष्ठभूमि व इसकी शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक गतिविधियों पर प्रकाश डाला | उन्होंने कहा कि बहुत कम समय में ही विश्वविद्यालय ने शिक्षा व खेलों के क्षेत्र में अपना परचम लहराया है | उन्होंने विश्वविद्यालय में उपलब्ध विभिन्न सुविधाओं जैसे- पुस्तकालय, सभागार, भारत बौद्ध गैलरी, पतंजलि योगशाला, अंत्योदय स्कूल, विभिन्न समितियों व परिषदों के बारे में सभी को अवगत कराया |

कार्यक्रम की संरक्षिका व कुलसचिव प्रोफेसर लवलीन मोहन जी ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की प्रासंगिकता के बारे में सभी को अवगत कराया | उन्होंने बताया कि इस दिन का उद्देश्य लैंगिक समानता को बढ़ावा देकर जीवन के विभिन्न क्षेत्रों जैसे- सामाजिक,आर्थिक, सांस्कृतिक व राजनैतिक आदि में महिलाओं को रचनात्मक योगदान प्रदान करने के लिए प्रोत्साहन देना है | महिलाएँ शिक्षा, तकनीकी, प्रशासनिक, सैन्य, कृषि खेलकूद आदि प्रत्येक क्षेत्र में अपना योगदान दे रही है |
महिलाओं की उपलब्धियों से कोई भी क्षेत्र अछूता नहीं है| अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का विषय इंगित करता है कि यदि हम दीर्घकालीन भविष्य की कल्पना करते हैं तो ऐसे समाज की आवश्यकता है जो लैंगिक समानता पर आधारित हो
और पूर्वाग्रह से मुक्त हो |

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि के रूप में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय कार्यकारिणी परिषद की सदस्य श्रीमती ममता यादव जी ने अपने संबोधन में कहा कि प्रत्येक व्यक्ति विशेष है, समाज में प्रत्येक श्रेणी के सदस्य की अपनी भूमिका रहती है | जिनमें महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है |
हरियाणा की महिलाएँ अपने खेतों में ट्रैक्टर चलाती है, गाँवों की महिलाएँ महिला सशक्तिकरण का बहुत अच्छा उदाहरण है | महिला सद्गुणों का विकास करती है, महान बनाती है | वर्तमान में लैंगिक समानता के अधिकार व महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर बल दिया जाना चाहिए|पुरुष को भी परेशानी से उबारने वाली एक सशक्त महिला ही होती है | वैदिक काल से लेकर रामायण, महाभारत आदि के विभिन्न प्रसंगों, दृष्टांतों, उदाहरणों के माध्यम से
उन्होंने बताया कि महिलाएँ ही समाज का आधार है |उन्होंने अपने वक्तव्य में यह कहा कि महिलाओं की समस्याएँ अकेले महिलाओं की नहीं है बल्कि पूरे समाज की समस्याएँ हैं इसलिए पुरुषों को महिलाओं के प्रति अपने दृष्टिकोण में बदलाव लाना चाहिए साथ ही एकात्मता व आत्मीयता के सामंजस्य से लैंगिक समानता के मार्ग में आने वाली चुनौतियों को दूर किया जा सकता है तथा लैंगिक समानता के लिए नीति-निर्धारण करने में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होनी चाहिए |

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉ० रेनू भाटिया अध्यक्ष हरियाणा राज्य महिला आयोग पंचकूला ने अपने वक्तव्य में कहा कि महिलाओं को सम्मान व सुरक्षा देना हम सभी का परम कर्तव्य है | पुरातन काल से ही महिलाएत्र प्रेरणा का स्रोत रही है, वर्तमान में समाज में दुश्चिंता, दुष्ट-प्रवृत्ति रखने वाले इंसानों का नामों निशान मिटाना होगा है |
अपने जीवन प्रसंग से महिलाओं को प्रेरित करते हुए उन्होंने बताया कि महिलाएँ विभिन्न प्रकार की प्रताड़नाओं, कठिनाइयों और समस्याओं आदि के बावजूद भी अपने दृढ़ इच्छाशक्ति के आधार पर जीवन में कामयाब बन सकती हैं| यदि महिला ठान ले तो जीवन में क्या कुछ सृजन नहीं कर सकती | महिलाएँ, पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हर क्षेत्र में अपना योगदान दे रही है, महिलाएँ जीवन के हर क्षेत्र के साथ संतुलन बनाकर एक साथ दो परिवारों के उत्तरदायित्वों का निर्वहन करती है | गृहस्थ जीवन में सौहार्द और सांमजस्य की भावना से प्रेरित होकर महिला आयोग द्वारा 'तेरा मेरा पिन कोड एक है' स्लोगन चलाया जा रहा है| जो समाज की रूढ़िवादी विचारधारा को त्यागकर वैचारिक उत्थान की ओर अग्रसर करता है |

वहीं कार्यक्रम की अन्य मुख्य अतिथि के रूप में प्रोफेसर शालिनी सिंह, प्राध्यापिका, मनोविज्ञान विभाग, महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक रही, जो चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय की आंतरिक परिवाद समिति की अध्यक्षा है |उन्होंने अपने वक्तव्य में आंतरिक परिवाद समिति के संगठन, सदस्यों व उनके कार्यों के बारे में सभी को अवगत करवाया | उन्होंने कहा कि आईसीसी लिंग संबंधी रूढ़िवादी विचारधारा से संबंधित मुद्दों को ध्यान में रखते हुए लिंग संवेदीकरण व महिला सशक्तिकरण के संदर्भ में काम करती है | आईसीसी की विभिन्न प्रकार की क्रियाओं जैसे- सेमिनार, कार्यशाला व प्रेरणादायी वार्ताओं के माध्यम से महिलाओं व छात्राओं को सशक्त करने में अहम भूमिका निभाती है | उन्होंने यह भी कहा कि महिला सप्ताह उत्सव में महिलाओं व छात्राओं को सम्मानित करना व श्रेय प्रदान करना चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय की उत्कृष्ट उपलब्धि है |

इस अवसर पर विश्वविद्यालय प्रशासन व गणमान्य अतिथियों द्वारा गुलाबी ऑटो रिक्शा चालक की प्रधान श्रीमती शकुंतला व श्रीमती दया कौशिक व अन्य महिला ऑटो चालकों को सम्मानित किया गया | जैविक कृषि के क्षेत्र में काम कर रही है श्रीमती कमलेश रानी को भी सम्मानित किया गया |
इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय की (भीम पुरस्कार विजेता) छात्राओं साक्षी व गुरनैल को भी सम्मानित किया गया | इस अवसर पर विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों से आए हुए प्राचार्यों को भी सम्मानित किया गया |
इसके साथ ही मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथियों को स्मृति चिन्ह आदि भेंट कर सम्मानित किया गया |

डॉ० भावना, सहायक प्राध्यापिका, संगीत एवं नृत्य विभाग ने भारत रत्न, स्वर कोकिला स्वर्गीय लता मंगेशकर जी को बड़े ही भावुक अंदाज में श्रद्धांजलि दी |

मंच का कुशल संचालन डॉ० रचना श्रीवास्तव, सहायक प्राध्यापिका, प्रबंधन विभाग के द्वारा किया गया |

कार्यक्रम में उपस्थित सभी गणमान्य अतिथियों, सदस्यों व विश्वविद्यालय से संबद्ध विभिन्न महाविद्यालयों से आए हुए प्रधानाचार्यों/ सहायक प्राध्यापकों/ विद्यार्थियों/ पत्रकारों आदि के साथ-साथ कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना सहयोग प्रदान करने के लिए सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापन डॉ० ममता, सहायक प्राध्यापिका, अंग्रेजी विभाग द्वारा किया गया |